आरटेट में राजस्थानी क्यों नहीं?
संघर्ष समिति मनाएगी 9 सितंबर को काला-दिवस
विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री को डाक से भेजी गई काली पट्टियां
काली पट्टी बांधकर परीक्षा देने का आह्वान
बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति राष्ट्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (आरटेट) में अन्य भाषाओं के साथ राजस्थानी को शामिल न किए जाने के विरोध स्वरूप 9 सितम्बर को प्रदेशभर में काला-दिवस मनाएगी।
संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ के अनुसार राज्य सरकार ने हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, सिंधी, गुजराती और पंजाबी को तो राजस्थान की मातृभाषाएं मानते हुए आरटेट में शामिल किया है जबकि राजस्थान की प्रमुख भाषा राजस्थानी को कहीं जगह नहीं दी है। बारहठ ने बताया कि जनगणना 2011 के आंकड़े बताते हैं कि 4 करोड़ 83 लाख लोगों ने अपनी मातृभाषा राजस्थानी दर्ज करवाई है तथा एनसीईआरटी ने भी इसे शिक्षा की माध्यम मातृभाषाओं की सूची में शामिल किया है। आरटेट में राजस्थानी न होने से प्रदेश की प्रतिभाएं पिछड़ रही हैं और अन्य प्रांतों के लोग यहां आसानी से सफल हो रहे हैं। यह प्रदेश के बेरोजगार शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बारहठ ने बताया कि काला दिवस मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। संघर्ष समिति के अंतरराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी, अंतरराष्ट्रीय संगठक लक्ष्मणदान कविया, प्रदेश पाटवी के. सी. मालू, प्रदेश संयोजक प्रो. कल्याणसिंह शेखावत, सह संयोजक मोहन कटारिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता ओम पुरोहित 'कागदÓ, राजस्थानी मोट्यार परिषद के प्रदेश संयोजक अनिल जांदू, प्रदेश सह-संयोजक सुरेन्द्रसिंह शेखावत, प्रदेश पाटवी शिवदान सिंह जोलावास, महामंत्री मदनसिंह राजपुरोहित, जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,मोटियार परिषद् जिला पाटवी रघुवीर सिंह तामलोर ,जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,विजय कुमार ,नारायण सिंह इन्द्रोई ,हिन्दू सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,अशोक सारला ,तरुण मुखी ,भोम सिंह बलाई ,मायड़भाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा के प्रदेश पाटवी गौरीशंकर निमिवाळ व प्रदेश महामंत्री गौतम अरोड़ा सहित सभी शीर्ष पदाधिकारियों ने प्रदेशभर में जनसंपर्क शुरू कर दिया है।
काला दिवस के संदर्भ में देश-विदेश में बसे राजस्थानियों व प्रदेश के लोगों की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम काली पट्टी लगा पत्र प्रेषित करने का सिलसिला सोमवार से शुरू किया गया । बाड़मेर जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने बताया की बाड़मेर से आज मुख्यमंत्री को काली पट्टी लगा ज्ञापन प्रेषित किया गया ,ज्ञापन में आर टेट में राजस्द्थानी भाषा को शामिल नहीं करने के विरोध में आठ और नौ सितम्बर को काला दिवस मानाने तथा काली पत्तिय बाँध कर विरोध जताने के प्रति आगाह किया 8 सितम्बर को मीडिया कर्मियों को काली पट्टी भेंट कर सहयोग मांगा जाएगा। वहीं 9 सितम्बर को समिति के कार्यकत्र्ता जनप्रतिनिधियों व सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों को काली पट्टी बंधवाएंगे। इसी दिन परीक्षा केन्द्रों पर काली पट्टियां बांटी जाएंगी तथा परीक्षार्थियों से काली पट्टी बांधकर परीक्षा देने का आह्वान किया जाएगा। --
संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ के अनुसार राज्य सरकार ने हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, सिंधी, गुजराती और पंजाबी को तो राजस्थान की मातृभाषाएं मानते हुए आरटेट में शामिल किया है जबकि राजस्थान की प्रमुख भाषा राजस्थानी को कहीं जगह नहीं दी है। बारहठ ने बताया कि जनगणना 2011 के आंकड़े बताते हैं कि 4 करोड़ 83 लाख लोगों ने अपनी मातृभाषा राजस्थानी दर्ज करवाई है तथा एनसीईआरटी ने भी इसे शिक्षा की माध्यम मातृभाषाओं की सूची में शामिल किया है। आरटेट में राजस्थानी न होने से प्रदेश की प्रतिभाएं पिछड़ रही हैं और अन्य प्रांतों के लोग यहां आसानी से सफल हो रहे हैं। यह प्रदेश के बेरोजगार शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बारहठ ने बताया कि काला दिवस मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। संघर्ष समिति के अंतरराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी, अंतरराष्ट्रीय संगठक लक्ष्मणदान कविया, प्रदेश पाटवी के. सी. मालू, प्रदेश संयोजक प्रो. कल्याणसिंह शेखावत, सह संयोजक मोहन कटारिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता ओम पुरोहित 'कागदÓ, राजस्थानी मोट्यार परिषद के प्रदेश संयोजक अनिल जांदू, प्रदेश सह-संयोजक सुरेन्द्रसिंह शेखावत, प्रदेश पाटवी शिवदान सिंह जोलावास, महामंत्री मदनसिंह राजपुरोहित, जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,मोटियार परिषद् जिला पाटवी रघुवीर सिंह तामलोर ,जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,विजय कुमार ,नारायण सिंह इन्द्रोई ,हिन्दू सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,अशोक सारला ,तरुण मुखी ,भोम सिंह बलाई ,मायड़भाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा के प्रदेश पाटवी गौरीशंकर निमिवाळ व प्रदेश महामंत्री गौतम अरोड़ा सहित सभी शीर्ष पदाधिकारियों ने प्रदेशभर में जनसंपर्क शुरू कर दिया है।
काला दिवस के संदर्भ में देश-विदेश में बसे राजस्थानियों व प्रदेश के लोगों की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम काली पट्टी लगा पत्र प्रेषित करने का सिलसिला सोमवार से शुरू किया गया । बाड़मेर जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने बताया की बाड़मेर से आज मुख्यमंत्री को काली पट्टी लगा ज्ञापन प्रेषित किया गया ,ज्ञापन में आर टेट में राजस्द्थानी भाषा को शामिल नहीं करने के विरोध में आठ और नौ सितम्बर को काला दिवस मानाने तथा काली पत्तिय बाँध कर विरोध जताने के प्रति आगाह किया 8 सितम्बर को मीडिया कर्मियों को काली पट्टी भेंट कर सहयोग मांगा जाएगा। वहीं 9 सितम्बर को समिति के कार्यकत्र्ता जनप्रतिनिधियों व सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों को काली पट्टी बंधवाएंगे। इसी दिन परीक्षा केन्द्रों पर काली पट्टियां बांटी जाएंगी तथा परीक्षार्थियों से काली पट्टी बांधकर परीक्षा देने का आह्वान किया जाएगा। --
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