पति एचआईवी संक्रमित,पूरा परिवार बहिष्कृत
जयपुर। राजस्थान के एक गांव में एक परिवार के एक सदस्य के एचआईवी संक्रमित होने का पता चलने के बाद यहां इस पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। एक सामाजिक कार्यकर्ता के मुताबिक सरकार द्वारा भेजे गए एक पत्र से व्यक्ति के एचआईवी संक्रमित होने का पता चला।
इस परिवार में केवल पति ही एचआईवी संक्रमित है जबकि उसकी पत्नी व तीन बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इस पूरे परिवार को उसके घर से बेदखल कर दिया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि परिवार के सामाजिक समारोहों में सम्मिलित होने पर रोक लगा दी गई है। उस पर गांव की दुकानों से किराने की वस्तुएं खरीदने पर भी पाबंदी है। यह परिवार राजधानी जयपुर से करीब 1,570 किलोमीटर दूर सीकर जिले के रोलसाबसार गांव में रहता है।
स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) सीकर नेटवर्क फॉर पीपल लिविंग विद एचआईवी/एड्स के कार्यकर्ता विक्रम शर्मा ने बताया कि पति ने राज्य सरकार की एक योजना के तहत लाभ हासिल करने के लिए आवेदन किया था।
शर्मा ने कहा,उन्होंने राज्य के सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग में आवेदन किया। विभाग की ओर से 19 अक्टूबर को इसके जवाब में एक पत्र भेजा गया था। यह पत्र लिफाफे के अंदर नहीं था और इस पर ही एक स्टिकर लगाकर भेजा गया था। जब यह पत्र डाकघर में पहुंचा तो इसके खुले होने के कारण वहां कई लोगों ने इसे पढ़ लिया।
एक ग्रामीण ने बताया,उनके एचआईवी-संक्रमित होने की खबर फैल गई। तब से वह बहिष्कृत हैं। कोई भी उनसे,उनकी पत्नी,दो बेटों और एक बेटी से बात नहीं करता। वह पहले एक श्रमिक का काम करता था। वैसे लोगों से उससे काम लेना बंद कर दिया। ऎसे भी दिन आए जब इस परिवार को बिना भोजन के रहना पड़ा।
उन्होंने कहा,परिवार को कई बार फुटपाथों पर, बस स्टैंड और प्लेटफार्म पर सोना पड़ा। एक ग्रामीण ने बताया कि पति ने शिकायत दर्ज कराने के लिए सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग से सम्पर्क की कोशिश की लेकिन किसी ने उसकी दुर्दशा की ओर ध्यान नहीं दिया।
शर्मा ने कहा,एचआईवी-संक्रमित मरीज की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। हमारी अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ एक पुलिस शिकायत दर्ज कराने की योजना है।
जयपुर। राजस्थान के एक गांव में एक परिवार के एक सदस्य के एचआईवी संक्रमित होने का पता चलने के बाद यहां इस पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। एक सामाजिक कार्यकर्ता के मुताबिक सरकार द्वारा भेजे गए एक पत्र से व्यक्ति के एचआईवी संक्रमित होने का पता चला।
इस परिवार में केवल पति ही एचआईवी संक्रमित है जबकि उसकी पत्नी व तीन बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इस पूरे परिवार को उसके घर से बेदखल कर दिया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि परिवार के सामाजिक समारोहों में सम्मिलित होने पर रोक लगा दी गई है। उस पर गांव की दुकानों से किराने की वस्तुएं खरीदने पर भी पाबंदी है। यह परिवार राजधानी जयपुर से करीब 1,570 किलोमीटर दूर सीकर जिले के रोलसाबसार गांव में रहता है।
स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) सीकर नेटवर्क फॉर पीपल लिविंग विद एचआईवी/एड्स के कार्यकर्ता विक्रम शर्मा ने बताया कि पति ने राज्य सरकार की एक योजना के तहत लाभ हासिल करने के लिए आवेदन किया था।
शर्मा ने कहा,उन्होंने राज्य के सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग में आवेदन किया। विभाग की ओर से 19 अक्टूबर को इसके जवाब में एक पत्र भेजा गया था। यह पत्र लिफाफे के अंदर नहीं था और इस पर ही एक स्टिकर लगाकर भेजा गया था। जब यह पत्र डाकघर में पहुंचा तो इसके खुले होने के कारण वहां कई लोगों ने इसे पढ़ लिया।
एक ग्रामीण ने बताया,उनके एचआईवी-संक्रमित होने की खबर फैल गई। तब से वह बहिष्कृत हैं। कोई भी उनसे,उनकी पत्नी,दो बेटों और एक बेटी से बात नहीं करता। वह पहले एक श्रमिक का काम करता था। वैसे लोगों से उससे काम लेना बंद कर दिया। ऎसे भी दिन आए जब इस परिवार को बिना भोजन के रहना पड़ा।
उन्होंने कहा,परिवार को कई बार फुटपाथों पर, बस स्टैंड और प्लेटफार्म पर सोना पड़ा। एक ग्रामीण ने बताया कि पति ने शिकायत दर्ज कराने के लिए सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग से सम्पर्क की कोशिश की लेकिन किसी ने उसकी दुर्दशा की ओर ध्यान नहीं दिया।
शर्मा ने कहा,एचआईवी-संक्रमित मरीज की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। हमारी अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ एक पुलिस शिकायत दर्ज कराने की योजना है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें