इस्लामाबाद। आतंकी धमकियों के बावजूद पाकिस्तान ने तीन आतंकवादियों को फांसी देने का फैसला किया है। फांसी की सजा पर लगी रोक हटाने पर पाकिस्तानी सरकार को तहरीक-ए-तालिबानपाकिस्तान [टीटीपी] के एक गुट ने गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी है।
'द डॉन' अखबार के अनुसार, आतंकी गुट लश्करे झांगवी के सदस्यों अतुल्ला, मुहम्मद आजम और जलाल को क्रमश: 20, 21 और 22 अगस्त को सुक्कुर सेंट्रल जेल में फांसी दी जाएगी। पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि फांसी की सजा के आदेश को पूरा करने की प्रक्रिया जारी रहेगी। फांसी के जो भी मामले लंबित हैं, हम एक-एक करके उन्हें निपटाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। आतंकवाद से जुड़े मामलों को वरीयता से निपटाने का सरकार ने फैसला किया है।
गौरतलब है कि टीटीपी ने धमकी दी है कि यदि किसी भी आतंकवादी को सरकार फांसी देने की हिम्मत करती है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। टीटीपी ने दक्षिणी पंजाब और दक्षिणी व उत्तरी वजीरिस्तान में इस चेतावनी के परचे बांटे हैं। इसमें कहा गया है कि किसी भी आतंकवादी को फांसी दिए जाने को तालिबान के साथ युद्ध के रूप में देखा जाएगा।
वर्ष 2008 में पूर्ववर्ती पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने फांसी पर रोक लगा दी थी। इसकी समय सीमा गत 30 जून को समाप्त हो गई। अब मौजूदा पीएमएन-एन सरकार ने फांसी की सजा फिर से बहाल कर दी है। पाकिस्तानी सूचना मंत्री परवेज राशिद ने बताया कि आतंकियों की धमकी से निपटने की तैयार रणनीति का खुलासा मीडिया के सामने नहीं किया जा सकता है। इस बीच अन्य पांच कैदियों को फांसी की सजा से संबंधित फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय भेजी गई है। ये कैदी भी आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं।
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