बाड़मेर में लगेगा पेट्रोकेमिकल यूनिट
नई दिल्ली। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड बाड़मेर रिफाइनरी के साथ मिलकर पेट्रोकेमिकल यूनिट की स्थापना की योजना बना रहा है। कैयर्न एनर्जी राजस्थान में बनाया जाने वाला क्रूड उत्पाद पेट्रोकेमिकल के लिए अनुकूल है। सूत्रों के मुताबिक 8000 करोड़ की लागत वाली इस प्रस्तावित परियोजना की रिपोर्ट नवम्बर माह तक तैयार हो जाएगी। इसके अलावा कम्पनी बाड़मेर की रिफाइनरी में 9 एमटी की स्थापना करेगी।
वेदांता रिसोर्सेज की भी रूचि
एचपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि वेदांता रिसोर्सेज ने 2 अगस्त को राजस्थान में स्थापित एचपीसीएल की रिफाइनरी में शेयर खरीदने के लिए रूचि दिखाई थी। कैश रिच ऑयल कम्पनी भी इस कम्पनी की करीब 15 फीसदी साझेदारी खरीदना चाहती है। हालांकि योजना पर अभी सहमति नहीं बनी है। 4 बिलियन डॉलर की इस परियोजना में 51 फीसदी हिस्सेदारी एचपीसीएल होगी, जबकि राज्य की इंजीनियरिंग कसंलटेंसी फर्म ईआईएल की साझेदारी 5 फीसदी होगी। दूसरी ओर, पिछले साल कैयर्न इंडिया को 8.67 बिलियन डॉलर में खरीदने वाली वेदांता रिसोर्सेज भी इस कम्पनी की 5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहती है।
ओएनजीसी की योजना पर नजर
सूत्र बताते हैं कि कैयर्न इंडिया की 30 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली ओएनजीसी भी वर्ष 2005 में राजस्थान में रिफाइनरी स्थापित करना चाहती थी, लेकिन बाद में इस निर्णय को टाल दिया गया। इस परियोजना की आधिकारिक अनुमति ओएनजीसी के पास ही है, लेकिन अब इस परियोजना को एचपीसीएल लेना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक एचपीसीएल इस परियोजना की 26 फीसदी हिस्सेदारी लेना चाहती है, लेकिन वह ओएनजीसी को 16.96 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं देना चाहती। a
नई दिल्ली। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड बाड़मेर रिफाइनरी के साथ मिलकर पेट्रोकेमिकल यूनिट की स्थापना की योजना बना रहा है। कैयर्न एनर्जी राजस्थान में बनाया जाने वाला क्रूड उत्पाद पेट्रोकेमिकल के लिए अनुकूल है। सूत्रों के मुताबिक 8000 करोड़ की लागत वाली इस प्रस्तावित परियोजना की रिपोर्ट नवम्बर माह तक तैयार हो जाएगी। इसके अलावा कम्पनी बाड़मेर की रिफाइनरी में 9 एमटी की स्थापना करेगी।
वेदांता रिसोर्सेज की भी रूचि
एचपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि वेदांता रिसोर्सेज ने 2 अगस्त को राजस्थान में स्थापित एचपीसीएल की रिफाइनरी में शेयर खरीदने के लिए रूचि दिखाई थी। कैश रिच ऑयल कम्पनी भी इस कम्पनी की करीब 15 फीसदी साझेदारी खरीदना चाहती है। हालांकि योजना पर अभी सहमति नहीं बनी है। 4 बिलियन डॉलर की इस परियोजना में 51 फीसदी हिस्सेदारी एचपीसीएल होगी, जबकि राज्य की इंजीनियरिंग कसंलटेंसी फर्म ईआईएल की साझेदारी 5 फीसदी होगी। दूसरी ओर, पिछले साल कैयर्न इंडिया को 8.67 बिलियन डॉलर में खरीदने वाली वेदांता रिसोर्सेज भी इस कम्पनी की 5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहती है।
ओएनजीसी की योजना पर नजर
सूत्र बताते हैं कि कैयर्न इंडिया की 30 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली ओएनजीसी भी वर्ष 2005 में राजस्थान में रिफाइनरी स्थापित करना चाहती थी, लेकिन बाद में इस निर्णय को टाल दिया गया। इस परियोजना की आधिकारिक अनुमति ओएनजीसी के पास ही है, लेकिन अब इस परियोजना को एचपीसीएल लेना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक एचपीसीएल इस परियोजना की 26 फीसदी हिस्सेदारी लेना चाहती है, लेकिन वह ओएनजीसी को 16.96 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं देना चाहती। a
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