गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

हाई स्कूल के फुटबाल मैदान में गल्र्स हॉस्टल! विरोध में सौंपा ज्ञापन


हाई स्कूल के फुटबाल मैदान में गल्र्स हॉस्टल! विरोध में सौंपा ज्ञापन 

विरोध में उतरे शारीरिक शिक्षक और अन्य शिक्षक संघ, कहा : कैसे तराशेंगे खिलाडिय़ों को 


बाड़मेर



डेढ़ दशक पूर्व तक शहर के हृदयस्थल पर स्थित हाई स्कूल क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ी स्कूल थी मगर धीरे-धीरे स्कूल का दायरा सिमटता जा रहा है। शहर में तथा आसपास पर्याप्त सरकारी भूमि होने के बावजूद हाई स्कूल के मैदान में आए दिन निर्माण किए जा रहे हैं। अब इस मैदान में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत बालिका छात्रावास का निर्माण करवाया जा रहा है। इससे स्कूल का खेल मैदान छोटा पड़ता जा रहा है। हॉस्टल का निर्माण कार्य शुरू हुए करीब पंद्रह दिन हुए है। अब तक नींव खुदाई का कार्य किया जा रहा है। इसके विरोध में हाई स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने डीईओ को पत्र भी भेजा है।

पहले थे दो फुटबाल मैदान

हाई स्कूल के पीछे के ग्राउंड में दो फुटबाल मैदान थे और आगे की ओर से हॉकी मैदान व अन्य खेलों के लिए व्यवस्था थी। वर्ष 1997 में अलग से गल्र्स कॉलेज की स्थापना के समय शहर में नजदीक स्थान की उपलब्धता के तर्क पर एक फुटबाल मैदान की भूमि कॉलेज को आवंटित कर दी गई। इसके साथ ही हाई स्कूल परिसर में ही जिला स्तरीय कंप्यूटर शिक्षा प्रयोगशाला बनाई गई है ओर एक अन्य परिसर पुरानी एसटीसी में दो बालिका उच्च प्राथमिक स्कूल संचालित हो रही है। ऐसे में हाई स्कूल का एक बहुत बड़ा भाग कॉलेज, स्कूल व प्रयोगशाला निर्माण के कारण कम हो गया।

रमसा के तहत गल्र्स हॉस्टल

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर गल्र्स हॉस्टल बनाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार करीब दो वर्ष पूर्व हाई सकूल की शाला विकास समिति और तत्कालीन प्रधानाचार्य ने हॉस्टल निर्माण के लिए अपनी लिखित सहमति दी थी। इस पर दिल्ली से स्वीकृत हुए इस हॉस्टल का निर्माण अब शुरू हुआ है। इस गल्र्स हॉस्टल की क्षमता प्रारंभिक तौर पर 50 बालिकाओं की होगी।

हाई स्कूल के फुटबाल खेल मैदान को छोटा करने के विरोध में बुधवार को राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ सहित अन्य शिक्षक संगठनों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल भवन, भूमि और खेल भवन को अन्य गतिविधियों के लिए उपयोग में नहीं लेने का आदेश दे रखा है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग खेल मैदान में ही हॉस्टल का निर्माण करवा रहा है। जबकि यह पूर्व में पुलिस लाइन के पास स्थित पुराने आईटीआई भवन में प्रस्तावित था। ज्ञापन देने वालों में संघ के संरक्षक रूपचंद पंवार, सभाध्यक्ष भंवरलाल शर्मा, भीमसिंह मेपावत, लूणसिंह राठौड़, राजस्थान प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष शेरसिंह भुरटिया, राजस्थान शिक्षक संघ सनाढ्य के अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री प्रदीप जोशी सहित शिक्षक शामिल थे।

कोर्ट के आदेशों की अवहेलना 
॥ हाईकोर्ट ने खेल प्रतिभाओं को ध्यान में रखते हुए स्कूल परिसरों का अन्य प्रयोजनार्थ उपयोग रोकने के निर्देश दिए थे। मैदान में हॉस्टल निर्माण से खिलाडिय़ों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
अमृतलाल जैन, जिला कोषाध्यक्ष, राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ
नियम विरूद्ध है निर्माण

॥ हाई स्कूल मैदान में बालिका छात्रावास का निर्माण नियम विरुद्ध है। हॉस्टल का निर्माण गल्र्स स्कूल में ही हो अथवा पुलिस लाइन के सामने स्थित पुराने आईटीआई भवन में होना चाहिए।
नूतनपुरी गोस्वामी, जिला प्रवक्ता, राजस्थान प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षक संघ
मैंने किया था विरोध

॥ मैदान में हॉस्टल निर्माण का विरोध मैंने किया और डीईओ को इसे अन्यत्र बनाने के लिए पत्र लिखा। विभागीय अधिकारियों के निर्देश के बाद मैंने स्कूल के दूसरे गेट की चाबी दे दी।
मलाराम चौधरी, कार्यवाहक प्रधानाचार्य, राउमावि स्टेशन रोड
हॉस्टल तो शैक्षणिक गतिविधि में आता है
॥ तत्कालीन प्रिंसीपल और शाला विकास समिति ने सहमति दी थी। हाईकोर्ट ने गैर शिक्षण कार्य के लिए मैदान के उपयोग नहीं होने के निर्देश दे रखे हैं। हॉस्टल तो शैक्षणिक कार्य में ही आता है।
गोरधनलाल पंजाबी, डीईओ (सैकंडरी एजुकेशन)

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