सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

केयर्न को मिली ज्यादा उत्पादन की मंजूरी

केयर्न को मिली ज्यादा उत्पादन की मंजूरी


बाड़मेर लंबे समय से राजस्थान ब्लॉक में अतिरिक्त उत्पादन की मंजूरी पाने का इंतजार कर रही केयर्न इंडिया को अन्ततः सफलता मिल ही गई। सूत्रों के अनुसार हाइड्रोकार्बन्स महानिदेशालय की समिति ने 14 फरवरी को राजस्थान ब्लॉक में अतिरिक्त कुएं खोदने की मंजूरी दे दी। इस मंजूरी के बाद मार्च, 2014 से कंपनी इस ब्लॉक से 2,15,000 बैरल प्रतिदिन तेल उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर सकेगी। गौरतलब रहे कि केयर्न ने मंगला ऑयल फील्ड से उत्पादन अगस्त 2॰॰9 में शुरू किया था। फिलवक्त कंपनी रोजाना 1,70,000 बैरल तेल का उत्पादन कर रही है। मंगला क्षेत्र बाडमेर ब्लॉक के 25 तेल एवं प्राकृतिक गैस ब्लॉकों में सबसे बडा क्षेत्र है। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में उत्पादन बढाकर दो लाख बैरल तक ले जाने की योजना तैयार की थी जो अब इस मंजूरी के बाद संभव दिखाई दे रही है। ज्ञात रहे कि अतिरिक्त उत्पादन का प्रस्ताव तेल मंत्रालय के पास पिछले डेढ साल से लंबित था। मंत्रालय ने पिछले महीने ही इस संबंध में मंजूरी देने का मन बना लिया था। समिति ने केयर्न से खुदाई की विस्तृत कार्य योजना मांगी थी। 14 फरवरी को बैठक के बाद समिति ने निर्णय लिया कि केयर्न पहला कुंआ इस महीने के अंत तक खोद सकती है। कंपनी ने मार्च, 2014 तक 30 कुंए खोदने की योजना तैयार की है। केयर्न का अनुमान है कि राजस्थान ब्लॉक में 7.3 अरब बैरल का तेल भंडार है। कंपनी रोजाना उत्पादन को तीन लाख बैरल प्रतिदिन तक ले जा सकती है। हालांकि यह तभी संभव है जब कंपनी को अतिरिक्त खुदाई की मंजूरी मिले। सूत्रों के अनुसार केयर्न और ओएनजीसी के संयुक्त उपऋम ने राजस्थान ब्लॉक में कई संभावनाओं की तलाश की है। संयुक्त उपऋम इस इलाके में अतिरिक्त खुदाई और शोध को बढावा देना चाहता है। ध्यान रहे कि यहां अतिरिक्त गैस एवं तेल होने का पता चला है। इस ब्लॉक के विकास में केयर्न अब तक चार अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है। घरेलू उत्पादन का 25 फीसद हिस्सा केयर्न उपलब्ध कराती है।

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