नई दिल्ली: अजय माकन ने शनिवार रात आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। एक अन्य कैबिनेट मंत्री सीपी जोशी ने भी इस्तीफा दे दिया है। केंद्रीय कैबिनेट में सोमवार को फेरबदल की संभावना है।
माकन (49) को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में कोई पद दिया जा सकता है। प्रबल संभावना है कि उन्हें महासचिव बनाया जा सकता है। उन्हें दिल्ली कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने की भी चर्चा है। माकन इससे पहले गृह राज्य मंत्री थे और बाद में उन्हें खेल एवं युवा मामलों का स्वतंत्र प्रभार संभाला। माकन को पिछले साल अक्टूबर में कैबिनेट दर्जा प्रदान किया गया।
यह फेरबदल यूपीए-दो में आखिरी होने की संभावना है, क्योंकि लोकसभा चुनाव होने में एक वर्ष से कम का समय बचा है। सूत्रों ने बताया कि ये बदलाव मंगलवार से प्रभावित होने की संभावना है। प्रधानमंत्री पहले कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल में कुछ रिक्तियां हैं और उन्हें भरने पर विचार किया जा रहा है।
पवन कुमार बंसल और अश्विनी कुमार के त्यागपत्र से ये रिक्तियां बनी हैं। बंसल ने रेलमंत्री पद से पिछले महीने उस रिश्वत कांड के मद्देनजर दिया, जिसमें उनके भतीजा और रेलवे बोर्ड का एक सदस्य शामिल था। अश्विनी कुमार ने कोयला ब्लॉक आवंटन पर सीबीआई की एक रिपोर्ट देखने को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद कानून मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था।
सड़क एवं राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी को रेलवे का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जबकि कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को गया है। इस फेरबदल में दो मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे मंत्रियों से एक मंत्रिमंडल का प्रभार वापस लिया जा सकता है। डीएमके और तृणमूल कांग्रेस के यूपीए से समर्थन वापस लेने के बाद खाली हुए मंत्री पदों को भी भरा जाना है।
डीएमके के पांच मंत्रियों ने गत 20 मार्च को त्यागपत्र दे दिया था, जिसके बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कोई फेरबदल या विस्तार नहीं हुआ है। सूत्रों ने बताया कि अगले लोकसभा चुनावों से पहले संगठनात्मक कामों के लिए कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में फेरबदल काफी समय से लंबित था। इसे भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद फिलहाल पार्टी में आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु के प्रभारी हैं। उन्हें नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बात के भी संकेत हैं कि कांग्रेस महासचिव एवं मीडिया प्रभारी जनार्दन द्विवेदी से मीडिया का प्रभार वापस लिया जा सकता है। वह छह साल से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अंबिका सोनी एवं दिग्विजय सिंह सहित कई पार्टी नेताओं के नाम पद के लिए लिए जा रहे हैं। कई राज्यों के प्रभारियों की जिम्मेदारी में भी फेरबदल किया जा सकता है।
माकन (49) को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में कोई पद दिया जा सकता है। प्रबल संभावना है कि उन्हें महासचिव बनाया जा सकता है। उन्हें दिल्ली कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने की भी चर्चा है। माकन इससे पहले गृह राज्य मंत्री थे और बाद में उन्हें खेल एवं युवा मामलों का स्वतंत्र प्रभार संभाला। माकन को पिछले साल अक्टूबर में कैबिनेट दर्जा प्रदान किया गया।
यह फेरबदल यूपीए-दो में आखिरी होने की संभावना है, क्योंकि लोकसभा चुनाव होने में एक वर्ष से कम का समय बचा है। सूत्रों ने बताया कि ये बदलाव मंगलवार से प्रभावित होने की संभावना है। प्रधानमंत्री पहले कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल में कुछ रिक्तियां हैं और उन्हें भरने पर विचार किया जा रहा है।
पवन कुमार बंसल और अश्विनी कुमार के त्यागपत्र से ये रिक्तियां बनी हैं। बंसल ने रेलमंत्री पद से पिछले महीने उस रिश्वत कांड के मद्देनजर दिया, जिसमें उनके भतीजा और रेलवे बोर्ड का एक सदस्य शामिल था। अश्विनी कुमार ने कोयला ब्लॉक आवंटन पर सीबीआई की एक रिपोर्ट देखने को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद कानून मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था।
सड़क एवं राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी को रेलवे का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जबकि कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को गया है। इस फेरबदल में दो मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे मंत्रियों से एक मंत्रिमंडल का प्रभार वापस लिया जा सकता है। डीएमके और तृणमूल कांग्रेस के यूपीए से समर्थन वापस लेने के बाद खाली हुए मंत्री पदों को भी भरा जाना है।
डीएमके के पांच मंत्रियों ने गत 20 मार्च को त्यागपत्र दे दिया था, जिसके बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कोई फेरबदल या विस्तार नहीं हुआ है। सूत्रों ने बताया कि अगले लोकसभा चुनावों से पहले संगठनात्मक कामों के लिए कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में फेरबदल काफी समय से लंबित था। इसे भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद फिलहाल पार्टी में आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु के प्रभारी हैं। उन्हें नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बात के भी संकेत हैं कि कांग्रेस महासचिव एवं मीडिया प्रभारी जनार्दन द्विवेदी से मीडिया का प्रभार वापस लिया जा सकता है। वह छह साल से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अंबिका सोनी एवं दिग्विजय सिंह सहित कई पार्टी नेताओं के नाम पद के लिए लिए जा रहे हैं। कई राज्यों के प्रभारियों की जिम्मेदारी में भी फेरबदल किया जा सकता है।
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