रविवार, 21 अप्रैल 2013

पर्यटक ओपन ट्रेन से निहारेंगे अरावली की खूबसूरती


पर्यटक ओपन ट्रेन से निहारेंगे अरावली की खूबसूरती 



 पाली  पर्यटक अरावली की वादियों के विहंगम नजारों को अब ओपन ट्रेन से निहार पाएंगे। पाली तथा राजसमंद जिले की सीमा में 22 किलोमीटर की दूरी में पहाडिय़ों की खूबसूरती और बारिश के दिनों में कल-कल बहते झरने देखने के लिए पर्यटन व वन विभाग के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। योजना के तहत बारिश के मौसम में यानी, जुलाई माह में फुलाद से कामलीघाट के बीच मीटर गेज रेलवे लाइन पर ओपन ट्रेन दौड़ेगी, इसके लिए रेलवे ने भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। मारवाड़-मेवाड़ के इस हिस्से में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पाली जिले के फुलाद व राजसमंद जिले के कामलीघाट स्टेशन के बीच मीटर गेज लाइन पर ओपन ट्रेन सफारी का प्रस्ताव पर्यटन विभाग ने दिल्ली भेजा था। दिल्ली में पर्यटन, वन विभाग व रेलवे बोर्ड के अफसरों के बीच बीते दिनों हुई बैठक में ओपन ट्रेन चलाने पर सहमति बन गई। इसके बाद इसी साल जुलाई में ओपन ट्रेन चलाने की कवायद भी शुरू हो गई है।

प्राकृतिक नजारों की खूबसूरती दिखेगी : फुलाद से कामलीघाट के बीच मीटर गेट लाइन देश की आजादी से पहले बिछाई गई थी। वर्तमान में इस ट्रैक पर मारवाड़ जंक्शन से कामलीघाट होते हुए मावली तक दिन में दो ट्रेन संचालित की जा रही है। फुलाद से कामलीघाट तक का इलाका अरावली पहाडिय़ों से घिरा हुआ है, जिसके ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर ट्रेन भी मंथर गति से गुजरती है। ट्रेन के डिब्बों में बैठकर पहाडिय़ों के खूबसूरत नजारों का लुत्फ नहीं उठाया जा सकता। ऐसे में ओपन ट्रेन में बैठकर यात्री प्रकृति के इन नजारों को आराम से निहार सकेंगे। इस रेलमार्ग पर स्थित गोरमघाट पर प्रसिद्ध गोरखनाथ महादेव का मंदिर है, जबकि दर्जनों जगहों पर बारिश में झरने बहते हैं। यह क्षेत्र कुंभलगढ़ राष्ट्रीय अभयारण्य का विशेष क्षेत्र है, जहां बारिश और सर्दी के मौसम में वन्य जीव विचरण करते हैं।

भीलबेरी का वैभव भी चमकेगा : फुलाद स्टेशन से सात किलोमीटर की दूरी पर प्रदेश का सबसे ऊंचा वाटर फॉल (झरना) है।    पर्यटन मंत्री बीना काक के साथ तत्कालीन कलेक्टर नीरज पवन समेत अन्य अफसरों ने भीलबेरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भेजा था।   बारिश के मौसम में इस झरने को देखने प्रति दिन सैकड़ों पर्यटकों की आवाजाही शुरू हुई थी।

तीन विभागों की सहभागिता होगी : ओपन ट्रेन की सफारी योजना में रेल, पर्यटन व वन विभाग की सहभागिता तय की गई है। सफारी में पर्यटन से जुड़ी व्यवस्था पर्यटन विभाग करेगा, जबकि ट्रेन सफारी की जिम्मेदारी रेल मंत्रालय की होगी। पर्यटन क्षेत्र वन विभाग के अधीन होने के कारण इसकी देखरेख वन विभाग करेगा। ऐसा होने से पाली तथा राजसमंद जिले में पर्यटन की नई संभावना का विकास होगा।

चार साल का प्रयास अब हुआ सफल : काक

॥फुलाद से कामलीघाट के वन्य क्षेत्र में ओपन ट्रेन सफारी के लिए पर्यटन विभाग चार साल से प्रयास कर रहा है, जो अब साकार होगा। रेलवे, पर्यटन व वन विभाग की संयुक्त टीमों ने इस मीटर गेज लाइन का सर्वे भी कर लिया है। इस ट्रैक पर रेल यातायात का दबाव कम होने से ओपन ट्रेन सफारी के संचालन में कोई दिक्कत नहीं आएगी। जिले के फुलाद स्टेशन के पास भीलबेरी को देश के पर्यटन मानचित्र पर भी लाने की कवायद को बल मिलेगा। प्रशासनिक स्तर पर इसके प्रस्ताव भेजे गए थे, जिन पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बन गई है। उम्मीद है कि जुलाई से इस ट्रैक पर ओपन ट्रेन सफारी का पर्यटक लुत्फ उठा सकेंगे। - बीना काक, पर्यटन मंत्री

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