विकलांग अरूणिमा ने करा"एवरेस्ट फतह"
जमशेदपुर। लगभग दो साल पहले अपराधियों द्वारा चलती ट्रेन से फेंक दिए जाने के कारण एक पैर गंवा चुकी उत्तर प्रदेश की पूर्व महिला वॉलीबाल और फुटबॉल खिलाड़ी अरूणिमा सिन्हा ने गजब के जीवट का परिचय देते हुए मंगलवार को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (29028 फुट) को फतह कर एक नया इतिहास रचते हुए ऎसा करने वाली पहली विकलांग भारतीय महिला होने का रिकार्ड अपने नाम कर लिया।
एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पॉल से प्रशिक्षण लेने वाली अरूणिमा ने सुबह 10 बज कर 45 मिनट पर चोटी पर तिरंगा फहरा दिया। उसके अभियान को प्रायोजित करने वाली कंपनी टाटा स्टील ने यहां जारी बयान में यह जानकारी दी। वर्ष 2011 में एक इंटरव्यू के लिए पदमावत एक्सप्रेस से नोयडा जाते समय कुछ बदमाशों द्वारा बरेली के निकट बाहर फेंक दी गई अरूणिमा ने एक पैर गंवाने के बाद से ही एवरेस्ट फतह का संकल्प लिया था।
उसने टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की प्रमुख बछेंद्री पॉल से संपर्क साधा था और विशेष प्रशिक्षण के बाद 21000 फुट से अधिक ऊंची माउंट चमशेर कांगड़ी पर चढ़ने का भी प्रयास किया था। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की रहने वाली अरूणिमा ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य की वॉलीबाल और फुटबॉल टीमों में प्रतिनिधित्व किया है। अरूणिमा के साथ गए झारखंड के सुषेण महतो ने दो दिन पूर्व ही एवरेस्ट पर चढ़ाई पूरी कर ली थी।
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