गुरुवार, 1 अगस्त 2013

बगावत के बावजूद कर्नल का कद बढ़ा संघठन में …स्थनिय नेता हैरान


बगावत के बावजूद कर्नल का कद बढ़ा संघठन में …स्थनिय नेता हैरान 



बाड़मेर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घुर विरोधी मने जाने वाले कद्दावर जाट नेता और बाड़मेर जिले की बायतु विधानसभा क्षेत्र से विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी को चुनाव कम्मेटी में लेकर उनका ना केवल राजनितिक कद बढाया अपितु यह सन्देश देने का प्रयास भी किया की कर्नल की अनदेखी कांग्रेस संगठन नहीं कर सकता क़र्नल की चुनाव कम्मेटी में आने से स्थानीय कांग्रेसी नेता हैरान हें कहाँ तो कर्नल के निलंबन की बात कर रहे थे कहाँ कर्नल को संगठन ने मजबूती प्रदान कर दी .बेबाक और अपनी दबंगता के लिए खास पहचान बना चुके कर्नल पर हाल ही में रिफायनरी विवाद को हवा देने का आरोप लगाया गया था क़र्नल स्थानीय जनता के साथ खड़े होकर मुख्यमंत्री के रिफायनरी को उनके विधानसभा क्षेत्र के लीलाना से पचपदरा स्थानांतरित करने का पुरजोर विरोध कर आन्दोलन कर रहे हें .इस दौरान कर्नल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों पर स्वार्थ की राजनीती करने के आरोप भी मढ़े क़र्नल के आरोपों से आहात होकर राजस्व मंत्री हेमाराम चुधारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया ,हेमाराम के इस्तीफे को लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने कर्नल पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाने के साथ भाजपा के साथ मिले होने के गंभीर आरोप भी लगे .स्थनिय नेता कर्नल को हासिये पर धकेलने के सरे हथकंडे अपना गए ,की पचपदरा विधायक ने तो उन पर क्षेत्रवाद की राजनीती करने का गंभी आरोप सार्वजनिक मंच पर लगाया . अशोक गहलोत पर कर्नल ने रिफायनरी के बदले अपने पुत्र वैभव गहलोत का राजनितिक भविष्य संवारने का आरोप लगाया जिस पर गहलोत को बयान देना उनके पुत्र को पचपदरा से चुनाव लड़ाने की कोई मंशा नहीं हें . कर्नल की जन लोकप्रियता के पैमाने को कांग्रेस आलाकमान ने सर आँखों पर रख उन्हें चुनाव कम्मेटी का हिस्सा बना दिया क़र्नल के चुनाव कम्मेटी में आने से कर्नल विरोधी स्थानीय विधायको के माथे पर चिंता की लकीरे साफ़ दिखने लगी हें की कही कर्नल चुनाव कम्मेती में उनके नाम का विरोध कर टिकल में दिक्कते पैदा न कर ले . बहरहाल कर्नल के खुले विचारो को कांग्रेस संगठन ने ख़ास तवज्जो देकर उनका राजनितिक कद बढाया हें 

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