वरिष्ठ भाजपा नेता गोयल नहीं रहे
- राज्य में जनसंघ और भाजपा के पैर जमाने में रहा था योगदान
- देश की पहली गैर कांग्रेसी सरकार में रहे थे मंत्री
कोटा। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कृष्ण कुमार गोयल(82) का मंगलवार को निधन हो गया। वे देश की पहली गैर कांग्रेसी (जनता पार्टी) की सरकार में मंत्री रहे थे। वे तीन बार सांसद और दो बार विधायक रहे। राज्य सरकार में भी मंत्री रहने के अलावा राज्य में भारतीय जनसंघ के संस्थापक और प्रदेश अध्यक्ष रहे।
हाडौती में भाजपा के पैर जमाने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। उन्हें अनेक गंभीर बीमारियां थी और वे पिछले कुछ महीनों ने लीवर कैंसर से जूझ रहे थे। हालत गंभीर होने पर उन्हें दो दिन पहले ही कोटा हार्ट संस्थान में भर्ती कराया गया था। उन्होंने वहीं आखिरी सांस ली।
अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट और गोयल के परिजन डॉ. साकेत गोयल ने बताया कि गोयल को ह्वदय संबंधी बीमारियों के साथ कुछ माह पहले लकवा हुआ था। उसके बाद उनकी गतिशीलता कम हो गई थी। तीन माह पहले लीवर कैंसर का पता चला था। वे तीन दिन से आहार नहीं ले रहे थे। काफी कमजोरी के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। वे होश में नहीं थे और रक्तचाप भी नियंत्रण में नहीं था।
उनका अंतिम संस्कार बुधवार को कोटा में ही किया जाएगा। उनके निधन की सूचना मिलने पर भाजपा नेताओं में शोक व्याप्त हो गया। अनेक नेताओं ने गोयल के घर पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। वे 1978 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार में नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री बने,इसके अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री भी रहे।
- राज्य में जनसंघ और भाजपा के पैर जमाने में रहा था योगदान
- देश की पहली गैर कांग्रेसी सरकार में रहे थे मंत्री
कोटा। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कृष्ण कुमार गोयल(82) का मंगलवार को निधन हो गया। वे देश की पहली गैर कांग्रेसी (जनता पार्टी) की सरकार में मंत्री रहे थे। वे तीन बार सांसद और दो बार विधायक रहे। राज्य सरकार में भी मंत्री रहने के अलावा राज्य में भारतीय जनसंघ के संस्थापक और प्रदेश अध्यक्ष रहे।
हाडौती में भाजपा के पैर जमाने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। उन्हें अनेक गंभीर बीमारियां थी और वे पिछले कुछ महीनों ने लीवर कैंसर से जूझ रहे थे। हालत गंभीर होने पर उन्हें दो दिन पहले ही कोटा हार्ट संस्थान में भर्ती कराया गया था। उन्होंने वहीं आखिरी सांस ली।
अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट और गोयल के परिजन डॉ. साकेत गोयल ने बताया कि गोयल को ह्वदय संबंधी बीमारियों के साथ कुछ माह पहले लकवा हुआ था। उसके बाद उनकी गतिशीलता कम हो गई थी। तीन माह पहले लीवर कैंसर का पता चला था। वे तीन दिन से आहार नहीं ले रहे थे। काफी कमजोरी के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। वे होश में नहीं थे और रक्तचाप भी नियंत्रण में नहीं था।
उनका अंतिम संस्कार बुधवार को कोटा में ही किया जाएगा। उनके निधन की सूचना मिलने पर भाजपा नेताओं में शोक व्याप्त हो गया। अनेक नेताओं ने गोयल के घर पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। वे 1978 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार में नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री बने,इसके अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री भी रहे।
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