विधायक को थमाई "स्कर्ट"
अलवर। स्कूली छात्राओं के पहनावे पर बयान देकर फंसे शहर विधायक बनवारीलाल सिंघल को गुस्साए छात्र-छात्राओं ने शनिवार शाम उनके घर पहुंच स्कर्ट थमा दी और पूछा कि क्या स्कर्ट नहीं पहनने से दुष्कर्म रूक जाएंगे? विधायक ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश करते हुए विधायक ने उनसे माफी तो मांगी, लेकिन अपने बयान को भी सही ठहराया।
स्कूल-कॉलेज के काफी छात्र-छात्राएं और जनसंगठनों के लोग शनिवार शाम करीब छह बजे शहर विधायक बनवारीलाल सिंघल के निवास के बाहर एकत्रित हुए। छात्र-छात्राओं ने विधायक सिंघल के बयान "स्कर्ट से बुरी नजर का शिकार होती हैं लड़कियां" के विरोध में उनके खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाना शुरू कर दिया। ये देख विधायक सिंघल घर से बाहर निकले और प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं के बीच आकर अपनी बात कहने लगे, लेकिन छात्राओं के सवालों के आगे वे निरूत्तर होते दिखे। छात्राओं का कहना था कि क्या दुष्कर्म के सभी मामलों पीडिताएं स्कर्ट के कारण शिकार बनी। इसी दौरान एक छात्रा ने विधायक के हाथ में "स्कर्ट" थमा दी। विधायक काफी देर तक अपने बयान पर सफाई देते रहे, लेकिन प्रदर्शकारियों ने उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे।
माफी मांगी, बयान सही ठहराया
हंगामे के बीच विधायक सिंघल ने घर पर जमा छात्र-छात्राओं से माफी मांगी, लेकिन अपने बयानों को भी सही ठहराते रहे। इस दौरान विधायक और प्रदर्शकारियों के बीच काफी देर तक बहस होती रही। करीब पौने घंटे प्रदर्शन के बाद छात्र-छात्राएं वहां से रवाना हो गए। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही अरावली विहार थानाधिकारी जितेन्द्र नावरिया जाब्ते के साथ मौके पर पहंुच गए। प्रदर्शकारियों में अनूप दायमा, कपिल अग्रवाल, कर्णव खत्री, कपिल शर्मा, गुंजन, प्रियंका, निहारिका व प्रिया सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं और महिला संगठनों की प्रतिनिधि मौजूद रहीं।
मैं जनमानस के साथ
मैनें जो कहा उसके बारे मे बच्चों और अभिभावकों के सैकड़ों एसएमएस और फोन आए। लोगों ने मेरी बात से सहमति भी जताई है, लेकिन कुछ बच्चे और उनके साथ आए लोग गलत शाब्दिक अर्थ लगा निवास पर प्रदर्शन करने आए। प्रदर्शनकारियों को संतुष्ट करने का प्रयास किया है। मैं जनमानस के साथ हूं। मामले में कांग्रेस राजनीति कर रही है।
बनवारीलाल सिंघल, शहर विधायक, अलवर।
शोक व संवेदना जताई
अपने जनप्रतिनिधि की गैर जिम्मेदार बयानबाजी से अलवर शनिवार को उद्वेलित रहा। शोक में लोगों ने पीडिता को मौन रख और मोमबत्तियां जला श्रद्धांजलि तो अर्पित कर दी, लेकिन विधायक बनवारीलाल सिंघल के बयान पर अपना गुस्सा रोक नहीं पाए। विभिन्न संगठनों ने सरकार से कड़े कानून की मांग की है।
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