शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

पाक की घिनौनी हरकत, पीट-पीट कर भारतीय कैदी की हत्या


इस्लामाबाद। जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक चमेल सिंह की मृत्यु हो गई है। उसकी पांच साल की सजा शीघ्र ही पूरी होने वाली थी। रिपोर्टो में कहा गया है कि मौत से दो दिन पहले ही जेलकर्मियों ने उसकी बुरी तरह पिटाई की थी। वह जम्मू-कश्मीर का रहने वाला था।

पाकिस्तानी वकील तहसीन खान के हवाले से मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि उन्होंने 15 जनवरी को लाहौर की कोट लखपत जेल में कपड़ा धोने के लिए नल से पानी लेने पर जेलकर्मियों को सिंह की पिटाई करते देखा था। इसके दो दिन बाद उसकी जिन्ना अस्पताल में मृत्यु हो गई। खान हाल ही में इस जेल से रिहा हुए हैं। हालांकि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के सूत्रों ने कहा है कि उन्हें अधिकारियों द्वारा औपचारिक रूप से बता दिया गया था कि सिंह की लाहौर में 15 जनवरी को मृत्यु हो गई। इस मामले को लेकर दिए गए नोट में सिंह की मौत के कारण के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।

खान ने आरोप लगाया है कि जेल कर्मियों ने भारतीयों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ नस्ली टिप्पणी की थी। वकील ने दावा किया कि मौत की सजा पाए सरबजीत सिंह समेत कोट लखपत जेल में बंद अन्य भारतीय कैदियों के लिए गंभीर खतरा है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें चमेल सिंह की मौत के बारे में उसके परिवार वालों को सूचित करने के लिए कहा था। भारत के विदेश मंत्रालय को यह सूचना दे दी गई है। अधिकारी सिंह के परिवार वालों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही तय किया जाएगा कि उसके शव को भारत भेजा जाए या पाकिस्तान में ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए।

भारतीय अधिकारियों का यह भी कहना है कि उन्हें जेल में सिंह की पिटाई के बारे में जानकारी नहीं है। इस समय सिंह का शव लाहौर के एक सरकारी अस्पताल की मोच्र्युरी में रखा हुआ है। जम्मू-कश्मीर के प्रगवाल निवासी सिंह को 2008 में पाकिस्तान में जासूसी करने का दोषी ठहराया गया था। उसके परिवार वालों का कहना है कि वह जासूसी में शामिल नहीं था। वह जुलाई, 2008 में रास्ता भटककर पाकिस्तान में दाखिल हो गया था।

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