गुरुवार, 6 सितंबर 2012

निर्णय बदले आरपीएससी, वरना बिगड़ सकती है कानून व्यवस्था -अर्जुन मेघवाल

RPSC के नये पैटर्न से राजस्थानी को बाहर करने की बीकानेर सांसद


अर्जुन मेघवाल ने की आलोचना, मुख्य मंत्री अषोक गहलोत को लिखा पत्र,


निर्णय बदले आरपीएससी, वरना बिगड़ सकती है कानून व्यवस्था -अर्जुन मेघवाल


नई दिल्ली। 6 सितम्बर 2012। आरएएस मुख्य परीक्षा के नये पैटर्न में राजस्थान लोक सेवा आयोग ने चौथे पेपर में राजस्थानी का 20 अंक का हिस्सा हटाने के निर्णय की बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने आलोचना की है। सांसद मेघवाल ने इस संबंध में अषोक गहलोत मुख्य मंत्री राजस्थान सरकार को पत्र लिखा है तथा आरपीएससी से निर्णय को वापस बदले की मांग की है अन्यथा कानून व्यवस्था की स्थिति बिगडने की आष्ंाका व्यक्त की है। संासद मेघवाल ने अपने पत्र में कहा है कि आरएएस मुख्य परीक्षा के नये पैटर्न में राजस्थान लोक सेवा आयोग ने चौथे पेपर में राजस्थानी का 20 अंक का हिस्सा हटाने का निर्णय किया है जो राजस्थान एवं राजस्थानी भाषा तथा साहित्य से जुडे़ हुये नागरिकों के लिए एक गहरा आघात है। ऐसा निर्णय करने से पूर्व राजस्थान संघ लोक सेवा आयोग को सभी वर्गो से वार्ता करनी चाहिए थी तथा अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोगों के पैटर्न को भी देखा जाना चाहिए था जो लोक सेवा आयोग ने नहीं किया है अतः आरपीएससी को अपने निर्णय को शीघ्रता से बदलना चाहिए और पूर्ववर्ती व्यवस्था ही रखनी चाहिए। राजस्थान प्रषासनिक सेवा का आदमी यदि राजस्थानी व राजस्थानी भाषा तथा साहित्य को नहीं जानेगा , तो वह क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकेगा। क्या राजस्थान लोक सेवा आयोग ने यह समझने का प्रयास नहीं किया की प्रदेष के 70 प्रतिषत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राजस्थानी बोली जाती है। जो अधिकारी हमारी भाषा को नहीं समझ सकेगा वह कैसे अपने राजकीय उत्तरदायित्व का निर्वाह कर सकेगा , यह एक ऐसा यक्ष प्रष्न है जो राजस्थानी भाषा को बोलने और समझने वाले लोग बार - बार पूछ रहे है। मैं व्यक्तिगत रूप से तथा सार्वजनिक रूप से भी इस निर्णय की आलोचना करता हॅू तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग से मांग करता हूॅ कि अपने निर्णय को बदले तथा पूर्ववर्ती व्यवस्था को यथावत रखे जिससे राजस्थान के युवाओं मे किसी तरह का आक्रोष उत्पन्न नहीं हो तथा क्षेत्र मे शांति व्यवस्था बनी रहे , अन्यथा व्यवस्था बिगड़ने पर इन सब की जिम्मेदारी राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान सरकार पर होगी।

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