चेन्नई। रेप और एमएमएस बनाने जैसे अपराधों की बढ़ती संख्या के बीच महिलाओं के लिए एक राहत भरी खबर है।
दो भारतीय इंजीनियर छात्राओं (मनीषा मोहन और रिमी त्रिपाठी) ने महिलाओं को रेप से बचाने के लिए एंटी रेप अंडरवियर बनाया है। अगर किसी युवती या महिला ने यह अंडरवियर पहना है और कोई उनका रेप करने की कोशिश करता है तो यह अंडरवियर उसे बिजली का तगड़ा झटका देगा। इसके अलावा इस अंडरवियर की यह खासियत भी है कि हमलावर को शॉक देने के साथ ही यह मदद के लिए पुलिस को संदेश भी भेज देता है। पुलिस को खतरे में मौजूद लड़की की लोकेशन या अपराध के घटनास्थल का भी पता चल जाता है। भारत में रेप और गैंगरेप के मामलों को देखते हुए यह आविष्कार काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
महिलाओं के रेप से बचाव के लिए बना एंटी रेप अंडरवियर 3,800 किलोवॉट तक का शॉक दे सकता है। हमलावर या छेड़खानी करने वाले शख्स को असहाय करने के बाद यह अंडरवियर पुलिस और घरवालों को भी खतरे का संदेश भेज देता है। खास तरह से बनाए गए अंडरवियर में ब्रेस्ट के पास सेंसर लगे हुए हैं। अगर कोई युवतियों की ब्रेस्ट पर अनचाहा दबाव डालेगा तो यह सेंसर शॉक पैदा कर दबाव डालने वाले को इतना तगड़ा झटका दे सकते हैं कि कुछ देर के लिए उसकी सुधबुध ही चली जाए। यह अंडरवियर 82 झटके तक दे सकता है। यह किसी भी तगड़े से तगड़े शख्स को अधमरा करने के लिए काफी है। रिमी के मुताबिक महिलाओं और युवतियों द्वारा पहने जाने वाली लिंगरी में मोबाइल पर एसएमएस भेजने के लिए ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) भी लगा हुआ है। किसी लड़की के साथ छेड़खानी या जबरदस्ती करने वाले का क्या हाल होगा यह सोचना ही मुश्किल है। इस अंडरवियर में लगी डिवाइस की जानकारी भारतीय तकनीकी वेबसाइट टेकपीडिया पर प्रकाशित हुई है। इसमें बताया गया है कि सर्किट बोर्ड कैसे इलेक्ट्रिक शॉक जनरेट करता है। यह सर्किट ब्रेस्ट के पास लगा है। एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि हमलावर रेप की कोशिश करते समय सबसे पहले महिलाओं की ब्रेस्ट को ही पकड़ते हैं।मनीषा का कहना है कि कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने के दौरान उन्हें हमेशा सिखाया जाता था कि सबसे अच्छे से बात की जाए और हमेशा मुस्कुराते हुए रहा जाए। लेकिन असल और क्रूर जीवन में उतरने पर पता चलता है कि लड़कियों की हंसी बहुत दिनों तक नहीं रहने वाली है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई लोग लड़कियों की इज्जत पर निगाह गढ़ाए बैठे हैं। मनीषा के मुताबिक कानून बनाने वालों को महिलाओं को हिंसा से बचाने के लिए कानून बनाने में हजारों साल लग गए लेकिन आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए उन्होंने आत्मरक्षा की एक ऐसी शुरुआत की है जिससे महिलाएं घरों, सड़क पर और कार्यस्थल पर सुरक्षित रह सकेंगी। भारत की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को 23 साल की पैरामैडिकल की छात्र दामिनी हुए गैंगरेप के बाद से चारों ओर से महिलाओं को बचाने और रेपिस्टों को कड़ी सजा देने की मांग उठ रही है। इसके बावजूद देश भर में रेप और गैंगरेप की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके बाद भी देश में विदेशी महिलाओं के साथ भी गैंगरेप की घटनाएं हुई हैं। दामिनी गैंगरेप के कुछ दिनों बाद ही दिल्ली में एक चीनी युवती के साथ रेप का मामला सामने आया था। मध्य प्रदेश में एक स्विस महिला के साथ गैंगरेप हुआ और आगरा में एक ब्रिटिश महिला को अपनी इज्जत बचाने के लिए होटल की खिड़की से नीचे कूदना पड़ा। इन घटनाओं के बाद हुए एक सर्वे में पता चला है कि पिछले तीन महीनों में भारत में आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या में 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। देश में आने वाली विदेशी महिला सैलानियों की संख्या में 35 फीसदी तक कम हो गई है।
दो भारतीय इंजीनियर छात्राओं (मनीषा मोहन और रिमी त्रिपाठी) ने महिलाओं को रेप से बचाने के लिए एंटी रेप अंडरवियर बनाया है। अगर किसी युवती या महिला ने यह अंडरवियर पहना है और कोई उनका रेप करने की कोशिश करता है तो यह अंडरवियर उसे बिजली का तगड़ा झटका देगा। इसके अलावा इस अंडरवियर की यह खासियत भी है कि हमलावर को शॉक देने के साथ ही यह मदद के लिए पुलिस को संदेश भी भेज देता है। पुलिस को खतरे में मौजूद लड़की की लोकेशन या अपराध के घटनास्थल का भी पता चल जाता है। भारत में रेप और गैंगरेप के मामलों को देखते हुए यह आविष्कार काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
महिलाओं के रेप से बचाव के लिए बना एंटी रेप अंडरवियर 3,800 किलोवॉट तक का शॉक दे सकता है। हमलावर या छेड़खानी करने वाले शख्स को असहाय करने के बाद यह अंडरवियर पुलिस और घरवालों को भी खतरे का संदेश भेज देता है। खास तरह से बनाए गए अंडरवियर में ब्रेस्ट के पास सेंसर लगे हुए हैं। अगर कोई युवतियों की ब्रेस्ट पर अनचाहा दबाव डालेगा तो यह सेंसर शॉक पैदा कर दबाव डालने वाले को इतना तगड़ा झटका दे सकते हैं कि कुछ देर के लिए उसकी सुधबुध ही चली जाए। यह अंडरवियर 82 झटके तक दे सकता है। यह किसी भी तगड़े से तगड़े शख्स को अधमरा करने के लिए काफी है। रिमी के मुताबिक महिलाओं और युवतियों द्वारा पहने जाने वाली लिंगरी में मोबाइल पर एसएमएस भेजने के लिए ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) भी लगा हुआ है। किसी लड़की के साथ छेड़खानी या जबरदस्ती करने वाले का क्या हाल होगा यह सोचना ही मुश्किल है। इस अंडरवियर में लगी डिवाइस की जानकारी भारतीय तकनीकी वेबसाइट टेकपीडिया पर प्रकाशित हुई है। इसमें बताया गया है कि सर्किट बोर्ड कैसे इलेक्ट्रिक शॉक जनरेट करता है। यह सर्किट ब्रेस्ट के पास लगा है। एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि हमलावर रेप की कोशिश करते समय सबसे पहले महिलाओं की ब्रेस्ट को ही पकड़ते हैं।मनीषा का कहना है कि कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने के दौरान उन्हें हमेशा सिखाया जाता था कि सबसे अच्छे से बात की जाए और हमेशा मुस्कुराते हुए रहा जाए। लेकिन असल और क्रूर जीवन में उतरने पर पता चलता है कि लड़कियों की हंसी बहुत दिनों तक नहीं रहने वाली है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई लोग लड़कियों की इज्जत पर निगाह गढ़ाए बैठे हैं। मनीषा के मुताबिक कानून बनाने वालों को महिलाओं को हिंसा से बचाने के लिए कानून बनाने में हजारों साल लग गए लेकिन आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए उन्होंने आत्मरक्षा की एक ऐसी शुरुआत की है जिससे महिलाएं घरों, सड़क पर और कार्यस्थल पर सुरक्षित रह सकेंगी। भारत की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को 23 साल की पैरामैडिकल की छात्र दामिनी हुए गैंगरेप के बाद से चारों ओर से महिलाओं को बचाने और रेपिस्टों को कड़ी सजा देने की मांग उठ रही है। इसके बावजूद देश भर में रेप और गैंगरेप की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके बाद भी देश में विदेशी महिलाओं के साथ भी गैंगरेप की घटनाएं हुई हैं। दामिनी गैंगरेप के कुछ दिनों बाद ही दिल्ली में एक चीनी युवती के साथ रेप का मामला सामने आया था। मध्य प्रदेश में एक स्विस महिला के साथ गैंगरेप हुआ और आगरा में एक ब्रिटिश महिला को अपनी इज्जत बचाने के लिए होटल की खिड़की से नीचे कूदना पड़ा। इन घटनाओं के बाद हुए एक सर्वे में पता चला है कि पिछले तीन महीनों में भारत में आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या में 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। देश में आने वाली विदेशी महिला सैलानियों की संख्या में 35 फीसदी तक कम हो गई है।
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