राज्य मंत्री राजकुमार को 3 साल की सजा
जयपुर। जयपुर की निचली अदालत ने सोमवार को 15 साल पुराने मामले में राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा को 3 साल सजा सुनाई है। छात्रनेता से मंत्री बने राजकुमार शर्मा को राजकार्य में बाधा पहुंचाने का दोषी पाया गया।
उनके साथ विधायक हनुमान बेनिवाल व विजय देहुड़ा को भी 3-3 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि,कोर्ट ने तीनों को जमानत पर रिहा कर दिया है।
3 साल की सजा वाले इस फैसले के खिलाफ राजकुमार शर्मा सहित अन्य के पास ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प है। उल्लेखनीय है कि मंत्री पद पर रहते हुए इस मामले में राजकुमार पहले भी जमानत ले चुके हैं।
यह था मामला
राजकार्य में बाधा पहुंचाने का यह मामला 1997 का है। राजकुमार शर्मा उस समय राजस्थान यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत थे। बतौर छात्र नेता उन्होंने महारानी कॉलेज के बाहर पुलिस का रास्ता रोका था।
इस दौरान राजकुमार और अन्य के खिलाफ पुलिस से मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। मामले में पिछले 15 साल से सुनवाई चल रही थी। इस दौरान राजकुमार छात्रनेता से राजनेता बने और फिर राज्य सरकार में मंत्री बन गए। मंत्री रहते हुए राजकुमार इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित नहीं हो सके और उन्हें जमानत भी लेनी पड़ी थी।
जयपुर। जयपुर की निचली अदालत ने सोमवार को 15 साल पुराने मामले में राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा को 3 साल सजा सुनाई है। छात्रनेता से मंत्री बने राजकुमार शर्मा को राजकार्य में बाधा पहुंचाने का दोषी पाया गया।
उनके साथ विधायक हनुमान बेनिवाल व विजय देहुड़ा को भी 3-3 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि,कोर्ट ने तीनों को जमानत पर रिहा कर दिया है।
3 साल की सजा वाले इस फैसले के खिलाफ राजकुमार शर्मा सहित अन्य के पास ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प है। उल्लेखनीय है कि मंत्री पद पर रहते हुए इस मामले में राजकुमार पहले भी जमानत ले चुके हैं।
यह था मामला
राजकार्य में बाधा पहुंचाने का यह मामला 1997 का है। राजकुमार शर्मा उस समय राजस्थान यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत थे। बतौर छात्र नेता उन्होंने महारानी कॉलेज के बाहर पुलिस का रास्ता रोका था।
इस दौरान राजकुमार और अन्य के खिलाफ पुलिस से मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। मामले में पिछले 15 साल से सुनवाई चल रही थी। इस दौरान राजकुमार छात्रनेता से राजनेता बने और फिर राज्य सरकार में मंत्री बन गए। मंत्री रहते हुए राजकुमार इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित नहीं हो सके और उन्हें जमानत भी लेनी पड़ी थी।
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