शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

यादें 16 दिसंबर 1971 जब पाकिस्तान भारत से युद्ध हारा


यादें 16 दिसंबर 1971 जब पाकिस्तान भारत से युद्ध हारा



16 दिसंबर यानी आज के ही दिन1971 में पाक सेना ने अपने93000 सैनिकों के साथआत्मसमर्पण किया था। महज 13दिन में घुटने टेकने वाली पाक सेनाके सामने हमारी सेना काफी कमथीं, बावजूद इसके भारतीयसेनाओं ने दबाव का ऐसा माहौलबनाया कि पाक को झुकना पड़ाऔर बांग्लादेश का उदय हुआ। उस वीर विजय की आज 40वीं वर्षगांठ है।

16 दिसंबर 1971 सुबह 10:40 बजे अल्टीमेटम समाप्त होने से पहले ही पैरा बटालियन, जो ढाका केबाहरी क्षेत्र में पहुंच गई थी, ने मेजर जनरल मोहम्मद जमशेद और उनकी 26 इन्फैंट्री डिवीजन केसमक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोपहर 2।30 बजे जनरल नियाजी ने आत्मसमर्पण की प्रक्रिया शुरूकर दी तथा शाम 4:31 बजे तक उन्होंने ऐतिहासिक ढाका रेसकोर्स में पूर्वी कमांड के जीओसी इनचीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत अरोड़ा के समक्ष औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया। इस शानदार जीत के कुछ अनदेखी तस्वीरें आपके लिए मैं यहाँ पर पोस्ट कर रहा हूँ उम्मीद है आपकोपसंद आएगी.

1971 के युद्ध की कुछ अनदेखी तस्वीरेंजनरल सैम मानेकशॉ 8वीं गोरखा राइफ़ल्स के वीरता पदक विजेता सैनिकों के साथ
एक भारतीय गोरखा जवान की बातों पर मुस्कुराते हुए जनरल सैम मानेकशॉ और लेफ़्टिनेंट जनरलसरताज सिंह.
1971 की लड़ाई में गोरखा सैनिक की मदद से अस्थायी मोर्चे पर चढ़ते भारत के पहले फील्डमार्शल मानेकशा
भारतीय सैनिकों के सामने हथियार डालने के बाद युद्धबंदी कैंप में पाकिस्तानी सैनिक.
युद्ध के दौरान मंत्रणा करते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री जगजीवन राम और थलसेनाध्यक्ष जनरल सैममानेकशॉ.
पश्चिमी कमान के प्रमुख जनरल कैंडिथ वरिष्ठ सैनिक कमांडरों से मंत्रणा करते हुए.
ढाका की ओर बढ़ता हुआ रूस में बना भारतीय टैंक टी-55
भारतीय सैनिकों को ढाका की तरफ़ बढ़ने से रोकने के लिए पाकिस्तानी सैनिकों ने हार्डिंज पुल परअपना ही टैंक ख़राब करके छोड़ दिया

पश्चिमी पाकिस्तान में इस्लामकोट पर सफल हमले के बाद 10पैरा कमांडो के भारतीय सैनिक लौटतेहुए। (साभार- भारतीय तटरक्षक )

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