गर्भावस्था के दौरान शराब का सेवन करने वाली महिलाओं के बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
पोलैंड के शोधकर्ताओं ने 'फीटल एल्कोहल सिंड्रोम' नाम की इस बीमारी के प्रभावों को बताने के लिए 'मैगनेटिक रिजोनेंस इमेजिंग' तकनीकों का इस्तेमाल किया।
शोध में 300 बच्चों को शामिल किया गया जिनकी मांओं ने गर्भावस्था के दौरान शराब का सेवन किया था और 30 ऐसे बच्चों लिए गए जिनकी मांओ ने शराब का सेवन नहीं किया।
जैजीलोनिया यूनिवर्सिटी के अनुसार शोधकर्ताओं ने 'मैगनेटिक रिजोनेंस इमेजिंग' तकनीक द्वारा मस्तिष्क के दोनों भागों को जोड़ने वाली महासंयोजिका (कॉरपस कोलोसम) के आकार-प्रकार की जांच की।
जिन बच्चों की मांओं ने गर्भावस्था के दौरान शराब का सेवन किया था उनकी मस्तिष्क महासंयोजिका अपेक्षाकृत कमजोर पाई गई।
पोलैंड के कारकोव में स्थित जैजीलोनिया यूनिवर्सिटी के रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख एन्ड्रेज उरबानिक का कहना है कि यह बदलाव बच्चों में मनोवैज्ञानिक परेशानियों का कारण बन सकते हैं।
यह रिपोर्ट रविवार को उत्तरी अमेरिका के रेडियोलॉजिकल सोसाइटी के सालाना बैठक में पेश की गई।
पोलैंड के शोधकर्ताओं ने 'फीटल एल्कोहल सिंड्रोम' नाम की इस बीमारी के प्रभावों को बताने के लिए 'मैगनेटिक रिजोनेंस इमेजिंग' तकनीकों का इस्तेमाल किया।
शोध में 300 बच्चों को शामिल किया गया जिनकी मांओं ने गर्भावस्था के दौरान शराब का सेवन किया था और 30 ऐसे बच्चों लिए गए जिनकी मांओ ने शराब का सेवन नहीं किया।
जैजीलोनिया यूनिवर्सिटी के अनुसार शोधकर्ताओं ने 'मैगनेटिक रिजोनेंस इमेजिंग' तकनीक द्वारा मस्तिष्क के दोनों भागों को जोड़ने वाली महासंयोजिका (कॉरपस कोलोसम) के आकार-प्रकार की जांच की।
जिन बच्चों की मांओं ने गर्भावस्था के दौरान शराब का सेवन किया था उनकी मस्तिष्क महासंयोजिका अपेक्षाकृत कमजोर पाई गई।
पोलैंड के कारकोव में स्थित जैजीलोनिया यूनिवर्सिटी के रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख एन्ड्रेज उरबानिक का कहना है कि यह बदलाव बच्चों में मनोवैज्ञानिक परेशानियों का कारण बन सकते हैं।
यह रिपोर्ट रविवार को उत्तरी अमेरिका के रेडियोलॉजिकल सोसाइटी के सालाना बैठक में पेश की गई।
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