बिहारियों के प्रति विवादास्पद बयान देते रहे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने एक और विवादास्पद बयान दिया है.
राज ठाकरे ने मराठी भाषा में दिए गए भाषण में कहा, “मुझे बलात्कार पीड़ित से सहानुभूति है और ऐसा किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए. लेकिन क्या किसी ने पूछा कि बलात्कार करने वाले कौन थे. इसके बारे में कोई नहीं बोल रहा है.उन्होंने आगे कहा, "सभी बलात्कार-बलात्कार चिल्ला रहे हैं लेकिन सभी बलात्कारी बिहार के हैं ये कोई नहीं कह रहा है.”
इससे पहले महाराष्ट्र में बिहारियों को 'घुसपैठिया' करार देने वाले मुंबई के मराठी नेता राज ठाकरे के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज हो चुका है.
पहले भी उगला है ज़हर
राज ठाकरे ने इस तरह का बयान पहले भी दिया था जब उन्होंने मुंबई हमलों का तार बिहार से जुड़ने की बात की थी.
राज ठाकरे ने जनवरी 2012 में उत्तर भारतीयों पर प्रहार करते हुए कहा था कि 13 जुलाई 2011 के मुंबई हमलों के मामले में बिहार के कथित चरमपंथियों का ग़िरफ़्तार किया जाना ये दर्शाता है कि इस हमले का बिहार से संबंध था.
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था, “मैं बहुत समय से कह रहा हूं कि उत्तर भारत से मुंबई आ कर बसने वालों की बढ़ती तादाद की वजह से चरमपंथी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है.
13/7 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार हमलों के मामले में बिहार के कुछ संदिग्धों की ग़िरफ़्तारी ने मेरे दावे की पुष्टि की है. इस हमले के तार बिहार से जुड़े होने की बात साबित हो गई है. क्या इस बात पर कोई ध्यान देगा या नहीं? मुझे समझ नहीं आता कि मेरे बयानों पर इतना बवाल क्यों बनाया जाता है.”
इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने राज ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह की कटुतापूर्ण बात नहीं की जानी चाहिए.
बिहार की राज्य सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा,"अगर इस तरह का बयान राज ठाकरे ने दिया है तो वे अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. नफरत फैलाकर कोई राजनीति की सीढ़ी चढ़ना चाहता है तो यह स्थाई नहीं हो सकता है."
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें