मंगलवार, 7 अगस्त 2012

अन्ना की राह पर नहीं चलेंगे बाबा

 
नई दिल्ली। योग गुरू बाबा रामदेव अन्ना हजारे की राह पर नहीं चलेंगे। काला धन वापस लाने की मांग को लेकर 9 अगस्त से दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन की शुरूआत करने वाले बाबा रामदेव ने चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। बाबा ने कहा कि 121 करोड़ लोगों को हक दिलाने के लिए चुनाव लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। बाबा ने कहा कि सभी लोगों के लिए चुनाव लड़ना संभव नहीं है। अगर सभी लोग चुनाव लड़ने लगे तो कितने पोलिंग बूथ बनाने पड़ेंगे? सभी के चुनाव लड़ने पर ईवीएम मशीनें भी कम पड़ जाएगी।

सिर्फ अन्ना की सोच के साथ
बाबा ने कहा कि उनका कोई राजनीति एजेंडा नहीं है। योग गुरू ने कहा कि उनका एजेंडा भ्रष्टाचार, मिटाना,काला धन वापास लाना और व्यवस्था परिवर्तन है। काला धन वापस लाने,भ्रष्टाचार मिटाने और व्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे पर वह पार्टियों का ध्रुवीकरण करेंगे। बाबा ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले अन्ना हजारे की सोच के साथ है लेकिन उनके राजनीतिक एजेंडे के साथ नहीं है। बाबा ने कहा कि अन्ना के आंदोलन का राजनीतिकरण हो गया है। बाबा ने कहा कि उनके लिए अन्ना की पार्टी और दूसरी पार्टियों में कोई फर्क नहीं है।

ब्लैक मनी के लिए दी जा रही ब्लैकमनी
बाबा ने कहा कि अकेले लोकपाल से भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से मुक्त रखना जरूरी है। मुख्य चुनाव आयुक्त,सीबीआई निदेशक,सीवीसी प्रमुख,कैग प्रमुख की नियुक्ति में सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। अगर ये सब चीजें हो जाए तो 90 फीसदी भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। बाबा ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ब्लैकमनी में जिन लोगों का नाम सामने आया है,सरकार खुद उनसे पैसा मांग रही है। जिन लोगों के नाम ब्लैकमनी मामले में सामने आए हैं,सरकार उन लोगों से 100 करोड़ रूपये तक मांग रही है। उन्होंने कहा कि ब्लैकमनी के लिए ब्लैकमनी मांगी जा रही है। बाबा ने ब्लैक मनी को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने की मांग की।

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