शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

मार्च से महंगा हो सकता है रेल सफर


मार्च से महंगा हो सकता है रेल सफर


नई दिल्ली। विदेशी किराना में जीत से यूपीए सरकार के हौसले बुलंद हो गए हैं। सपा और बसपा से मिली ताकत के बाद सरकार अब आर्थिक सुधारों की रफ्तार को तेज करने जा रही है। इसके तहत रेलवे में पिछले 9 साल से लंबित सुधारों को लागू किया जाएगा।


इन सुधारों के तहत सरकार जल्द ही स्वतंत्र टैरिफ रेगुलेटर स्थापित करेगी। इसकी स्थापना से मार्च से रेल सफर महंगा हो जाएगा। पिछले 9 साल से यात्री किराए में बढ़ोतरी नहीं हुई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने टैरिफ रेगुलेटर की स्थापना के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को डेडलाइन तय करने का निर्देश दिया है।


साथ ही निश्चित समय सीमा के भीतर लंबित पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने को कहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंतर मंत्रालयी समूह को रेल टैरिफ अथॉरिटी के गठन के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त दिया है। अंतर मंत्रालयी समूह की अध्यक्षता रेलवे बोर्ड के चेयरमैन हैं। यह अथॉरिटी यात्री किराए को तार्किक करने पर अपनी सिफारिशें देगा। पीएमओ ने ट्रांसपोर्टर को 15 जनवरी 2013 तक कैबिनेट नोट को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि रेल मंत्री बनने के तुरंत बाद पवन कुमार बंसल ने यात्री किराए में बढ़ोतरी के संकेत दिए थे। बंसल का कहना था कि यात्री किराए में दी जा रही सब्सिडी के कारण घाटा बढ़ता जा रहा है। अब रेगुलेटर ट्रेनों को चलाने के लिए डीजल और बिजली पर आने वाले खर्च की समीक्षा करेगा। साथ ही घाटा पूरा करने के लिए यात्री किराए में बढ़ोतरी की सिफारिश कर सकता है।

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