राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित होने से उद्विग्न सभापति हामिद अंसारी ने सवाल किया कि क्या सदस्य सदन को 'अव्यवस्था का महासंघ' बनाना चाहते हैं. सभापति की इस टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताते हुए बीजेपी ने इसे वापस लेने की मांग की, जबकि सरकार ने इसे सदन की कार्यवाही से निकालने को कहा.
अंसारी ने यह टिप्पणी सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही समय बाद की. उस समय बीजेपी के सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा से जुड़े भूमि मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे.
बीजेपी सदस्य हरियाणा में हुए कुछ भूमि सौदों में कथित अनियमितता की जांच और सरकार से जवाब मांग रहे थे. कांग्रेस के कई सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर बीजेपी सदस्यों का विरोध कर रहे थे.
टीडीपी सदस्य अलग तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में ‘आंध प्रदेश बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ नारा लिखी हुई शर्ट पहनकर सदन में आये थे.
अंसारी ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से शांत होने और सदन चलने देने की अपील की.
हंगामा जारी रहने के बीच अंसारी ने कहा, ‘नियम पुस्तिका के प्रत्येक नियम, प्रत्येक शिष्टाचार का उल्लंघन किया जा रहा है. यदि सम्मानित सदस्य सदन को अव्यवस्था का महासंघ बनाना चाहते हैं तो यह अलग बात है.’ सभापति ने हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी.
सदन की बैठक फिर शुरू होने पर विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने अंसारी की टिप्पणी पर अप्रसन्नता जताते हुए मांग की कि आसन को इसे वापस लेना चाहिए. उस समय अंसारी आसन पर नहीं थे और उप सभापति पी जे कुरियन सदन संचालित कर रहे थे. जेटली ने पूरे सदन के लिए ‘अव्यवस्थित’ शब्द का प्रयोग किये जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने इसे वापस लिये जाने की भी मांग की.
बीजेपी नेता ने कहा कि किसी एक सदस्य को भी ‘अव्यवस्थित’ कहना असंसदीय है, जबकि आसन ने पूरे सदन को ‘अव्यवस्थित’ बताया है.
बहरहाल, कुरियन ने कहा कि अंसारी ने महज एक सवाल किया था कि कोई भी सदस्य यह नहीं चाहता कि सदन ‘अव्यवस्था का महासंघ’ बने.
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने आसन से कहा कि विपक्ष के नेता जिस टिप्पणी को हटाने की मांग कर रहे हैं, उसे हटाया जाये.
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सभी सदस्य आसन का काफी सम्मान करते हैं तथा यह बेहतर होगा कि सभापति इसे सदन की कार्यवाही से हटाने की बजाय बिना शर्त इसे वापस ले लें.
बहरहाल, कुरियन ने इस मुद्दे पर कोई ठोस आश्वासन दिये बिना कहा कि इस बारे में वह सदन को बाद में बतायेंगे
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