स्पॉट फिक्सिंग मामले में दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के कुल 3 मैच में स्पॉट फिक्सिंग की गई थी. दिल्ली पुलिस ने बताया कि राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी श्रीसंत ने 9 मई को माहोली में राजस्थान और पंजाब के बीच खेले गए मैच में स्पॉट फिक्सिंग की थी.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने देर रात 2:30 बजे श्रीसंत के अलावा दो अन्य खिलाड़ियों अजित चंडीला और अंकित चव्हाण को दक्षिण मुंबई के होटल ट्राईडेंट से धारा 420 और 120-बी के तहत गिरफ्तार किया. पुलिस उन्हें दिल्ली ले आई है.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने अपनी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान रॉयल्स के 3 खिलाड़ी और कुल 11 बुकी गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक खिलाड़ियों और सट्टेबाजों में यह तया हुआ था कि वे एक ओवर में कम से कम 14 रन देंगे.
सट्टेबाजों ने खिलाड़ियों को यह भी निर्देश दिया था कि जब वे डील के मुताबिक रन देने के लिए तैयार हो जाएंगे तो उन्हें इशारा करना होगा. ये इशारे थे- लॉकेट शर्ट से बाहर निकालना, शर्ट बाहर निकालना और ट्राउजर में तौलिया रखना आदि.
पुलिस के मुताबिक स्पॉट फिक्सिंग की शुरुआत 5 मई को जयपुर में राजस्थान रॉयल्स और पुणे वॉरियर्स के बीच खेले गए मैच से हुई थी. इस दौरान अजित चंडीला को अपने सेकेंड स्पेल में14 रन देने थे. लेकिन चंडीला सिग्नल देना भूल गए और बुकी सट्टा नहीं लगा पाए.
दूसरी बार 9 मई को माहोली में राजस्थान और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेले गए मैच में स्पॉट फिक्सिंग की गई. श्रीसंत को अपने ट्राउजर में तौलिया रखकर इशारा करना था. श्रीसंत ने मैदान में वॉर्मअप के बहाने बुकी को सट्टा लगाने का समय दिया. इसके बाद उन्होंने उस ओवर में 13 रन दिए.
पुलिस के मुताबिक तीसरी बार मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच बुधवार यानी कि 15 मई को खेले गए मैच में भी स्पॉट फिक्सिंग की गई. इस मैच में अजित चंडीला नहीं थे, लेकिन उन्होंने अंकित चव्हाण और सट्टेबाजों के बीच बिचौलिए का काम किया. चव्हाण को भी अपने दूसरे स्पेल में 14 या इससे ज्यादा रन देने थे.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने देर रात 2:30 बजे श्रीसंत के अलावा दो अन्य खिलाड़ियों अजित चंडीला और अंकित चव्हाण को दक्षिण मुंबई के होटल ट्राईडेंट से धारा 420 और 120-बी के तहत गिरफ्तार किया. पुलिस उन्हें दिल्ली ले आई है.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने अपनी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान रॉयल्स के 3 खिलाड़ी और कुल 11 बुकी गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक खिलाड़ियों और सट्टेबाजों में यह तया हुआ था कि वे एक ओवर में कम से कम 14 रन देंगे.
सट्टेबाजों ने खिलाड़ियों को यह भी निर्देश दिया था कि जब वे डील के मुताबिक रन देने के लिए तैयार हो जाएंगे तो उन्हें इशारा करना होगा. ये इशारे थे- लॉकेट शर्ट से बाहर निकालना, शर्ट बाहर निकालना और ट्राउजर में तौलिया रखना आदि.
पुलिस के मुताबिक स्पॉट फिक्सिंग की शुरुआत 5 मई को जयपुर में राजस्थान रॉयल्स और पुणे वॉरियर्स के बीच खेले गए मैच से हुई थी. इस दौरान अजित चंडीला को अपने सेकेंड स्पेल में14 रन देने थे. लेकिन चंडीला सिग्नल देना भूल गए और बुकी सट्टा नहीं लगा पाए.
दूसरी बार 9 मई को माहोली में राजस्थान और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेले गए मैच में स्पॉट फिक्सिंग की गई. श्रीसंत को अपने ट्राउजर में तौलिया रखकर इशारा करना था. श्रीसंत ने मैदान में वॉर्मअप के बहाने बुकी को सट्टा लगाने का समय दिया. इसके बाद उन्होंने उस ओवर में 13 रन दिए.
पुलिस के मुताबिक तीसरी बार मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच बुधवार यानी कि 15 मई को खेले गए मैच में भी स्पॉट फिक्सिंग की गई. इस मैच में अजित चंडीला नहीं थे, लेकिन उन्होंने अंकित चव्हाण और सट्टेबाजों के बीच बिचौलिए का काम किया. चव्हाण को भी अपने दूसरे स्पेल में 14 या इससे ज्यादा रन देने थे.
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