युवक को खून के बदले खून की सजा
रियाद। विश्व मंच पर आलोचनाओं में घिरे रहने वाले सऊदी अरब के कडे कानून इस बार एक और युवक की जिंदगी लेने के लिए तैयार हैं। अली अल ख्वाहिर नामक इस युवक ने आज से दस साल पहले अपने दोस्त पर चाकू से हमला किया था जिससे उसकी रीढ की हड्डी कट गई थी और वह लकवाग्रस्त हो गया था। अली को सजा मिली है कि उसकी भी रीढ की हड्डी काट दी जाएगी जिससे वह भी अपने दोस्त की तरह हमेशा के लिए लकवाग्रस्त हो जाए।
पश्चिमोत्तर ताबुक प्रांत में रहने वाला अली जब 14 साल का था तो उसने अपने दोस्त पर चाकू से वार किया था। चाकू के हमले में घायल उसका 22 वर्षीय दोस्त अब्दुल अजीज अल मुतैरी लकवाग्रस्त हो गया और दो साल पहले उसका एक पैर भी काटना पड़ा। दोस्त पर हमला करने के आरोप में अली को पहले 10 साल की सजा सुनाई गई लेकिन जब उसके दोस्त के परिजनों ने खून के बदले खून की मांग की तो अली को इस्लामी कानून के तहत सजा से बचने के लिए दो लाख सऊदी रियाल का जुर्माना देने के लिए कहा गया।
बडे आग्रह के बाद पीडित के परिजनों ने जुर्माने की राशि घटाकर एक लाख रियाल कर दी लेकिन अली के परिजन अब भी इतनी बड़ी रकम नहीं चुका सकते थे। जुर्माने की राशि न अदा करने के कारण अब अली के रीढ की हड्डी भी उसके दोस्त के रीढ की हड्डी की तरह काटी जाएगी। अली को मिली 10 साल कैद की सजा के बाद से ही उसकी मां बदहवास हो गई थी।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार अली की मां ने कहा है कि मैं पिछले दस साल से एक भी रात के लिए सो नहीं पाई हूं। कम उम्र में ही मेरे बाल अपने बेटे की दुर्दशा को देखकर सफेद हो गए हैं। मैं जब भी अपने बेटे की किस्मत के बारे में सोचती हूं कि उसे कैसी सजा मिलेगी तो मरणासन्न हो जाती हूं। सऊदी अरब अपने खून के बदले खून कानून के लिए आलोचनाओं में घिरा रहता है। हालांकि गत कुछ वर्षो से वह अपनी इस छवि को सुधारने की कोशिश में जुटा है लेकिन हर बार किसी ऎसे ही मामले में उसकी फिर किरकिरी हो जाती है।
पहले भी दी जा चुकी हैं ऎसी सजा
लगभग 13 साल पहले एक ऎसे ही मामले में मिस्र के एक व्यक्ति की आंख आपरेशन करके निकाली गई थी जब उसने अपने हमवतन पर एसिड फेंका था। मिस्र के इस व्यक्ति ने 87 हजार पाउंड का जुर्माना लेने से इनकार कर दिया था और अपने हमलावर की आंख निकालने की सजा को बरकरार रखे जाने की मांग की थी। इसी तरह 2008 में भी एक महिला पर एसिड फेंकने के आरोपी व्यक्ति पर एसिड फेंके जाने की सजा मिली थी।
सऊदी अरब में मौत की सजा देने के मामले में पूरी दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं। सऊदी अरब से पहले चीन और ईरान का नाम है। सऊदी अरब में आमतौर पर मौत की सजा सिर कलम करके दी जाती है जिसके बाद धड़ को सूली पर टांग दिया जाता है।
गत सप्ताह सऊदी अरब के जिजान शहर में एक पाकिस्तानी पुरूष के साथ बलात्कार करके उसकी हत्या करने वाले यमन के नागरिक मोहम्मद राशि खैरी हुसैन का सिर कलम करके उसके धड़ को सूली पर टांगा गया है। इस वर्ष अब तक सऊदी अरब में 28 लोगों का सिर कलम किया जा चुका है जबकि गत वर्ष कुल 69 लोगों का सिर कलम किया गया था।
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