गंगानगर एसपी ने अनूपगढ़ के अपर सेशन जज के खिलाफ जिला जज को लिखा पत्र
सिपाही का ट्रांसफर नहीं रोका, इसलिए जज खिलाफ : एसपी
श्रीगंगानगर अनूपगढ़ के अपर सेशन न्यायाधीश एमएस सिसोदिया द्वारा श्रीगंगानगर के एसपी संतोष चालके के खिलाफ पेश इस्तगासे में नया मोड़ आ गया है। एसपी का आरोप है कि न्यायाधीश सिसोदिया ने उन्हें एक कांस्टेबल का तबादला नहीं करने की सिफारिश की थी। उन्होंने इसे मानने से इनकार किया तो वे (न्यायाधीश) उनसे रंजिश रखने लगे। वे न्यायालय की शक्तियों का भी दुरुपयोग कर रहे हैं। एसपी ने यह पत्र इसी आठ अगस्त को जिला सेशन न्यायाधीश को लिखा है। इससे पहले वे जनवरी 2013 में भी न्यायाधीश सिसोदिया की हाईकोर्ट की विजिलेंस सेल के रजिस्ट्रार को शिकायत कर चुके हैं। ये दोनों पत्र 'भास्कर' के पास उपलब्ध हैं।
ये है मामला
अनूपगढ़ के अपर सेशन न्यायाधीश एमएस सिसोदिया ने घड़साना कैंप के दौरान किसान आंदोलन से जुड़े एक मामले में ट्रायल में पेश नहीं होने पर विधायक पवन दुग्गल, पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल सहित कई जनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वारंट तामील के लिए डीजी के जरिए एसपी को भेजा गया था। आरोप है कि एसपी ने इसकी पालना नहीं की। इस पर न्यायाधीश सिसोदिया ने 11 जुलाई 2013 को मुंसिफ मजिस्ट्रेट न्यायालय में एसपी संतोष चालके के खिलाफ न्यायालय की अवहेलना के आरोप में इस्तगासा पेश कर दिया। इसमें मुंसिफ मजिस्ट्रेट ने एसपी को 30 अगस्त को हाजिर होने के आदेश दिए हैं। एसपी ने इस आदेश के खिलाफ सेशन न्यायालय में निगरानी याचिका भी पेश की हुई है।
मैंने मामले की जानकारी पूर्व सेशन न्यायाधीश, मौजूदा सेशन न्यायाधीश व हाईकोर्ट को दी है। न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के कारण मीडिया से यह जानकारी मैं शेयर नहीं कर सकता।
-संतोष चालके, एसपी, श्रीगंगानगर।
संतोष चालके
इस्तगासे में लगाए आरोप गलत व तथ्यों से परे
जज ने अनूपगढ़ विधायक पवन दुग्गल, पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इन्हें 21 नवंबर, 12 को पेश करना था। उस दिन जज अवकाश पर थे। पेशी नहीं हो पाई। अगले दिन आरोपियों ने सरेंडर कर दिया। न्यायाधीश ने आदेश में लिखा कि एसपी ने वारंट तामील नहीं कराया।
झूठी शिकायत करते हैं न्यायाधीश
जनवरी 2013 में घड़साना किसान आंदोलन हुआ था, तब अनूपगढ़ डीएसपी व घड़साना एसएचओ को पत्र लिखकर अपर सेशन न्यायाधीश को सुरक्षा के लिए पुलिस वाहन दिया गया था। फिर भी जज ने हाईकोर्ट और डीजी से झूठी शिकायत की कि सुरक्षा नहीं मिली।
तबादला रुकवाने हमारे दफ्तर आए थे जज
26 मई 2012 को मैंने कांस्टेबल फूलचंद का तबादला घड़साना से रावला किया था। तबादला रोकने के लिए एमएस सिसोदिया एसपी कार्यालय आए। फोन भी किए। कहा- कांस्टेबल रोज उन्हें घुमाने लेकर जाता है। मैंने इनकार कर दिया। इसी कारण जज शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
मामला कोर्ट में है
॥मामला अभी कोर्ट में पेंडिंग है। मुझे और कुछ नहीं कहना।
-एमएस सिसोदिया,
अपर सेशन जज, अनूपगढ़
एसपी का पत्र मिला है
॥एसपी का पत्र मुझे मिला है, जिसे देखा जा रहा है। यह न्यायपालिका से जुड़ा विषय है और कानून की नजर में सब बराबर हैं। इस बारे में और कुछ नहीं कहना।
-हरफूलसिंह, जिला एवं सेशन न्यायाधीश, श्रीगंगानगर।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें