कोलकाता।। सीपीएम के सीनियर नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री अनीसुर रहमान ने मर्यादा की सारी हदें तोड़ दी हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा है कि वह बताएं रेप के लिए कितना चार्ज लेंगी। लेफ्ट फ्रंट की ओर से विधानसभा में उपनेता रहमान ने उत्तरी दिनाजपुर जिले के इटाहार में पब्लिक रैली के दौरान यह बात कही। हालांकि, इस पर बवाल होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली और कहा कि भूलवश उन्होंने ऐसी बात कह दी।
सीपीएम नेता ने ममता बनर्जी की उस घोषणा के बाद यह टिप्पणी की, जिसमें मुख्यमंत्री ने एक महीना पहले रेप पीड़ित को 20 हजार रुपए बतौर मुआवजा देने की घोषणा की थी। रहमान पब्लिक अकाउंट्स कमिटी के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार का रवैया रेप पीड़ितों और किसानों के प्रति ठीक नहीं है। रहमान ने कहा, 'ममता बनर्जी ने 24 परगना से रेप पीड़िता चंपाला सरदार को रायटर्स बिल्डिंग बुलवाया था। वह तो समाज से बहिष्कृत लड़की थी। ममता को कोई अच्छी लड़की लाना चाहिए था। मुझे लगता है उनसे अच्छी लड़की नहीं हो सकती है। मैं 20 हजार रुपए के साथ कुछ मेडल भी दे सकता हूं।' रहमान ने ममता बनर्जी पर तल्ख और मर्यादाहीन टिप्पणी करते हुए कहा, 'आप रेप के लिए कितना चार्ज लेंगी।'
पार्टी रहमान के इस बयान के बेहद खफा है। रहमान को पार्टी हेडक्वॉर्टर बुलाकर कहा गया कि यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यहा पार्टी की संस्कृति और परंपरा के बिल्कुल खिलाफ है। सीपीएम के प्रदेश सेक्रेटरी विमान बसु ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सीपीएम की राजनीतिक संस्कृति नहीं है, पार्टी इसका विरोध करती है। इसके बाद माफी मांगते हुए अनीसुर रहमान ने कहा, 'मैंने रेप की घटनाओं में पीड़ित को राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले मुआवजे के मुद्दे पर बोलने के दौरान भूलवश मुख्यमंत्री के बारे में कुछ बातें कहीं। व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री या किसी को अपमानित करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी।' रहमान ने मीडिया में जारी एक बयान पढ़ते हुए कहा, 'पिछले 21 साल से मैं राज्य में विधायक हूं। मैंने इस तरह की बात पहले कभी नहीं कही और भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं होगा। मैं राज्य के सभी लोगों से माफी मांगता हूं।'सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पर टिप्पणी को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने रहमान को नोटिस भेजा था। उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि रहमान द्वारा ऐसी बात कही गई है जो किसी भी महिला के लिए कहना उचित नहीं है। यह बातें बंगाल की संस्कृति के अनुसार शोभा नहीं देती है। पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी और खेल व परिवहन मामलों के मंत्री मदन मित्रा ने कहा कि रहमान का बयान शर्मनाक है। उनका बयान महिलाओं के लिए अपमानजनक है। ऐसे नेता को विधानसभा का सदस्य रहने का हक नहीं है।
सीपीएम नेता ने ममता बनर्जी की उस घोषणा के बाद यह टिप्पणी की, जिसमें मुख्यमंत्री ने एक महीना पहले रेप पीड़ित को 20 हजार रुपए बतौर मुआवजा देने की घोषणा की थी। रहमान पब्लिक अकाउंट्स कमिटी के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार का रवैया रेप पीड़ितों और किसानों के प्रति ठीक नहीं है। रहमान ने कहा, 'ममता बनर्जी ने 24 परगना से रेप पीड़िता चंपाला सरदार को रायटर्स बिल्डिंग बुलवाया था। वह तो समाज से बहिष्कृत लड़की थी। ममता को कोई अच्छी लड़की लाना चाहिए था। मुझे लगता है उनसे अच्छी लड़की नहीं हो सकती है। मैं 20 हजार रुपए के साथ कुछ मेडल भी दे सकता हूं।' रहमान ने ममता बनर्जी पर तल्ख और मर्यादाहीन टिप्पणी करते हुए कहा, 'आप रेप के लिए कितना चार्ज लेंगी।'
पार्टी रहमान के इस बयान के बेहद खफा है। रहमान को पार्टी हेडक्वॉर्टर बुलाकर कहा गया कि यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यहा पार्टी की संस्कृति और परंपरा के बिल्कुल खिलाफ है। सीपीएम के प्रदेश सेक्रेटरी विमान बसु ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सीपीएम की राजनीतिक संस्कृति नहीं है, पार्टी इसका विरोध करती है। इसके बाद माफी मांगते हुए अनीसुर रहमान ने कहा, 'मैंने रेप की घटनाओं में पीड़ित को राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले मुआवजे के मुद्दे पर बोलने के दौरान भूलवश मुख्यमंत्री के बारे में कुछ बातें कहीं। व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री या किसी को अपमानित करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी।' रहमान ने मीडिया में जारी एक बयान पढ़ते हुए कहा, 'पिछले 21 साल से मैं राज्य में विधायक हूं। मैंने इस तरह की बात पहले कभी नहीं कही और भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं होगा। मैं राज्य के सभी लोगों से माफी मांगता हूं।'सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पर टिप्पणी को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने रहमान को नोटिस भेजा था। उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि रहमान द्वारा ऐसी बात कही गई है जो किसी भी महिला के लिए कहना उचित नहीं है। यह बातें बंगाल की संस्कृति के अनुसार शोभा नहीं देती है। पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी और खेल व परिवहन मामलों के मंत्री मदन मित्रा ने कहा कि रहमान का बयान शर्मनाक है। उनका बयान महिलाओं के लिए अपमानजनक है। ऐसे नेता को विधानसभा का सदस्य रहने का हक नहीं है।
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