शनिवार, 6 अप्रैल 2013

जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र .......भाजपा कांग्रेस में उमीदवारो की फौज

उम्मेद सिंह तंवर

मनोहर सिंह अडबाला

जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र .......भाजपा कांग्रेस में उमीदवारो की फौज


जितने कार्यकर्ता उतने ही दावेदार 

कांग्रेस उम्मेद सिंह पर खेल सकती हें दाव



नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में स्थानीय नेता अभी से जुट गए हें ,कांग्रेस इस सीट को हासिल करने के लिए नए उम्मीदवार पर डाव खेलेगी तो भाजपा अपने वर्तमान विधायक की गतिविधियों और कामकाज से ज्यादा भरोसा उन पर नहीं कर रही .गत विधानसभा चुनावों में भाजपा के छोटू सिंह बहती ने कम अंतर से यह सीट निकाली थी ,कांग्रेस को उनके बागी उम्मीदवारों ने जोर का झटका दिया था .पूर्व विधायक गोवर्धन कल्ला की निर्दलीय उम्मीदवारी ने कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया था ,कांग्रेस के उम्मीदवार सुनीता बहती और भाजपा के छोटू सिंह के बीच के इस मुकाबले को किशन सिंह बहती और गोवर्धन कल्ला ने चतुश्कोनिय बना कर दिलचस्प कर दिया था अंततः यह सीट भाजपा की झोली में गई ,भाजपा विधायक छोटू सिंह बहती अपने कार्यकाल में कोई ख़ास उपलब्धि हासिल करने में नाकाम रहे ,वही भाजपा के कार्यकर्ताओ का भी विशवास प्राप्त नहीं कर पाए जिसका नतीजा हें की जिला परिषद् सदस्य मनोहर सिंह भाटी अडबाला भाजपा की और से सशक्त दावेदार के रूप में उभर कर सामने आये हें ,उनकी राजपूत समाज के अलावा एनी समाजो में गहरी पथ हें ,युवा भी हें ,काफी लोकप्रिय हें जिसके कारण उनकी सशक्त उम्मीदवारी को नहीं जा सकता वैसे पूर्व विधायक सांग सिंह भी दावेदारी में हें मगर भाजपा उनके दामन में लगे सी दी काण्ड के दाग के कारन उनकी अनदेखी करे तो कोई आश्चर्य नहीं .इधर कांग्रेस ने भी अपनी सत्ता होने के मौके को सही तरीके से भुना नहीं पाई ,जैसलमेर शहर में नगर पारिषद के सभापति अशोक सिंह तंवर और यु आई टी अध्यक्ष उम्मेद िंह तंवर को अवसर देकर हजूरी समाज को लुभाने का प्रयास किया .मगर कांग्रेस को इसमे ज्यादा सफलता मिलेगी इसमे संदेह हें ,पोकरण विधायक साले मोहम्मद का जैसलमेर क्षेत्र में जबरदस्त हस्तक्षेप के कारण मुस्लिम जैसलमेर में एनी कांग्रेसी कार्यकर्ताओ पर हावी रहे जिसकी शिकायक इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठ कार्यकर्ताओ ने की थी जिसके चलते साले मोहम्मद के पर भी कतरे गए मगर जैसलमेर में अल्पसंख्यको के बढ़ाते प्रभाव के कारन एनी समाजो का कांग्रेस से मोह भंग हुआ इसमे कोई दो राय नहीं .भाजपा इस मौके को भुनाना चाहेगी .जैसलमेर से भाजपा और कांग्रेस की तरफ से राजपूत उम्मीदवारों के बीच उम्मेद सिंह तंवर बन कर , हें कांग्रेस नहीं कर क्योकि तंवर गहलोत के नजदीक होने के साथ ही कांग्रेस संघठन में गहरी पेठ रखते हें ,नगर परिषद् के सभापति अशोक तंवर को एक विधायक के तौर पर कार्य करने का भरपूर अवसर था मगर वो इस अवसर को भुना नहीं पाए .जैसलमेर राज परिवार की राजनीती में घटती दिलचस्पी के कारन एनी लोगो को अवसर मिलेंगे .भाजपा के पास रणवीर सिंह खुहडी ,मनोहर सिंह अडबाला ,सांग सिंह भाटी ,स्वरुप सिंह हमीर जैसे दावेदार हें तो कांब्ग्रेस के पास सुनीता बहती ,उम्मेद सिंह तंवर ,अशोक सिंह तंवर ,जनक सिंह भाटी ,गोवर्धन कल्ला जैसे दावेदार हें ,

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