"कांग्रेस किसी को सीएम प्रोजेक्ट नहीं करेगी"
जयपुर। कांग्रेस अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव किसी व्यक्ति विशेष को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करके नहीं लड़ेगी। पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने पर आलाकमान और विधायक दल मिलकर ही मुख्यमंत्री चुनेंगे। यह कहना है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रभान का। प्रदेशाध्यक्ष पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को होने वाली रैली में फिर से सत्ता में आने का संकल्प लिया जाएगा। चन्द्रभान ने कहा कि कांग्रेस में हमेशा संसदीय लोकतंत्र प्रणाली पर काम होता रहा है। किसी व्यक्ति विशेष्ा को मुख्यमंत्री के रूप में पेश नहीं किया जाता।
चन्द्रभान ने कहा कि इसे विधानसभा चुनाव की पहली रैली के रूप में लिया जा सकता है। जनसभा में भीड़ का लक्ष्य नहीं है लेकिन बड़ी संख्या में कांग्रेसी जयपुर पहुंच रहे हैं। रैली रामलीला मैदान पर ही होगी।
26 में से 7 पार्षद ही मीटिंग में पहुंचे
संकल्प रैली की तैयारियों को लेकर महापौर ज्योति खण्डेलवाल की ओर से बुधवार को बुलाई गई बैठक में 26 में से 7 कांग्रेस पाष्ाüद ही पहुंचे। इससे महापौर और कांग्रेस पाष्ाüदों के बीच जारी खींचतान खुलकर सामने आ गई।
पूरे पाष्ाüद नहीं पहुंचने के कारण रैली की तैयारियों को लेकर चर्चा नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि सीईओ के साथ हुए विवाद और लगातार अनदेखी के चलते कई कांग्रेसी पाष्ाüदों ने महापौर से दूरी बना ली और इसी का असर बैठक में भी नजर आया। बैठक में चार मनोनीत पाष्ाüद भी शामिल हुए।
बैठक की सूचना ही नहीं दी गई। महापौर चाहें या नहीं चाहें, लेकिन मैं संगठन से जुड़ी हुई हूं और उसके लिए काम करूंगी। सुनीता मावर, पाष्ाüद, वार्ड 52
महापौर खुद को संगठन और सरकार से ऊपर समझने लगी हैं। बैठक में बुलाया तक नहीं गया, उन्हें पहले पार्टी का हित सोचना चाहिए। मोहिनी कंवर, पाष्ाüद-वार्ड- 10
सभी पाष्ाüदों को बैठक की सूचना दे दी गई थी। पाष्ाüद क्यों नहीं आए ये तो वे ही बात सकते हैं। ज्योति खण्डेलवाल, महापौर
प्रदेश के केंद्रीय मंत्री ही आएंगे
रैली में दिल्ली से प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक और सचिव अरूण यादव ही आएंगे। प्रदेश से केन्द्र सरकार में मंत्री बने नेता भी रैली में रहेंगे। पहले राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी या केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के आने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन बुधवार को दिल्ली से साफ कर दिया गया कि ये नेता नहीं आ रहे हैं।
चंद्रभान ने बताया कि वासनिक ने प्रदेश के सभी केंद्रीय मंत्रियों को रैली में उपस्थित रहने के निर्देश दे दिए हैं। इसमें आनन्द शर्मा, सी.पी. जोशी, सचिन पायलट, नमो नारायण मीणा, लालचंद कटारिया और जितेंद्र सिंह शामिल हैं।
रैली में व्यस्त, कार्रवाई पस्त अनुशासनहीनता पर चुप्पी
जयपुर. संकल्प रैली और चिंतन शिविर की तैयारियों में व्यस्त कांग्रेस अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में नहीं दिख रही। पिछले दिनों हुए ऎसे सभी मामलों पर प्रदेश नेतृत्व ने कोई कार्रवाई नहीं की। कहा जा रहा है कि रैली और चिंतन शिविर से पहले पार्टी कार्रवाई कर नया विवाद खड़ा नहीं करना चाहती।
इन पर आरोप
प्रदेश प्रतिनिधि सम्मेलन में संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए। बाद में विधानसभा उपाध्यक्ष ने सरकार को जनभावना पर खरा नहीं उतरने का बयान दिया। लोढ़ा के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं बनाई गई। न ही विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा से यह पूछा गया कि किस कारण कांग्रेस सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।
विधायक कर्नल सोनाराम, दौलतराज नायक के बयान, भरतपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन में हुई हाथापाई जैसे मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विवाद नहीं बढ़ाना चाहते
जानकारों का कहना है कि पार्टी फिलहाल 28 दिसम्बर को संकल्प रैली के कारण किसी भी विवाद को हवा देने के मूड में नहीं है। नेताओं पर अधिकाधिक भीड़ लाने पर दबाव बनाया जा रहा है।
बसों के जुगाड़ में जुटा परिवहन विभाग
पिछले दिनों कांग्रेस की दिल्ली रैली के लिए बसों की व्यवस्था करने वाला परिवहन विभाग अब जयपुर रैली के लिए बसें जुटा रहा है। इसे लेकर विभाग में बुधवार को हलचल रही। जयपुर के परिवहन अधिकारियों को करीब आठ सौ बसों की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसमें सबसे अधिक दूदू क्षेत्र के लिए मांगी गई हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी मिनी बस मालिक व अन्य निजी बस संचालकों से भी बात कर रहे हैं। बस मालिक सिर्फ डीजल के खर्च पर बसें भेजने से कतरा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के दबाव के आगे कुछ बोल नहीं पा रहे।
