जिनालयों का शुद्धिकरण व अढ़ार अभिषेक महोत्सव में उमड़े श्रद्धालु
आत्म कल्याण का मार्ग है अढ़ार अभिषेक - पुण्डरीकरत्नविजय महाराज
जैसलमेर, 6 जनवरी/समस्त महाजन परिवार, जिनज्ञा युवा ग्रुप राजनगर, एवं जैन ट्रस्ट जैसलमेर के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय जिनालय शुद्धिकरण व अढ़ार अभिषेक महोत्सव पन्यास पुण्डरीकरत्न विजय महाराज की पावन निश्रा में गुजरात से आए सत्रह विधि कारकों व संगीतकारों ने प्राकृत व संस्कृत भाषा के जैन शास्त्रोक्त विधि विधान से सम्पन्न कराया।
इस अवसर पर पन्यास पुण्डरीकरत्न विजय महाराज ने बताया कि अढ़ार अभिषेक जिन प्रतिमा का जल, दूध, घी, पवित्र नदियों व तीर्थों का जल व विभिन्न औषधियों से शुद्धिकरण अभिषेक से व्यक्ति के विचारों व आत्मा का भी कल्याण होता है।
इस अवसर पर अढ़ार अभिषेक के संयोजक गिरीश भाई ने कहा कि अढ़ार अभिषेक करने से जीवन की सभी रुकावटें समाप्त हो जाती हैं, सभी विघ्नों का विनाश हो जाता है तथा सभी प्रकार के इच्छिक कार्यों की अनायास सहज सिद्धि हो जाती है। इस तीर्थ पर प्रतिष्ठित जिन बिंबों अर्थात जैन प्रतिमाओं की शुद्धि; व नमन से हम सबका जीवन मंगलमय एवं कल्याणकारी होता है।
गुजरात से पधारे सभी श्रद्धालु महोत्सव में तृपेश व सुश्री झरना बोहरा ने संगीतमय प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को नाचने-झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान समूचा मन्दिर जयकारों से गुंजायमान हो उठा।
इस अवसर पर समस्त महाजन परिवार,जिनाज्ञा युवा ग्रुप की ओर से जैन मन्दिर में भगवान को दुग्धाभिषेक करने के लिए दो बड़े स्वर्ण कलश भेंट किए। महोत्सव में मूलसागर स्थित तुलसी गौशाला को असहाय गायों की सेवा के लिए मशीन के साथ ही एक लाख 33 हजार रुपए का चैक व्यवस्थापक को भेंट किया। उन्होंने निःशक्त बच्चों की स्कूल को बीस कंबल,दस हजार रुपए व खजूर के पैकेट भेंट किए। महंगाई को देखते हुए समस्त महाजन परिवार ने जैन ट्रस्ट के 94 कर्मचारियों को 500-500 रुपए नगद एवं एक-एक कंबल भेंट किया। इस अवसर पर जैसलमेर तीर्थ की यात्रा पर आने वाले साधु भगवंत-साध्वी मण्डल की सेवा के लिए 3 लाख रुपए व भोजनशाला व तीर्थ व्यवस्था के लिए 2 लाख रुपए भेंट किए।
समस्त महाजन परिवार व जिनाज्ञा युवा मण्डल के प्रवक्ता महेन्द्र भाई ने बताया कि हमने अब तक 650 वर्ष पुराने 111 जिनालयों और एक सौ से लेकर 2300 वर्ष प्राचीन 12 हजार जिन प्रतिमाओं का शुद्धिकरण व अढ़ार अभिषेक कराया है। हमारे परिवार में 7 हजार 575 भाविक कार्यकर्ता हैं जो प्रतिवर्ष राजस्थान, मध्यप्रदेश के प्राचीन तीर्थ स्थानों का अभियान चलाकर शुद्धिकरण करते हैं।
नमिनाथ जिनालय परिसर में रात्रिकालीन भक्ति संध्या में ट्रस्ट मण्डल द्वारा समस्त महाजन परिवार के संयोजक गिरीश भाई, जिनाज्ञा ग्रुप के मयंक भाई व उनके सभी साथियों का तिलक, माला, साफा, श्रीफल व स्मृति चिह्न प्रदान कर हार्दिक अभिनंदन किया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें