उपलब्धियाँ कर रही जयगान मरुधरा पर पसरा विकास का पैगाम
- डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर
राजस्थान का सरहदी जिला जैसलमेर बहुआयामी विकास के सुनहरे परिदृश्य से साक्षात् कराने लगा है। प्रदेश सरकार के बीते चार वर्ष में लोक उत्थान व समग्र सामुदायिक विकास की कई योजनाओं व कार्यक्रमों ने जिले के दूरदर्शी विकास को जो अभिनव दिशा-दृष्टि प्रदान की है वह आने वाले कई युगों तक अविस्मरणीय रहकर कीर्तिगान करती रहेगी।
खासकर आम आदमी के लिए जरूरी बुनियादी सेवाओें व संसाधनों की उपलब्धता, विकास एवं विस्तार की दृष्टि से जैसलमेर जिले में हाल के वर्ष ढेरों उपलब्धियों के साथ उल्लेखनीय रहे हैं। तरक्की की तीव्र रफ्तार को आम जन अच्छी तरह महसूस करने लगा है वहीं परिवेश में विकास की स्वर्णिम आभा की दमक हर किसी को मुग्ध करने लगी है।
पेयजल सुविधाओं का विस्तार
जैसलमेर जिले में 98 करोड़ 31 लाख 78 हजार रूपए व्यय किये जाकर 464 गांव/ढांणियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया गया और 844 नये हैण्डपम्प व 75 नये नलकूप लगाये गये। मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत जिले में अनुसूचित जाति की 106 बस्तियों को पेयजल सुविधा से लाभान्वित किया गया।
बिछा जाल सड़कों का
जैसलमेर जिले में वर्तमान राज्य सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों में बेहतर उपलब्धियाँ प्राप्त की गई हैं।
जिले में 89 करोड़ 11 लाख 86 हजार रुपये व्यय कर 346.85 किलोमीटर सड़काें का निर्माण किया गया,और 185 किलोमीटर सड़काें का उन्नयन किया गया।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत 324.15 किलोमीटर नई डामर सड़कों का निर्माण किया गया और 185 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन कार्य एवं 39 गांवों को जोड़ा जाकर 58.73 करोड़ रुपये की धनराशि का व्यय किया गया। मिसिंग लिंक परियोजना केे अन्तर्गत 149.08 लाख रुपए की राशि का व्यय कर 11 किलोमीटर सड़कों का नवनिर्माण किया गया। सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 38.08 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च कर 377.50 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया।
इसी प्रकार राज्य मार्ग/जिला सड़क के चौड़ाईकरण, सुदृढ़ीकरण व नवीनीकरण कार्य के अन्तर्गत 25.15 करोड़ रुपए की लागत से 237.68 किलोमीटर का निर्माण किया गया।
लोकोपयोगी भवनों का हुआ निर्माण
आलोच्य अवधि में जिले में विभिन्न लोकोपयोगी भवनों का निर्माण किया गया है। इनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सम ( राशि 74.08 लाख ), जैसलमेर जिला परिषद के पास अम्बेडकर छात्रावास (34.28 लाख ), पोकरण में अम्बेडकर छात्रावास (23.16) लाख तथा राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जैसलमेर के प्रथम चरण का निर्माण ( राशि 180.43 लाख ) आदि के कार्य प्रमुख हैं।
गाँव-ढांणियों तक पहुँची बिजली
जिले में 153 गाँवों का विद्युतीकरण किया गया एवं 3 हजार 196 (कृषि कनेक्शन ) कुओं का ऊर्जाकरण किया गया, वहीं 10 हजार 120 घरेलू विद्युत कनेक्शन दिये गये तथा 33 के.वी. के 22 विद्युत सब-स्टेशन बनाये गये।
ग्रामीण विकास
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के अन्तर्गत कुल 22753.95 लाख रुपए व्यय किये जाकर 63 हजार 321 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया गया ।
शिक्षा क्षेत्र ने पाए नए आयाम
जिले में 90 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालय में कृमोन्नत किया गया एवं 9 नये प्राथमिक विद्यालय खोले गये। वहीं 228 वरिष्ठ अध्यापक द्वितीय ग्रेड के लगाये गये हैं एवं तीन मॉडल स्कूलों (जैसलमेर,पोकरण एवं फतेहगढ़) का कार्य प्रगति पर है। जिले में 416 तृतीय श्रेणी अध्यापकाें को नियुक्ति दी गई। जिले में 73 मदरसों में शिक्षा सहयोगी नियुक्त किये गये और 32 मदरसो को कम्प्यूटरीकृत किया गया।
विद्यार्थियों को प्रोत्साहन
जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 7 हजार 361 विद्यार्थियों को 12.70 लाख रूपए की उत्तर मेट्रिक छात्रवृति उपलब्ध करवाई गई । साथ ही 468 छात्रो को 23.40 लाख रूपए के प्रोत्साहन पुरस्कार (इंसपायर अवार्ड ) एवं ‘आपकी बेटी योजना ’ के तहत 74 छात्राओं को 81 हजार 40 रुपए की राशि दी गई। जिले में 120 लाख रुपए राशि लागत के 3 बालिका छात्रावासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
लोक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
जिले में चांदन,भागू का गांव व फतेहगढ में 3 नये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सर्जित किये गये है और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र फलसूण्ड को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत किया गया। जिले को 13 जननी सुरक्षा एक्सपे्रस एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई गयी है।
आहत को राहत का अहसास
जिले में लोक समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हुई हैं। राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला स्तर पर आम जनता की जन समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए प्रतिदिन कार्यदिवस के दौरान जिला कलक्टर द्वारा अपराह्न 2ः30 से 3ः30 बजे तक जन सुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। माह मई, 2011 से 27 नवम्बर, 2012 तक की अवधि में 782 प्रार्थना-पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 628 प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण किया गया।
सर्तकता ( विजिलेन्स) व्यवस्था
जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की मासिक बैठकें प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को आयोजित करने के राज्य सरकार के निर्देश की पालना में समिति की मासिक बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं।
जिला स्तरीय सतर्कता समिति में वर्ष 2011 के 41 प्रकरण शेष थे एवं वर्ष 2012 के तहत ( जनवरी से नवम्बर 2012 तक ) 62 प्रकरण प्राप्त हुए। इस प्रकार कुल 103 प्रकरणों में से 83 प्रकरणों का जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठकों के माध्यम से निस्तारण करवाया जा चुका है। इसके अंतर्गत अवशेष 20 प्रकरणों के संबंध में संबंधित विभागों को निस्तारण के लिए भिजवाए जा चुके हैं।
वर्षा जल संरक्षण की पहल
जैसलमेर जल संसाधन उपखण्ड द्वारा महानरेगा सुनिश्चित रोजगार योजना के तहत जिले में 15 तालाबों की खुदाई का कार्य करवाया गया। इन पर 38529 मानव दिवस सृजित हुए और 33.49 लाख का भुगतान हुआ। इन सभी तालाबों की भराव क्षमता में 65.47 करोड़ लीटर की बढ़ोतरी हुई व वर्षा जल संरक्षण की उपलब्धि हासिल हुई।
खनन से खुशहाली
जैसलमेर जिला भूगर्भीय सम्पदा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने के साथ ही राजस्व संग्रहण का बहुत बड़ा स्रोत भी है। जैसलमेर जिले में पिछले चार वर्ष में खान एवं भू विज्ञान विभाग द्वारा कुल 224 खनन पट्टे स्वीकृत किए गये। इनमें मारबल-27, ग्रेनाईट-19, लाईम स्टोन (फ्लोरिंग)-147, मैसनरी स्टोन-29 तथा प्रधान खनिज के रूप में जिप्सम व सिलिसियस अर्थ का एक-एक पट्टा स्वीकृत है। इन पट्टों से लक्ष्याधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। विगत चार वर्ष में जैसलमेर जिले में अवैध खनन के 25 तथा अवैध निर्गमन के 173 प्रकरण बनाये गये जिनमें 36.65 लाख रुपयों की वसूली की गई। जिले में स्वीकृत खानों से परोक्ष-अपरोक्ष रूप से 3500 श्रमिकों को आजीविका प्राप्त हो रही है।
इसी प्रकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों में जैसलमेर जिला उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ विकास के पथ पर अग्रसर है।
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