कहां बैठेंगे लोग
रैली में हजारों की भीड़ ग्रामीण क्षेत्रों से बुलाई जा रही है। जानकारों के अनुसार यदि आठ सौ बसों में लोग आए तो रामलीला मैदान ही नहीं रामनिवास बाग और आसपास के बाजर भी भर जाएंगे। इसके अलावा जयपुर शहर व अन्य पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता अलग हैं।
चन्द्रभान ने कहा कि इसे विधानसभा चुनाव की पहली रैली के रूप में लिया जा सकता है। जनसभा में भीड़ का लक्ष्य नहीं है लेकिन बड़ी संख्या में कांग्रेसी जयपुर पहुंच रहे हैं। रैली रामलीला मैदान पर ही होगी।
26 में से 7 पार्षद ही मीटिंग में पहुंचे
संकल्प रैली की तैयारियों को लेकर महापौर ज्योति खण्डेलवाल की ओर से बुधवार को बुलाई गई बैठक में 26 में से 7 कांग्रेस पाष्ाüद ही पहुंचे। इससे महापौर और कांग्रेस पाष्ाüदों के बीच जारी खींचतान खुलकर सामने आ गई।
पूरे पाष्ाüद नहीं पहुंचने के कारण रैली की तैयारियों को लेकर चर्चा नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि सीईओ के साथ हुए विवाद और लगातार अनदेखी के चलते कई कांग्रेसी पाष्ाüदों ने महापौर से दूरी बना ली और इसी का असर बैठक में भी नजर आया। बैठक में चार मनोनीत पाष्ाüद भी शामिल हुए।
बैठक की सूचना ही नहीं दी गई। महापौर चाहें या नहीं चाहें, लेकिन मैं संगठन से जुड़ी हुई हूं और उसके लिए काम करूंगी। सुनीता मावर, पाष्ाüद, वार्ड 52
महापौर खुद को संगठन और सरकार से ऊपर समझने लगी हैं। बैठक में बुलाया तक नहीं गया, उन्हें पहले पार्टी का हित सोचना चाहिए। मोहिनी कंवर, पाष्ाüद-वार्ड- 10
सभी पाष्ाüदों को बैठक की सूचना दे दी गई थी। पाष्ाüद क्यों नहीं आए ये तो वे ही बात सकते हैं। ज्योति खण्डेलवाल, महापौर
प्रदेश के केंद्रीय मंत्री ही आएंगे
रैली में दिल्ली से प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक और सचिव अरूण यादव ही आएंगे। प्रदेश से केन्द्र सरकार में मंत्री बने नेता भी रैली में रहेंगे। पहले राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी या केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के आने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन बुधवार को दिल्ली से साफ कर दिया गया कि ये नेता नहीं आ रहे हैं।
चंद्रभान ने बताया कि वासनिक ने प्रदेश के सभी केंद्रीय मंत्रियों को रैली में उपस्थित रहने के निर्देश दे दिए हैं। इसमें आनन्द शर्मा, सी.पी. जोशी, सचिन पायलट, नमो नारायण मीणा, लालचंद कटारिया और जितेंद्र सिंह शामिल हैं।
रैली में व्यस्त, कार्रवाई पस्त अनुशासनहीनता पर चुप्पी
जयपुर. संकल्प रैली और चिंतन शिविर की तैयारियों में व्यस्त कांग्रेस अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में नहीं दिख रही। पिछले दिनों हुए ऎसे सभी मामलों पर प्रदेश नेतृत्व ने कोई कार्रवाई नहीं की। कहा जा रहा है कि रैली और चिंतन शिविर से पहले पार्टी कार्रवाई कर नया विवाद खड़ा नहीं करना चाहती।
इन पर आरोप
प्रदेश प्रतिनिधि सम्मेलन में संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए। बाद में विधानसभा उपाध्यक्ष ने सरकार को जनभावना पर खरा नहीं उतरने का बयान दिया। लोढ़ा के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं बनाई गई। न ही विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा से यह पूछा गया कि किस कारण कांग्रेस सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।
विधायक कर्नल सोनाराम, दौलतराज नायक के बयान, भरतपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन में हुई हाथापाई जैसे मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विवाद नहीं बढ़ाना चाहते
जानकारों का कहना है कि पार्टी फिलहाल 28 दिसम्बर को संकल्प रैली के कारण किसी भी विवाद को हवा देने के मूड में नहीं है। नेताओं पर अधिकाधिक भीड़ लाने पर दबाव बनाया जा रहा है।
बसों के जुगाड़ में जुटा परिवहन विभाग
पिछले दिनों कांग्रेस की दिल्ली रैली के लिए बसों की व्यवस्था करने वाला परिवहन विभाग अब जयपुर रैली के लिए बसें जुटा रहा है। इसे लेकर विभाग में बुधवार को हलचल रही। जयपुर के परिवहन अधिकारियों को करीब आठ सौ बसों की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसमें सबसे अधिक दूदू क्षेत्र के लिए मांगी गई हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी मिनी बस मालिक व अन्य निजी बस संचालकों से भी बात कर रहे हैं। बस मालिक सिर्फ डीजल के खर्च पर बसें भेजने से कतरा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के दबाव के आगे कुछ बोल नहीं पा रहे।
कहां बैठेंगे लोग
रैली में हजारों की भीड़ ग्रामीण क्षेत्रों से बुलाई जा रही है। जानकारों के अनुसार यदि आठ सौ बसों में लोग आए तो रामलीला मैदान ही नहीं रामनिवास बाग और आसपास के बाजर भी भर जाएंगे। इसके अलावा जयपुर शहर व अन्य पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता अलग हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें