शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

संत श्री पीपाजी महाराज की जयंती पर निकली शोभायात्रा, सरदारपुरा स्थित मंदिर में हुए कई धार्मिक आयोजन




पीपाजी के गूंजे जयकारे
संत श्री पीपाजी महाराज की जयंती पर निकली शोभायात्रा, सरदारपुरा स्थित मंदिर में हुए कई धार्मिक आयोजन 



  बाड़मेर



'एक दो तीन चार, पीपाजी की जय-जयकार... जब तक सूरज चांद रहेगा, पीपाजी का नाम रहेगा...' श्री पीपा क्षत्रिय समाज की ओर से पीपाजी महाराज की जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा में कुछ ऐसे ही संदेश गूंज रहे थे। तलवार की जगह सुई हाथ में लेकर शांति के दूत और अहिंसा के प्रतीक गागरोन के संत शिरोमणि संत श्री पीपानंदाचार्य महाराज की 69०वीं जयंती गुरुवार को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। वहीं मंदिर में मंगला आरती, यज्ञ, महाप्रसाद का भी आयोजन किया गया।

आरती से जयंती समारोह की शुरुआत: जयंती के अवसर पर पीपाजी महाराज मंदिर को विशेष तौर पर सजाया गया। सुबह पुजारी लक्ष्मीनारायण जोशी ने द्वारकाधीश भगवान व संत श्री पीपाजी की आरती की। इसके बाद महाप्रसाद, यज्ञ, चंवर ढोलना व घुड़सवारों की बोलियां संपन्न होने के बाद समाज के प्रबुद्धजनों ने बोलीदाताओं का सम्मान किया। साथ ही बुधवार को हुए मैत्री क्रिकेट मैच की विजेता टीम के खिलाडिय़ों को पुरस्कृत किया गया। वहीं भाजपा नेत्री डॉ. मृदुरेखा चौधरी व विधायक मेवाराम जैन समेत समाज के प्रबुद्धजनों ने श्री पीपाजी महाराज का उद्घोष लगाकर शोभायात्रा को रवाना किया।

बोलियों में दिखाया उत्साह: सरदारपुरा स्थित श्री पीपाजी मंदिर में सुबह से लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। इसके बाद यहां विभिन्न बोलियों का दौर शुरू हुआ। इनमें महाप्रसादी का लाभ किशनलाल पुत्र नारायण दईया ने एक लाख ५२ हजार रुपए में लिया। इसी तरह, महाआरती प्रकाश पुत्र अनोपाराम सोलंकी परो, श्री पीपाजी महाराज का चंवर ढोलना बगताराम सोलंकी, द्वारकाधीश भगवान का चंवर ढोलना मनोज पुत्र देवीलाल पंवार तथा घुड़सवार की बोली का लाभ भरत पुत्र बंशीलाल गोयल व ओमप्रकाश पुत्र सागरमल दईया ने लिया।

डीजे की धुनों पर झूमे युवा: शोभायात्रा में सबसे आगे सनातन धर्म की ध्वजा लिए दो घुड़सवार, धर्ममय स्वर लहरिया बिखेरता बैंड दल, मंगल कलश धारण किए महिलाएं एवं बालिकाएं चल रही थीं। पीपाजी महाराज व भगवान द्वारकाधीश की चित्रात्मक झांकियों के बाद डीजे पर चल रहे धार्मिक गीतों की धुनों पर झूमते-नाचते युवा शोभायात्रा का उल्लास बढ़ा रहे थे। इसके बाद कई सजीव दृश्यों का अहसास कराने वाली झांकियां चल रही थी। इनमें शक्ति स्वरूपा मां जगदंबा की आराधना में राजा प्रतापसिंह, शिव भगवान, विष्णु भगवान, राम दरबार, लोक देवता बाबा रामदेव, कृष्ण भगवान की बाल लीला आदि शामिल थी। शोभायात्रा पांच बत्ती सर्किल, राय कॉलोनी रोड, विवेकानंद चौराहा, अहिंसा सर्किल, स्टेशन रोड, गांधी चौक, वीर बालाजी हनुमान मंदिर, पनघट रोड, तनसिंह सर्किल से होते हुए वापस मंदिर पहुंची। समाज भवन में सभी महिला-पुरुषों को महाप्रसाद वितरण किया गया।

शिक्षा व सामाजिक स्तर पर चिंतन: दोपहर को श्री पीपा क्षत्रिय पांच पट्टी समाज के प्रबुद्ध लोगों की बैठक आयोजित हुई। इसमें संत पीपाजी जन कल्याण समिति का विघटन कर नई कार्यकारिणी के गठन के लिए पांचों पट्टी से ११-११ सदस्यों का चयन आगामी दिनों में करने का निर्णय लिया गया। साथ ही समाज की शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति पर भी चिंतन किया गया। जयंती के विभिन्न कार्यक्रमों में पांच पट्टी के अध्यक्ष अशोक कुमार दर्जी, रिटायर्ड तहसीलदार रतनलाल गोयल, देवीलाल पंवार, किशनलाल सोलंकी, माणकचंद मौसेरी, समेलाराम थूंबली, ओंकारमल चावड़ा, पुरखाराम सोलंकी परो, बागाराम सरली, फरसराम गोयल, गोरधनराम सत्तो, बंशीलाल कोलू, शिक्षक राणाराम दईया, बसंत पंवार, बंशीधर पंवार, मंगलाराम दईया, रमेश पंवार, पबाराम दईया, मुकेश पंवार, राजेश सोलंकी, तेजाराम ईशरोल, किशनलाल गोयल, बांकाराम सोलंकी समेत बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने भाग लिया।

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