गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

राष्ट्रपति के बेटे ने विरोध के बाद वापस लिया बयान, कहा पार्टी कहेगी तो इस्तीफा दे दूंगा

नई दिल्‍ली. दिल्ली प्रदर्शनकारियों को लेकर दिए अपने विवादास्पद बयान पर राष्ट्रपति के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने माफी मांगी है। अभिजीत ने कहा कि वे अपना बयान वापस लेते हैं व बयान से किसी को दुख हुआ तो माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि किसी को दुख पहुंचाना मेरा मकसद नहीं था। कांग्रेस ने भी उनके बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। वहीं अभिजीत का कहना है कि पार्टी कहेगी तो मैं इस्तीफा भी देने को तैयार हूं। वहीं महिला आयोग की अध्‍यक्ष ममता शर्मा ने कहा, अकेले बाहर ना जाएं महिलाएं।

राष्ट्रपति के बेटे ने विरोध के बाद वापस लिया बयान, कहा पार्टी कहेगी तो इस्तीफा दे दूंगा

गैंगरेप के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और पश्चिम बंगाल के जंगीपुर से कांग्रेस सांसद अभिजीत ने बयान देते हुए कहा था कि, 'दिल्ली में जो हो रहा है वो गुलाबी क्रांति जैसा है। जो लोग सड़कों पर उतर रहे हैं उन्हें जमीनी हकीकत का कोई अंदाजा नहीं है। ये लोग दिन में सड़कों पर मोमबत्ती लेकर उतरते हैं और रात में डिस्को चले जाते हैं।'

मुखर्जी ने कहा, 'हम भी कॉलेज गए हैं और जानते हैं कि कॉलेज के बच्चे कैसे होते हैं। आजकल रात में डिस्को जाना और सुबह मोमबत्ती लेकर मार्च करना फैशन हो गया है। सुंदर-सुंदर महिलाएं सज-धज कर हाथ में मोमबत्ती लेकर प्रदर्शनों में आती हैं, मुझे तो उनके छात्र होने पर ही शक होता है। क्‍या स्‍टूडेंट ऐसी होती हैं?'

अभिजीत की तरह आंध्र प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण ने कहा कि आजादी का मतलब यह नहीं है कि आधी रात में लड़कियां सड़क पर निकलें।

दोनों कांग्रेसी नेताओं के बयान पर जहां कांग्रेस खामोश है वहीं बीजेपी और सीपीएम ने उनके बयान की आलोचना की है। बीजेपी की महिला मोर्चा की अध्यक्षा स्मृति ईरानी ने मुखर्जी के बयान को असंवेदनशील करार देते हुए कहा है कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। सीपीएम की वृंदा करात ने भी बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। बयान का विरोध होने के बाद मुखर्जी ने अपना बयान तो वापस ले लिया लेकिन माफी मांगने से इंकार कर दिया। हालांकि उनकी बहन शर्मिष्‍ठा ने भाई की तरफ से माफी मांगते हुए कहा कि वह इस बयान से हैरान हैं। उन्‍होंने अभिजीत के बयान को गलत बताते हुए क‍हा कि पता नहीं ऐसा बयान क्‍यों दिया? उन्‍होंने कहा कि वह भाई से बात करेंगी।

...और बसपा सांसद ने कहा- चद्दर ओढ़कर निकलें औरतें

बसपा सांसद और स्थायी समिति के सदस्य शफीकुर्रहमान बर्क का कहना है कि अरब और दूसरे देशों में ऐसे कानून हैं जिसमें हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों की महीनेभर में सजा सुना दी जाती है। हजारों आदमियों की गर्दन उड़ा दी जाती है। जबकि हमारे यहां रिश्वत देकर छूट जाते हैं। हमारे यहां भी ऐसी सजा होनी चाहिए। मैं तो चाहता हूं कि बढ़ते अपराधों को देखते हुए मुस्लिम महिलाओं को बुर्का और हिंदू औरतों को चद्दर ओढ़कर ही घर से निकलना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें