दिसम्बर तक साफ होगा रिफाइनरी का रास्ता
जयपुर। बाड़मेर में रिफाइनरी लगाने के लिए जमीन, पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र और केन्द्र से रिफाइनरी प्रोजेक्ट के अनुमोदन सहित सभी कार्रवाई दिसम्बर 2013 तक पूरी होंगी।
इसके बाद रिफाइनरी का तकनीकी रूप से निर्माण कार्य 48 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
यह मंगलवार को जारी की गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि बाड़मेर में रिफाइनरी लगाने के लिए 11 जुलाई को राज्य सरकार के साथ एचपीसीएल का समझौता हो चुका है। पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स के साथ 9 मिलियन टन की लगाई जा रही रिफाइनरी पर लगभग 37,230 करोड़ रूपए खर्च होंगे। रिफाइनरी के संयुक्त उपक्रम का नाम एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) रखा गया है। प्रोजेक्ट में एचपीसीएल की हिस्सेदारी 74 और राजस्थान सरकार की 26 फीसदी होगी।
जयपुर। बाड़मेर में रिफाइनरी लगाने के लिए जमीन, पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र और केन्द्र से रिफाइनरी प्रोजेक्ट के अनुमोदन सहित सभी कार्रवाई दिसम्बर 2013 तक पूरी होंगी।
इसके बाद रिफाइनरी का तकनीकी रूप से निर्माण कार्य 48 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
यह मंगलवार को जारी की गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि बाड़मेर में रिफाइनरी लगाने के लिए 11 जुलाई को राज्य सरकार के साथ एचपीसीएल का समझौता हो चुका है। पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स के साथ 9 मिलियन टन की लगाई जा रही रिफाइनरी पर लगभग 37,230 करोड़ रूपए खर्च होंगे। रिफाइनरी के संयुक्त उपक्रम का नाम एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) रखा गया है। प्रोजेक्ट में एचपीसीएल की हिस्सेदारी 74 और राजस्थान सरकार की 26 फीसदी होगी।
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