रविवार, 9 सितंबर 2012

"सोनिया हिन्दुस्तानी होतीं तो पागल हो जातीं"

"सोनिया हिन्दुस्तानी होतीं तो पागल हो जातीं"

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस सम्मेलन में शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हुए वज्रपात और उनके साहस का उल्लेख करते हुए प्रदेश प्रभारी और अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव बीके हरिप्रसाद यह कह गए कि सोनिया हिन्दुस्तान की महिला होतीं तो पागल होकर मर जातीं। इसके तुरंत बाद बात को संभालते हुए उन्होंने कहा कि आज वे हिन्दुस्तान की बहू होते हुए पूरी डयूटी कर रही हैं और कांगेे्रस के साथ खड़ी हैं।

पीसीसी मे तीन दिवसीय सम्मेलन के आखिरी दिन ब्लाक अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए हरिप्रसाद ने कहा कि संजय गांधी की जब मृत्यु हुई तो राजीव गांधी बाहर थे और सोनिया गांधी ने सब संभाला। इंदिरा गांधी जब गोलियों से छलनी हुइंü तो सोनिया गांधी ही उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचीं।

राजीव गांधी को जब बम से उड़ा दिया गया तो उनका मृत शरीर लेकर भी वही पहुंचीं और अंतिम संस्कार करवाया। उनका साहस अदम्य है। ऎसी महिला के साथ काम करना गौरव की अनुभूति है। अपने संबोधन में लालकृष्ण आडवाणी का उल्लेख करते समय भी हरिप्रसाद की जुबान फिर फिसली। वे यह कह बैठे कि आडवाणी अभी भी मुख्यमंत्री होने का ख्वाब देख रहे हैं।

बाद में उन्होंने कहा कि वे रिटायर्ड हो गए हैं और प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं। आडवाणी को दी गई लौहपुरूष की पदवी को लेकर कांगे्रस नेता ने कहा कि आडवाणी लाल-लाल हैं, उन्हें गोल्डन पुरूष कहें, डायमंड पुरूष कहें, प्लेटिनियम पुरूष कहें लेकिन लौहपुरूष न कहें। यह सरदार वल्लभभाई पटेल का अपमान है। पटेल कभी एसपीजी के दस ब्लेक केट कमांडों के साथ नहीं घुमे।

कांग्रेस मप्र से ज्यादा कर्नाटक में ठीक
कर्नाटक से जुडे हुए हरिप्रसाद ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर कई बार चुटकी ली। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में पार्टी की हालत यहां से ज्यादा ठीक है। आप लोग (ब्लॉक अध्यक्ष) ऎसे ही लड़ते रहे तो आपको कुछ नहीं मिलेगा। आपके चार नेता तो केन्द्र में मंत्री हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस हार गई, लेकिन सोनिया गांधी नहीं हारी।

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