बाड़मेर फिर भी प्यासा ...लिफ्ट केनल योजना लोगो को भ्रमित किया
बाड़मेर। बाड़मेर जिले में पेयजल संकट के स्थायी समाधान के लिए वर्षाें से योजनाएं बन रही है, क्रियान्वित हो रही है, लेकिन उनकी गति इतनी धीमी है कि वे पूरी होती ही नहीं या फिर पूरी होने तक जरूरतें बढ़ जाती हैं। फिलहाल जिले में पांच बड़ी जल परियोजनाएं एक दशक से चल रही हैं, लेकिन पूरा होने का नाम ही नहीं ले रही। आशान्वित लोग इनके पूरा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इन पांच वृहद परियोजनाओं में से एक बाड़मेर लिफ्ट परियोजना को भी पूरा होने में अभी एक वर्ष से अधिक समय लगेगा।
गडरा ब्रांच गडरारोड परियोजना
सागरमल गोपा शाखा गडरा ब्रांच से जुड़ी यह परियोजना ठण्डे बस्ते में चली गई है। राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र होने के कारण गडरा ब्रांच के निर्माण कार्य पर रोक है। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार 100 एम एम व्यास की पाइप लाइन मरू उद्यान क्षेत्र में नहीं डाली जा सकती। इस योजना का काम नहीं होने से 238 गांवों की पेयजल समस्या का समाधान लम्बित हो गया है। अब इन गांवों को नर्मदा नहर योजना से जोड़ने से सपने दिखाए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत के धरातल पर कुछ नहीं हुआ है।
पोकरण-फलसूण्ड-बालोतरा-सिवाना लिफ्ट परियोजना
इस योजना की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति 29 मार्च 2005 को 966.77 करोड़ रूपए की हुई। परियोजना की संशोधित स्वीकृति 27 नवम्बर 2011 को 1454.20 करोड़ रूपए की हुई। हालत यह है कि 31 मार्च 2013 तक परियोजना पर केवल 401.55 करोड़ रूपए ही व्यय की जा सके हैं। इस योजना से पोकरण, फलसूण्ड, बालोतरा व सिवाना शहरों एवं 564 गांवों को मीठा पानी मिलना है। परियोजना के तहत पोकरण से संतरा भाकरी, संतरा भाकरी से सिवाना सिणधरी तक गे्रेविटी पाइप लाइन कार्य के लिए 230.64 करोड़ व 187.37 करोड़ रूपए के कार्यादेश दिए गए हैं।
बाड़मेर लिफ्ट परियोजना
इस परियोजना की तकनीकी स्वीकृति डेढ़ दशक पहले जारी हुई, लेकिन प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति 1 फरवरी 2007 को मिली। योजना में लगभग 670 करोड़ रूपए मंजूर हुए। इस परियोजना पर फरवरी 2013 तक लगभग 690 करोड़ रूपए व्यय किए जा चुके हैं। योजना का मीठा पानी बाड़मेर शहर व सेना को मिल रहा है, लेकिन आस-पास के गांवों के लिए यह अब भी सपना बना हुआ है। इस परियोजना के सभी गांवों (686 गांव) में मीठा पानी उपलब्ध करवाने के लिए लगभग 800 करोड़ रूपए का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भिजवाया हुआ है। राज्य सरकार ने पेयजल की अनुपलब्धा से अति प्रभावित बाड़मेर व बायतु क्षेत्र के 171 गांवों के लिए लगभग 200 करोड़ रूपए की स्वीकृति जारी की है। बजट उपलब्धता के बाद कार्यादेश जारी हो गए हैं और उम्मीद की जा रही है कि आगामी गर्मियों तक 171 गांवों को मीठा पानी मिलेगा।
नर्मदा आधारित एच आर व एल आर पेयजल परियोजना
परियोजना के तहत चौहटन तहसील के 322 व गुड़ामालानी तहसील के 318 गांवों सहित कुल 639 गांवों को नर्मदा नहर से पेयजल उपलब्ध करवाना प्रस्तावित है। इस संबंध में बीस दिन पहले ही 160 करोड़ रूपए के कार्यादेश जारी हुए हैं। भूमि अवाप्ति व आवंटन की प्रक्रिया चल रही है।
उम्मेदसागर-धवा-समदड़ी-खण्डप पार्ट-तृतीय
इस योजना की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति 1 फरवरी 2007 को 364.93 करोड़ रूपए की हुई, जिसकी संशोधित स्वीकृति 27 सितम्बर 2011 को 575.46 करोड़ रूपए की जारी हुई। मार्च 2013 तक इस योजना पर 235.65 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं। योजना का लाभ पचपदरा, समदड़ी, सिवाना शहरों व 177 गांवों को मिलना है।
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