विज्ञापनों के बहकावे में आकर अगर आप अपना टूथपेस्ट बार-बार बदल रहे हैं, तो जान लीजिए कि सभी टूथपेस्ट करीब-करीब एक जैसे ही होते हैं। आप कौन-सा टूथपेस्ट इस्तेमाल कर रहे हैं, इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दांतों की सफाई में टूथपेस्ट का रोल बहुत कम होता है।
अपोलो अस्पताल के सीनियर डेंटल कंसल्टेंट डॉ. नीरज वर्मा के मुताबिक, टूथपेस्ट में डाले गए तत्व दांतों की सफाई में साथ भर देने के लिए मिलाए जाते हैं। ये तत्व सभी टूथपेस्टों में मिलाए जाते हैं। इसलिए आप कौन-सा टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं, इसका ज्यादा महत्व नहीं है। महत्व इस बात का है कि आप सही तरीके से नियमित ब्रश करते हैं या नहीं। हर टूथपेस्ट में एब्रेसिव, फोमिंग, कलरिंग व स्वीटनिंग एजेंट करीब-करीब एक जैसे होते हैं। अपना टेस्ट व फ्लेवर अलग-अलग रखने के लिए कंपनियां अलग-अलग फ्लेवरिंग एजेंट डाल देती हैं। टूथपेस्टों में नीम, बबूल और नमक के दावे सिर्फ विज्ञापन में इमोशनल टच देने के लिए होते हैं क्योंकि पुराने जमाने में लोग दांत साफ करने के लिए आमतौर इन्हीं चीजों का इस्तेमाल करते थे।
सीनियर डेंटिस्ट डॉ. सुशांत उमरे का कहना है कि दांतों की सफाई में टूथपेस्ट की भूमिका 5 से 10 फीसदी ही होती है। 90 से 95 फीसदी काम ब्रश ही करता है। इस बारे में जब कोलगेट से उसका पक्ष पूछा गया तो उसके प्रवक्ता ने कहा कि फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट से रोजाना दो बार ब्रश करना दांतों के लिए फायदेमंद होता है। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के सीनियर डेंटिस्ट डॉ. महेश चंद्र वर्मा का कहना है कि टूथपेस्टों से सफाई और ताजगी का अहसास तो होता ही है।पेस्ट करने का सही तरीका
मात्रा : ब्रश पर मटर के दाने जितना या उससे थोड़ा ज्यादा पेस्ट लगाएं। पूरा ब्रश भरकर कभी नहीं।
समय : ब्रश करने में कम-से-कम 2 मिनट और ज्यादा-से-ज्यादा 3 मिनट का समय लगना चाहिए।
तरीका : दांतों का जितना हिस्सा सामने दिखाई देता है, उसमें चारों तरफ से ब्रश को गोलाकार घुमाते हुए ब्रश करें। दांतों के चबाने वाले हिस्सों पर भी ब्रश खड़ा करके आगे-पीछे करते हुए साफ करें। दो दांतों के बीच के गैप को डेंटल फ्लॉस से साफ करें।
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