बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की पहल रंग लाई
मरणोपरांत सम्मानित होंगे रम्मत के लोक कलाकार खेत सिंह जंगा
खेत सिंह के बिना अधूरी है रम्मत
जैसलमेर.जैसलमेर की प्रसिद्ध लोक नाट्य रम्मत के मंझे लोक कलाकार खेत सिंह जंगा को मरणोपरांत जैसलमेर स्थापना दिवस पर यु आई टी सम्मानित करेगी। पहली बार खेत सिंह जंगा को लेकर बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक ने उनकी जीवनी के साथ मुहीम। एक होनहार कलाकार को वो सम्मान नहीं मिला जिसके हकदार थे। बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक सहित देश की कई पत्र पत्रिकाओ में खेत सिंह जंगा की जीवनी प्रकाशित हुई थी।
जैसलमेर स्थापना दिवस पर खेत सिंह जंगा को मरणोपरांत सम्मान दिया जा रहा हें। यह सम्मान उनके पुत्र रमण जंगा ग्रहण करेंगे
जीवन परिचय खेत सिंह जंगा
राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर में होली के समय आयोजित नाट्यशैली का कार्यक्रम "रम्मत" लोकप्रिय कलाकार खेत सिंह जंगा के बिना अधूरी लगने लगी है. ऐतिहासिक एवं पौराणिक अख्यानों पर रचित काव्य रचनाओं कामंचीय अभिनय "रम्मत" की शुरुआत बीकानेर क्षेत्र में करीब 100 साल पहले होली एवं सावन आदि के अवसर पर होने वाली लोक काव्य प्रतियोगिताओं से हुई थी. आरंभ में रम्मत को पाठशालाओं में खेला जाता था. बीकानेर में रम्मत होलाष्टक के प्रारंभ से चतुर्दशी या पूर्णिमा तक खेली जाती है. जैसलमेर के अलावा रम्मतें बीकानेर, पोकरण, फलौदी और आसपास के क्षेत्रों में खेली जाती है. लोक कवियों ने राजस्थान के विख्यात ऐतिहासिक एवं धार्मिक लोक नायकों एवं महापुरुषों पर काव्य रचनाएं की जिससे रम्मत और ख्यात के कलाकार सिर्फ मनोरंजनकर्ता ही नहीं थे अपितु समाज में हो रही क्रांति के प्रति पूरी तरह से जागरुक भी थे. रम्मत के ख्यातिनाम कलाकार और फाग गायक खेत सिंह जंगा जैसलमेर के प्रसिद्व कलाकार थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई बार यादगार अभिनय किया. जैसलमेर में हजुरी समाज के साधारण परिवार में लाधू सिंह जंगा के यहां जन्मे खेत सिंह जंगा को बचपन से ही रम्मत देखने का शौक था. रम्मत के बढ़ते आकर्षण ने उन्हें एक बेहतरीन कलाकार बना दिया. उनकी फाग गायकी को तो जैसलमेर के राजदरबार ने भी मान्यता दे रखी थी. इसके बावजूद उनको वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे. -
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