बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को सुधारने के लिए नव दंपती ने मिसाल पेश की
बाड़मेर शादी के समय पंडित दूल्हे और दुल्हन को सैकड़ों वादे-कसमें और संकल्प दिलाते हैं। इसमें प्रकृति के संरक्षण का प्रण भी दिलाया जाता है, लेकिन बाड़मेर की एक नव दंपती ने शादी के तुरंत बाद पर्यावरण संरक्षण का संकल्प पूरा करने के लिए पौधरोपण कर नई मिसाल पेश की है। उन्होंने पौधरोपण से दांपत्य जीवन की शुरूआत की।
बाड़मेर शहर के राजीव नगर में रहने वाले नायब तहसीलदार नानगाराम डूडी की पुत्री लक्ष्मी डूडी की शादी 13 जुलाई को बलदेव नगर निवासी लिखमाराम सहारण के पुत्र गणपत सहारण के साथ हुई। दुल्हन लक्ष्मी डूडी पेशे से टीचर हैं और नाइयों की ढाणी शिवकर स्थित सरकारी स्कूल में कार्यरत हैं, जबकि गणपत सहारण एमए कर रहे हैं। 14 जुलाई को विदाई से पहले नव दंपती ने पौधरोपण किया तथा अपने जीवन में खुशी के हर मौके पर पौधरोपण करने का संकल्प लिया। दुल्हन के भाई ओमप्रकाश डूडी, डॉ. भरत सहारण तथा सामाजिक कार्यकर्ता हनुमानराम डऊकिया ने नव दंपती के इस कदम की सराहना की तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को गति देने का संकल्प लिया।
हमेशा तत्पर रहूंगी
नव विवाहिता लक्ष्मी ने बताया कि प्रकृति अनमोल है, लेकिन वर्तमान में इसकी सुरक्षा जरूरी है। मैं हमेशा से ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग रही हूं। मैंने प्रण लिया था कि शादी के बाद नए जीवन की शुरूआत पौधरोपण से ही करूंगी। साथ ही मैं हमेशा लोगों को पर्यावरण के संरक्षण के लिए जागृत करती रहूंगी।
लोगों को जागरूक करूंगा
नव विवाहित गणपत सहारण ने बताया कि मैंने हमेशा से ही पर्यावरण संरक्षण के कार्यक्रमों में रुचि रखी है। उन्होंने बताया कि वे फिफ्टी विलेजर्स से जुड़े हुए हैं, जिससे वे पौधरोपण के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। शादी के बाद पौधरोपण से नए जीवन की शुरूआत के बारे में उन्होंने बताया कि यह पल हर व्यक्ति के जीवन में खास अहमियत रखता है। अगर ऐसे पल को यादगार बनाना है तो कुछ नया होना चाहिए।
पौधरोपण कर मैंने पर्यावरण के प्रति अपनी संजीदगी को जाहिर ही नहीं किया बल्कि आगे जब भी पौधरोपण करूंगा या देखूंगा तो यह पल हमेशा याद आएगा।
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