गुजरात ने फिर कहा,मोदी
अहमदाबाद। शुरूआतों से लग रहा है कि गुजरात में नरेन्द्र मोदी हैट्रिक लगाने जा रहे हैं। भाजपा 106,कांग्रेस 51 सीटों पर आगे चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी 2 और अन्य 1 सीटों पर आगे चल रहे हैं। मोदी मणिनगर सीट से आगे चल रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार श्वेता भट्ट काफी पीछे चल रही है। गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं। पिछले चुनाव में भाजपा ने 117 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
बड़ी जीत के सहारे पीएम-इन-वेटिंग बनने की तैयारी कर रहे मोदी के लिए आज का दिन सबसे कठिन इम्तिहान का है। उन्होंने पिछले दो चुनाव सांप्रदायिक छाया के बीच लड़े, लेकिन इस बार वे अपनी छवि और विकास के आधार पर पूरे गुजरात में घूमे। भारी मतदान ने भी अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अब ईवीएम से निकलने वाले नतीजे मोदी की बंद मुटी खोलेंगे। मोदी को यदि ऎतिहासिक जनादेश मिलता है तो उनके "अश्वमेघ यज्ञ" के घोड़े दिल्ली की ओर तेजी से बढ़ने लगेंगे।
मोदी ने इस चुनाव में कड़ी मेहनत की थी। चुनाव की तारीखों के ऎलान से पहले और अंतिम दिन तक उन्होंने अकेले 450 से ज्यादा सभाएं की, जबकि पिछली बार सिर्फ 166 चुनावी सभाएं की। दिल्ली से आने वाले भाजपा की दूसरी पंक्ति के नेताओं ने चुनावी सभाओं में सुनियोजित तरीके से मोदी बनाम भावी पीएम का मुद्दा जमकर उछाला। खुद मोदी भी कार्यकर्ताओं को इशारों में ये बात समझाते दिखाई दिए। फिर भी मोदी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा उनके दो पूर्व गुरू केशुभाई पटेल और शंकर सिंह वाघेला हैं।
क्या मोदी इनकी चुनौतियों से निकलकर मतदाताओं का ऎतिहासिक समर्थन पा सके हैं? क्योंकि सत्ता लेकर भी सीटों की संख्या कम रह जाती है तो कब तक मुख्यमंत्री रहेंगे, इसको लेकर सवाल बना ही रहेगा। इससे भी चूक गए तो उन्हें वनवास के साथ कई तरह की जांचों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि गुजरात की भाजपा इकाई और मोदी समर्थक एक्जिट पोल के नतीजों के आधार पर फिलहाल जश्न की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
अहमदाबाद। शुरूआतों से लग रहा है कि गुजरात में नरेन्द्र मोदी हैट्रिक लगाने जा रहे हैं। भाजपा 106,कांग्रेस 51 सीटों पर आगे चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी 2 और अन्य 1 सीटों पर आगे चल रहे हैं। मोदी मणिनगर सीट से आगे चल रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार श्वेता भट्ट काफी पीछे चल रही है। गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं। पिछले चुनाव में भाजपा ने 117 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
बड़ी जीत के सहारे पीएम-इन-वेटिंग बनने की तैयारी कर रहे मोदी के लिए आज का दिन सबसे कठिन इम्तिहान का है। उन्होंने पिछले दो चुनाव सांप्रदायिक छाया के बीच लड़े, लेकिन इस बार वे अपनी छवि और विकास के आधार पर पूरे गुजरात में घूमे। भारी मतदान ने भी अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अब ईवीएम से निकलने वाले नतीजे मोदी की बंद मुटी खोलेंगे। मोदी को यदि ऎतिहासिक जनादेश मिलता है तो उनके "अश्वमेघ यज्ञ" के घोड़े दिल्ली की ओर तेजी से बढ़ने लगेंगे।
मोदी ने इस चुनाव में कड़ी मेहनत की थी। चुनाव की तारीखों के ऎलान से पहले और अंतिम दिन तक उन्होंने अकेले 450 से ज्यादा सभाएं की, जबकि पिछली बार सिर्फ 166 चुनावी सभाएं की। दिल्ली से आने वाले भाजपा की दूसरी पंक्ति के नेताओं ने चुनावी सभाओं में सुनियोजित तरीके से मोदी बनाम भावी पीएम का मुद्दा जमकर उछाला। खुद मोदी भी कार्यकर्ताओं को इशारों में ये बात समझाते दिखाई दिए। फिर भी मोदी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा उनके दो पूर्व गुरू केशुभाई पटेल और शंकर सिंह वाघेला हैं।
क्या मोदी इनकी चुनौतियों से निकलकर मतदाताओं का ऎतिहासिक समर्थन पा सके हैं? क्योंकि सत्ता लेकर भी सीटों की संख्या कम रह जाती है तो कब तक मुख्यमंत्री रहेंगे, इसको लेकर सवाल बना ही रहेगा। इससे भी चूक गए तो उन्हें वनवास के साथ कई तरह की जांचों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि गुजरात की भाजपा इकाई और मोदी समर्थक एक्जिट पोल के नतीजों के आधार पर फिलहाल जश्न की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
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