भीलवाड़ा.गुलाबपुरा के प्रवर्तन निरीक्षक कुलदीप तिवाड़ी को 3 लाख की रिश्वत लेते एसीबी टीम ने धर लिया। उसने यह रिश्वत अजमेर के केसरपुरा स्थित एक फ्लोर मिल की पेंडिंग जांच को निपटाने और उसके पक्ष में रिपोर्ट देने की एवज में भीलवाड़ा डीएसओ नवीन यादव के लिए मांगी थी।
रिश्वत में कुल चार लाख रुपए मांगे गए थे। एसीबी की विशेष टीम ने मंगलवार को आरोपी तिवाड़ी के कब्जे से तीन लाख रुपए बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इधर देर शाम भीलवाड़ा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डीएसओ यादव को इस मामले में संलिप्त मानते हुए धर दबोचा। दोनों आरोपियों के पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक जयपुर निवासी हाल अजमेर स्थित नगीना बाग निवासी गोपाल शाहनी ने एसीबी के जयपुर मुख्यालय में शिकायत पेश कर बताया कि केसरपुरा में उसकी लक्ष्मी फ्लोर मिल नाम से फर्म है।
जिसमें भीलवाड़ा, अजमेर, उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जिला के लिए सरकारी गेहूं का आटा पीसकर 10-10 किलो के पैकेट बनाकर राशन की दुकानों पर सप्लाई किया जाता है। विगत 6 मार्च को भीलवाड़ा रसद विभाग का प्रवर्तन निरीक्षक कुलदीप तिवाड़ी मिल पर आया और कई अनियमितताएं बताते हुए भीलवाड़ा आकर मिलने का कहकर चला गया। शाहनी ने बताया कि दो दिन बाद जब वे तिवाड़ी से मिलने भीलवाड़ा पहुंचे तो उसने कहा कि 5 लाख रुपए लगेंगे, नहीं तो ऐसा केस बनाऊंगा कि पूरी जिंदगी यह काम नहीं ले सकोगे।
इसके बाद 8 मार्च को तिवाड़ी से संपर्क करने पर उसने पांच लाख रुपए की मांग कर मामला निपटाने के लिए कहा। तिवाड़ी ने यह राशि 12 मार्च तक किसी भी हालत में पहुंचाने के लिए कहा। एसीबी के कार्यवाहक डीजी अजीतसिंह के दिशा-निर्देशों पर एडिशनल एसपी (विशेष शाखा) करणी सिंह राठौड़, एडिशनल एसपी भंवरसिंह नाथावत और भीम सिंह बीका के नेतृत्व में तीन अलग-अलग टीमें बनाकर कार्रवाई के लिए भेजा गया।
लाला की होटल पहुंचाना रकम..
रकम ज्यादा थी इस पर परिवादी शाहनी ने तिवाड़ी को डीएसओ से मिलवाने के लिए कहा। तिवाड़ी ने डीएसओ से मिलवाया। बाद में सौदा 4 लाख रुपए पर आकर तय हुआ। तिवाड़ी ने यह रकम गुलाबपुरा स्थित भीलवाड़ा-अजमेर हाइवे पर लाला की होटल पर पहुंचाने के लिए कहा।
शाहनी के साथ एसीबी टीम हाइवे पहुंची। लाला की होटल पर एसीबी ने तिवाड़ी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 3 लाख रुपए बरामद कर लिए गए। रिश्वतखोरी में डीएसओ की संलिप्तता सामने आने के बाद एसीबी के कार्यवाहक डीजी अजीतसिंह के दिशा-निर्देश पर सर्किट हाउस में ठहरे डीएसओ नवीन यादव को धर दबोचा। पूछताछ के लिए डीएसओ को देर रात एसीबी गुलाबपुरा लेकर पहुंची। डीएसओ के दफ्तर से एसीबी ने लक्ष्मी फ्लोर मिल की फाइल बरामद कर ली है।
केकड़ी व अलवर में बंगले सीज
एसीबी के मुताबिक पीड़ित शाहनी जब डीएसओ नवीन यादव से मिलने पहुंचा तो उन्होंने वापस तिवाड़ी से मिलने के लिए कहा। इधर एसीबी ने यादव व तिवाड़ी दोनों के सेलफोन सर्विलांस पर लगा रखे थे। दोनों ने कई बार लक्ष्मी फ्लोर मिल के बारे में बातचीत की और जिसमें मोटी राशि वसूलने के लिए कहा गया। एसीबी के एडिशनल एसपी भंवरसिंह नाथावत ने बताया कि केकड़ी स्थित तिवाड़ी का बंगला सीज किया गया है।
बंगला ताला बंद मिला। चौकीदार के पास चाबी नहीं थीं। इधर रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार डीएसओ नवीन यादव के अलवर आवास पर भी देर शाम एसीबी की टीम ने जांच पड़ताल की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीयूष दीक्षित के नेतृत्व में पहुंची इस टीम ने यादव के घर से अनेक दस्तावेज कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
फिर हम क्यों करें सरकारी काम?
परिवादी गोपाल शाहनी यूआईटी चेयरमैन नरेन शाहनी के बड़े भाई हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी तिवाड़ी रकम नहीं देने पर यह कहकर धमका रहा था कि केस बना दूंगा। जब उससे मुलाकात की तो यह राशि आगे तक पहुंचाने के लिए कहा गया। शाहनी का कहना है कि सरकारी काम करने के लिए इतना पैसा देना पड़ता है तो फिर वह यह काम ही क्यों करे? जब सप्लाई सही चल रही है। आटे में किसी तरह की कोई मिलावट नहीं की गई तो फिर किस बात के लिए रिश्वत दें। काम सही करने के बावजूद तिवाड़ी दबाव बनाकर लाखों की मांग कर रहा था।
'भीलवाड़ा डीएसओ नवीन यादव और प्रवर्तन निरीक्षक कुलदीप तिवाड़ी को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गुलाबपुरा में तिवाड़ी के कब्जे से तीन लाख रुपए की नकदी बरामद की गई। एसीबी मामले की जांच कर रही है।'
- करणी सिंह राठौड़, एडीशनल एसपी, एसीबी विशेष शाखा
रिश्वत में कुल चार लाख रुपए मांगे गए थे। एसीबी की विशेष टीम ने मंगलवार को आरोपी तिवाड़ी के कब्जे से तीन लाख रुपए बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इधर देर शाम भीलवाड़ा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डीएसओ यादव को इस मामले में संलिप्त मानते हुए धर दबोचा। दोनों आरोपियों के पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक जयपुर निवासी हाल अजमेर स्थित नगीना बाग निवासी गोपाल शाहनी ने एसीबी के जयपुर मुख्यालय में शिकायत पेश कर बताया कि केसरपुरा में उसकी लक्ष्मी फ्लोर मिल नाम से फर्म है।
जिसमें भीलवाड़ा, अजमेर, उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जिला के लिए सरकारी गेहूं का आटा पीसकर 10-10 किलो के पैकेट बनाकर राशन की दुकानों पर सप्लाई किया जाता है। विगत 6 मार्च को भीलवाड़ा रसद विभाग का प्रवर्तन निरीक्षक कुलदीप तिवाड़ी मिल पर आया और कई अनियमितताएं बताते हुए भीलवाड़ा आकर मिलने का कहकर चला गया। शाहनी ने बताया कि दो दिन बाद जब वे तिवाड़ी से मिलने भीलवाड़ा पहुंचे तो उसने कहा कि 5 लाख रुपए लगेंगे, नहीं तो ऐसा केस बनाऊंगा कि पूरी जिंदगी यह काम नहीं ले सकोगे।
इसके बाद 8 मार्च को तिवाड़ी से संपर्क करने पर उसने पांच लाख रुपए की मांग कर मामला निपटाने के लिए कहा। तिवाड़ी ने यह राशि 12 मार्च तक किसी भी हालत में पहुंचाने के लिए कहा। एसीबी के कार्यवाहक डीजी अजीतसिंह के दिशा-निर्देशों पर एडिशनल एसपी (विशेष शाखा) करणी सिंह राठौड़, एडिशनल एसपी भंवरसिंह नाथावत और भीम सिंह बीका के नेतृत्व में तीन अलग-अलग टीमें बनाकर कार्रवाई के लिए भेजा गया।
लाला की होटल पहुंचाना रकम..
रकम ज्यादा थी इस पर परिवादी शाहनी ने तिवाड़ी को डीएसओ से मिलवाने के लिए कहा। तिवाड़ी ने डीएसओ से मिलवाया। बाद में सौदा 4 लाख रुपए पर आकर तय हुआ। तिवाड़ी ने यह रकम गुलाबपुरा स्थित भीलवाड़ा-अजमेर हाइवे पर लाला की होटल पर पहुंचाने के लिए कहा।
शाहनी के साथ एसीबी टीम हाइवे पहुंची। लाला की होटल पर एसीबी ने तिवाड़ी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 3 लाख रुपए बरामद कर लिए गए। रिश्वतखोरी में डीएसओ की संलिप्तता सामने आने के बाद एसीबी के कार्यवाहक डीजी अजीतसिंह के दिशा-निर्देश पर सर्किट हाउस में ठहरे डीएसओ नवीन यादव को धर दबोचा। पूछताछ के लिए डीएसओ को देर रात एसीबी गुलाबपुरा लेकर पहुंची। डीएसओ के दफ्तर से एसीबी ने लक्ष्मी फ्लोर मिल की फाइल बरामद कर ली है।
केकड़ी व अलवर में बंगले सीज
एसीबी के मुताबिक पीड़ित शाहनी जब डीएसओ नवीन यादव से मिलने पहुंचा तो उन्होंने वापस तिवाड़ी से मिलने के लिए कहा। इधर एसीबी ने यादव व तिवाड़ी दोनों के सेलफोन सर्विलांस पर लगा रखे थे। दोनों ने कई बार लक्ष्मी फ्लोर मिल के बारे में बातचीत की और जिसमें मोटी राशि वसूलने के लिए कहा गया। एसीबी के एडिशनल एसपी भंवरसिंह नाथावत ने बताया कि केकड़ी स्थित तिवाड़ी का बंगला सीज किया गया है।
बंगला ताला बंद मिला। चौकीदार के पास चाबी नहीं थीं। इधर रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार डीएसओ नवीन यादव के अलवर आवास पर भी देर शाम एसीबी की टीम ने जांच पड़ताल की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीयूष दीक्षित के नेतृत्व में पहुंची इस टीम ने यादव के घर से अनेक दस्तावेज कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
फिर हम क्यों करें सरकारी काम?
परिवादी गोपाल शाहनी यूआईटी चेयरमैन नरेन शाहनी के बड़े भाई हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी तिवाड़ी रकम नहीं देने पर यह कहकर धमका रहा था कि केस बना दूंगा। जब उससे मुलाकात की तो यह राशि आगे तक पहुंचाने के लिए कहा गया। शाहनी का कहना है कि सरकारी काम करने के लिए इतना पैसा देना पड़ता है तो फिर वह यह काम ही क्यों करे? जब सप्लाई सही चल रही है। आटे में किसी तरह की कोई मिलावट नहीं की गई तो फिर किस बात के लिए रिश्वत दें। काम सही करने के बावजूद तिवाड़ी दबाव बनाकर लाखों की मांग कर रहा था।
'भीलवाड़ा डीएसओ नवीन यादव और प्रवर्तन निरीक्षक कुलदीप तिवाड़ी को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गुलाबपुरा में तिवाड़ी के कब्जे से तीन लाख रुपए की नकदी बरामद की गई। एसीबी मामले की जांच कर रही है।'
- करणी सिंह राठौड़, एडीशनल एसपी, एसीबी विशेष शाखा
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