पृथ्वी के करीब से गुजर सकता है क्षुद्रग्रह
मास्को। आकार में 20 मीटर व्यास वाली एक खगोलीय संरचना पृथ्वी की सतह से बेहद नजदीक से गुजरेगी। आने वाले 13 सालों में यह संरचना पृथ्वी के बहुत करीब 8,620 किलोमीटर की दूरी- से गुजरेगी जो कि काफी खतरनाक हो सकता है।
एक इतालवी खगोलशास्त्री के अनुसार मिलान के नजदीक स्थित सरमनो खगोलीय वेधशाला के खगोलशास्त्री फ्रांसेस्को मैंका ने कहा क्षुद्रग्रह (2013 जीएम 3) का प्रक्षेप वक्र,14 अप्रैल 2026 को पृथ्वी के केंद्र से 15,000 किलोमीटर के दायरे में आ सकता है अथवा पृथ्वी की सतह से 8,620 किलोमीटर दूर से गुजर सकता है। हालांकि बाद का आंकड़ा पृथ्वी की एक त्रिज्या से थोड़ा अधिक है और 35,700 किलोमीटर की भूस्थिर कक्षा के भीतर है।
अरिजोना स्थित माउंट लेमन वेधशाला द्वारा "2013 जीएम 3" की अप्रैल में खोज की गई लेकिन अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी "नासा" (दि नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनेस्ट्रेशन) की पहले की गणना बताती है कि यह पृथ्वी की सतह से 39,000 किलोमीटर दूर से होकर गुजरेगा।
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार,मैंका ने कहा कि क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 74,000 किलोमीटर दूर से गुजर सकता है। खगोलशास्त्री मैंका ने कहा कि क्षुद्रग्रह के प्रक्षेपवक्र के सटीक निर्धारण के लिए और अधिक अध्ययन की जरूरत है। वहीं नासा का अनुमान है कि 2028 से 2113 के बीच पृथ्वी के साथ "2013 जीएम 3" के टक्कर की संभावना .018 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि "2013 जीएम 3" का आकार उस उल्कापिंड के लगभग है जो फरवरी में रूसी शहर चेल्याबिंस्क में हवा में फटा गया था और भारी संख्या में लोग घायल हुए थे।
मास्को। आकार में 20 मीटर व्यास वाली एक खगोलीय संरचना पृथ्वी की सतह से बेहद नजदीक से गुजरेगी। आने वाले 13 सालों में यह संरचना पृथ्वी के बहुत करीब 8,620 किलोमीटर की दूरी- से गुजरेगी जो कि काफी खतरनाक हो सकता है।
एक इतालवी खगोलशास्त्री के अनुसार मिलान के नजदीक स्थित सरमनो खगोलीय वेधशाला के खगोलशास्त्री फ्रांसेस्को मैंका ने कहा क्षुद्रग्रह (2013 जीएम 3) का प्रक्षेप वक्र,14 अप्रैल 2026 को पृथ्वी के केंद्र से 15,000 किलोमीटर के दायरे में आ सकता है अथवा पृथ्वी की सतह से 8,620 किलोमीटर दूर से गुजर सकता है। हालांकि बाद का आंकड़ा पृथ्वी की एक त्रिज्या से थोड़ा अधिक है और 35,700 किलोमीटर की भूस्थिर कक्षा के भीतर है।
अरिजोना स्थित माउंट लेमन वेधशाला द्वारा "2013 जीएम 3" की अप्रैल में खोज की गई लेकिन अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी "नासा" (दि नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनेस्ट्रेशन) की पहले की गणना बताती है कि यह पृथ्वी की सतह से 39,000 किलोमीटर दूर से होकर गुजरेगा।
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार,मैंका ने कहा कि क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 74,000 किलोमीटर दूर से गुजर सकता है। खगोलशास्त्री मैंका ने कहा कि क्षुद्रग्रह के प्रक्षेपवक्र के सटीक निर्धारण के लिए और अधिक अध्ययन की जरूरत है। वहीं नासा का अनुमान है कि 2028 से 2113 के बीच पृथ्वी के साथ "2013 जीएम 3" के टक्कर की संभावना .018 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि "2013 जीएम 3" का आकार उस उल्कापिंड के लगभग है जो फरवरी में रूसी शहर चेल्याबिंस्क में हवा में फटा गया था और भारी संख्या में लोग घायल हुए थे।
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