रविवार, 21 जुलाई 2013

जैतारण के पूर्व डीएसपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज


जैतारण के पूर्व डीएसपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज 

तीन दिन पहले चुरु के सुजानगढ़ में एएसपी पद पर तैनात हुए हैं तत्कालीन डीएसपी, हुनावास गांव में महिला की हत्या के आरोपियों को बचाने का आरोप 

पाली कोर्ट के आदेश पर जैतारण के तत्कालीन डीएसपी केसी यादव के खिलाफ जैतारण थाना क्षेत्र के हुनावास गांव में एक महिला की हत्या के मामले में आरोपियों को बचाने के आरोप में शनिवार को मुकदमा दर्ज किया गया है। यादव को तीन दिन पहले ही डीएसपी से पदोन्नति देकर राज्य सरकार ने चुरु जिले के सुजानगढ़ में एएसपी पद पर स्थानांतरित किया है। यादव पर आरोप है कि हत्या के मामले में जांच के बाद उन्होंने एक ही व्यक्ति को मुल्जिम ठहराया, जबकि बाकी के सात आरोपियों को निर्दोष बताते हुए चालान कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने इसी मामले में पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए सभी सात आरोपियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया था। 

हुनावास गांव के महेंद्रसिंह पुत्र पांचाराम बावरी की ओर से कोर्ट के जरिए इस्तगासा शनिवार को दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया गया है कि 15 मई12को उसकी माता सुखी देवी की हत्या कर दी गई थी। पुलिस में हत्या के आरोप में हुकमाराम सीरवी तथा जयराम के साथ मंगलाराम बगदुड़ी, बुद्धाराम, बंशीलाल, नर्मदा एवं मदनलाल के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसकी जांच तत्कालीन डीएसपी यादव को सौंपी गई। रिपोर्ट में आरोप है कि जांच अधिकारी ने हत्या के आरोप में हुकमाराम सीरवी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। जांच अधिकारी ने तथ्यों को तोड़ मरोड़कर मृतका की पुत्री तथा घटना की चश्मदीद गवाह रामकन्या के बयान को बदलते हुए मनमर्जी से बयान दर्ज किए। साथ ही जांच अधिकारी ने हत्या के आरोपी जयराम, मंगलाराम, बगदुड़ी बुद्धाराम, बंशीलाल, नर्मदा एवं मदनलाल को बचाने का प्रयास किया। इस मुकदमे की जांच बाली वृत्त के एएसपी श्यामसिंह चौधरी को सौंपी गई है, जिनका कहना है कि केस की फाइल अभी तक उनके पास नहीं पहुंची है। चौधरी ने 'भास्कर' को बताया कि केस की फाइल आने पर मामले की जांच की जाएगी। इस संबंध में एएसपी केसी यादव से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ लिया प्रसंज्ञान

हत्या के इस मामले में जांच अधिकारी द्वारा कोर्ट में पेश किए चालान के बाद मृतका के पुत्र महेंद्रसिंह ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में परिवाद पेश किया। परिवाद की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले में फिर से पुलिस को जांच के निर्देश दिए। परिवादी ने सीआरपीसी की धारा 190 के तहत कोर्ट में फिर से परिवाद पेश कर जांच अधिकारी केसी यादव के खिलाफ लोकसेवक के कर्तव्यों का सही पालन नहीं करने व आरोपियों को बचाने का प्रयास का आरोप लगाया। परिवाद की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 जून 13 को मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को तलब किया।

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