रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर में प्रोफेसर दौलत सिंह कोठारी स्मृति व्याख्यान का आयोजन
रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर में आज 21वां प्रोफेसर दौलत सिंह कोठारी स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। आयोजन का शुभारम्भ मां सरस्वती वन्दना, माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में रक्षा प्रयोगशाला के निदेशक डा. सम्पत राज वडेरा ने अपने स्वागत उदबोधन में अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि प्रो. डी.एस. कोठारी, विज्ञान व मानवता के समागम थे साथ ही प्रयोगशाला की गतिविधियों तथा उपलबिधयों पर प्रकाश डाला। डीआरडीओ, नर्इ दिल्ली के महानिदेशक एवं रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार श्री अविनाश चन्दर ने भावी मानवरहित युद्ध : तकनीकी चुनौतियां विषय पर 21वां स्मृति व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही हमें नर्इ-नर्इ तकनीकियों को विकसित करना होगा तभी हम आगे बढ़ पाऐंगे। इसमें उन्होंने मानवरहित तकनीकी जैसे डीआरडीओ द्वारा विकसित निशांत, लक्ष्य आदि का ब्यौरा दिया और इसमें प्रक्षेपास्त्रों की तो एक अहम भूमिका होगी ही। क्योंकि भविष् में कभी युद्ध हुआ तो यह मिसाइल युद्ध अथवा मानवरहित युद्ध ही होगा। विशिष्ट अतिथि डीआरडीओ के मुख्य नियंत्रक डा. मालकोन्डैया ने अपने उदबोधन में डीआरडीओ द्वारा रक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर संक्षिप्त प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत सरकार की केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डा0 चन्द्रेश कुमारी ने की। उन्होंने प्रोफेसर दौलत सिंह कोठारी के लिए कहा कि शिक्षा एवं विज्ञान के प्रति उनकी संपूर्ण प्रतिबद्धता थी। साथ ही उन्होंने देश की रक्षा में डीआरडीओ द्वारा किए जा रहे अनुसंधान एवं उपलबिधयों का जिक्र किया और रक्षा वैज्ञानिकों को एक महत्वपूर्ण भागीदारी निभाने का आहवान किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री एस.जी. वैजापुरकर, वैज्ञानिक 'जी, श्री मादा राम पटेल, तकनीकी अधिकारी 'सी एवं श्री दाना राम, कार्यालय अटेन्डैण्ट को लाइफ टार्इम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में शहर के विभिन्न शैक्षणिक, अनुसंधान संस्थानों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों, शिक्षाविद तथा गणमान्य प्रबुद्ध नागरिक उपसिथत थे। कार्यक्रम के समापन पर आयोजन समिति के अध्यक्ष डा0 एस.के. जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया एवं श्रीमती अनुराधा बेरा ने मंच का सफलतापूर्वक संचालन किया।
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