मंगलवार, 19 मार्च 2013

सास व ससुर को सात वर्ष का कठोर कारावास


सास व ससुर को सात वर्ष का कठोर कारावास 


भीनमाल



अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमकुमार व्यास ने अधिक दहेज की मांग को लेकर विवाहिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपी सास व ससुर को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया। मामले के अनुसार भागलसेफ्टा निवासी बलवंताराम पुत्र जयराम पुरोहित ने 5 फरवरी 2010 को पुलिस थाना रामसीन में मामला दर्ज करवाया था कि उसकी पुत्री खेकी उर्फ लक्ष्मी की शादी पादरा निवासी लीलाराम पुत्र मोहबताराम पुरोहित के साथ हुई थी। शादी के दौरान उसने उसकी हैसियत के अनुसार दहेज भी दिया था, लेकिन खेकी उर्फ लक्ष्मी के ससुर मोहबताराम पुत्र मनाराम व सास सरुदेवी संतुष्ट नहीं थे। इस बात को लेकर वे हमेशा तंग व परेशान करते थे। 

घटना से करीब तीन माह पूर्व उसकी पुत्री लक्ष्मी को घरबदर करने की वजह से वह अपने पीहर भागलसेफ्टा में रहती थी। 4 फरवरी 2010 को लक्ष्मी के ससुराल वाले उसको लेने के लिए भागलसेफ्टा आए। जहां पर भविष्य में उसके साथ अच्छा व्यवहार करने का आश्वासन देकर पादरा ले गए। जहां उसी रात लक्ष्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी ससुर मोहबताराम व सास सरुदेवी के विरुद्ध एसीजेएम कोर्ट भीनमाल में भादस की धारा 498ए व 304बी के तहत चालान पेश किया। 

जहां से मामला एडीजे कोर्ट में संप्रेषित किया गया। यहां सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 21 गवाहों व बरियत में कुल 4 गवाहों के बयान करवाए गए। दोनों पक्षों की बहस के बाद न्यायाधीश ओमकुमार व्यास ने दोनों आरोपियों को धारा 304 बी में सात-सात वर्ष व 498ए में तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया। अभियोजन पक्ष की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता नंदपालसिंह देवड़ा व एडीपी खुमानसिंह भाटी ने की।

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