मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

पं. नवल किशोर शर्मा नहीं रहे


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पं. नवल किशोर शर्मा नहीं रहे
कई दिन से बीमार थे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, देर रात थम गईं सांसें, आज जयपुर के आदर्श नगर श्मशान में होगा अंतिम संस्कार

जयपुर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और गुजरात के पूर्व राज्यपाल पंडित नवल किशोर शर्मा का सोमवार को यहां फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। 88 वर्षीय शर्मा पिछले कई दिनों से बीमार थे, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। शर्मा पिछले साल भर से अस्वस्थ थे, उन्हें चार बार हार्ट अटैक आया था, इस दौरान कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पिछले दो दिन से उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी, सोमवार रात 11.45 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पुत्र बृजकिशोर शर्मा राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री हैं।

शर्मा की पार्थिव देह को सुबह फोर्टिस अस्पताल से उनके जनता कॉलोनी स्थित निवास बी-50 ले जाया जाएगा, वहां सुबह 7.30 बजे से पार्थिव देह को जनता के अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। दोपहर बाद 3.30 बजे आदर्श नगर श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शर्मा के निधन के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जयपुर सांसद महेश जोशी भी अस्पताल में मौजूद थे।

शर्मा के निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान, प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे सहित भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने शोक जताया है। हवामहल और दौसा क्षेत्र से कई कांग्रेस कार्यकर्ता और आम लोग अस्पताल की ओर दौड़े। पं. शर्मा अपने जमाने के कद्दावर नेता रहे। वे पांच बार कांग्रेस से सांसद रहने के साथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष, नेफेड के अध्यक्ष सहित कई अहम सार्वजनिक पदों पर रहे।

युवाओं को प्रोत्साहन दिया : गहलोत

पंडित नवल किशोर शर्मा के साथ एक पूरी पीढ़ी चली गई है। उनका मेरे प्रति बड़ा स्नेह रहा। वे पुरानी पीढ़ी के बड़े स्तंभ थे। वे स्टेट-फॉरवर्ड नेता थे और अपने खुले विचारों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने बेबाक बयानी से कभी परहेज नहीं किया। अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार

दलगत राजनीति से ऊपर थे : वसुंधरा

प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे ने नवल किशोर शर्मा के निधन को न केवल कांगे्रस बल्कि प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि नवलजी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश हित में काम किया। वे आज ही उनसे मिलकर आईं थीं। अहसास नहीं था कि वे इतनी जल्दी चले जाएंगे।

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