राजस्थानी आंदोलन पकड़ेगा जोर
दिल्ली यात्रा से लौटे संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने दी जानकारी
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल, केन्द्रीय नेताओं से
मुलाकातों का सिलसिला रहेगा जारी, कई सांसदों से की भेंट, राजस्थान
संस्था संघ व जैन समाज की बैठकें आयोजित, दिल्ली में होगा विराट
राजस्थानी सम्मेलन
जयपुर/उदयपुर/नागौर. राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता का आंदोलन
अब गति पकड़ेगा। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के
शीर्ष पदाधिकारियों ने गुरुवार को अपनी दिल्ली यात्रा संपन्न कर यह
जानकारी दी।
यात्रा से लौटे संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष के.सी मालू, प्रदेश
महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ तथा अंतरराष्ट्रीय संगठक व संस्थापक
लक्ष्मणदान कविया ने बताया कि इस दौरान उन्होंने राजस्थानी सांसद डॉ.
महेश जोशी, अश्कअली टाक, अर्जुनराम मेघवाल, गोपालसिंह शेखावत व लालचंद
कटारिया से मुलाकात कर राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता दिलवाने के लिए
संयुक्त और कारगर रणनीति बनाने की अपील की। सांसदों ने भी इस संबंध में
कारगर कदम उठाने का भरोसा दिलाया।
मंगलवार सायं करोल बाग स्थित त्रिवेणी टॉवर में 35 राजस्थानी
संस्थाओं के संयुक्त संगठन राजस्थान संस्था संघ के अध्यक्ष सुरेश
खंडेलवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राजस्थानी मान्यता की मांग को
लेकर शीघ्र ही दिल्ली में एक विराट सम्मेलन बुलाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में संघर्ष समिति के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष के.सी. मालू,
अंतरराष्ट्रीय संगठक तथा संस्थापक लक्ष्मणदान कविया, प्रदेश महामंत्री
डॉ. राजेन्द्र बारहठ, राजस्थान संस्था संघ के महामंत्री के.के. नरेड़ा,
ओमप्रकाश अग्रवाल, अशोक कुमार जालान, अनिल कुमार मित्तल, टी.के. जैन सहित
बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी शामिल थे। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार
सायं दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित अणुव्रत भवन में जैन समाज की बैठक को
प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ, प्रदेश पाटवी के.सी. मालू,
अंतरराष्ट्रीय संयोजक लक्ष्मणदान कविया, जैन समाज अध्यक्ष गोविंद बाफना,
संघर्ष समिति के दिल्ली प्रदेश संयोजक तेजकरण सुराणा व संपलमल नाहटा ने
संबोधित किया।
बुधवार सायं राज्य विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत के
नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री
जितेन्द्र सिंह से उनके नार्थ ब्लाक स्थित कार्यालय में मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को एक ज्ञापन देते हुए बताया
कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के संबंध में राजस्थान विधानसभा
द्वारा 25 अगस्त, 2003 को सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित कर केंद्र सरकार
को भेज दिया गया है और इसके पश्चात लगातार संसद और संसद के बाहर
राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचित में शामिल किए जाने के
संबंध में अनुरोध किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यानपूर्वक
सुनकर श्री सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे केंद्र सरकार से राजस्थानी
भाषा को मान्यता दिलवाने का हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि
भोजपुरी और राजस्थानी भाषा को मान्यता प्रदान करने के संबंध में केंद्र
स्तर पर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किए जाने की कार्यवाही जारी है।
प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा अध्यक्ष शेखावत के अलावा संघर्ष समिति के
संस्थापक एवं अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य संगठक लक्ष्मणदान कविया, प्रदेश
पाटवी के.सी.मालू, टी.के.जैन, प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ सहित
कई प्रतिनिधिगण शामिल थे।
समिति पदाधिकारियों ने बताया कि आंदोलन के अगले चरण में महाराष्ट्र
में बसे राजस्थानी नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल केन्द्रीय गृहमंत्री
सुशील कुमार शिन्दे से मुलकात करेगा और देश-दुनिया में बसे प्रवासी
राजस्थानियों का एक प्रतिनिधि मंडल यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से
मुलाकात कर राजस्थानी मान्यता की अपील करेगा।
फोटो केप्शन:-राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री दीपेन्द्र सिंह शेखावत के
नेतृत्व में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए प्रतिनिधि मंडल के
सदस्य नई दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्यमंत्राी श्री जितेन्द्र सिंह से
उनके नार्थ ब्लाक स्थित कार्यालय में बुधवार को सायं भेंट करते हुए।
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल, केन्द्रीय नेताओं से
मुलाकातों का सिलसिला रहेगा जारी, कई सांसदों से की भेंट, राजस्थान
संस्था संघ व जैन समाज की बैठकें आयोजित, दिल्ली में होगा विराट
राजस्थानी सम्मेलन
जयपुर/उदयपुर/नागौर. राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता का आंदोलन
अब गति पकड़ेगा। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के
शीर्ष पदाधिकारियों ने गुरुवार को अपनी दिल्ली यात्रा संपन्न कर यह
जानकारी दी।
यात्रा से लौटे संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष के.सी मालू, प्रदेश
महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ तथा अंतरराष्ट्रीय संगठक व संस्थापक
लक्ष्मणदान कविया ने बताया कि इस दौरान उन्होंने राजस्थानी सांसद डॉ.
महेश जोशी, अश्कअली टाक, अर्जुनराम मेघवाल, गोपालसिंह शेखावत व लालचंद
कटारिया से मुलाकात कर राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता दिलवाने के लिए
संयुक्त और कारगर रणनीति बनाने की अपील की। सांसदों ने भी इस संबंध में
कारगर कदम उठाने का भरोसा दिलाया।
मंगलवार सायं करोल बाग स्थित त्रिवेणी टॉवर में 35 राजस्थानी
संस्थाओं के संयुक्त संगठन राजस्थान संस्था संघ के अध्यक्ष सुरेश
खंडेलवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राजस्थानी मान्यता की मांग को
लेकर शीघ्र ही दिल्ली में एक विराट सम्मेलन बुलाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में संघर्ष समिति के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष के.सी. मालू,
अंतरराष्ट्रीय संगठक तथा संस्थापक लक्ष्मणदान कविया, प्रदेश महामंत्री
डॉ. राजेन्द्र बारहठ, राजस्थान संस्था संघ के महामंत्री के.के. नरेड़ा,
ओमप्रकाश अग्रवाल, अशोक कुमार जालान, अनिल कुमार मित्तल, टी.के. जैन सहित
बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी शामिल थे। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार
सायं दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित अणुव्रत भवन में जैन समाज की बैठक को
प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ, प्रदेश पाटवी के.सी. मालू,
अंतरराष्ट्रीय संयोजक लक्ष्मणदान कविया, जैन समाज अध्यक्ष गोविंद बाफना,
संघर्ष समिति के दिल्ली प्रदेश संयोजक तेजकरण सुराणा व संपलमल नाहटा ने
संबोधित किया।
बुधवार सायं राज्य विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत के
नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री
जितेन्द्र सिंह से उनके नार्थ ब्लाक स्थित कार्यालय में मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को एक ज्ञापन देते हुए बताया
कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के संबंध में राजस्थान विधानसभा
द्वारा 25 अगस्त, 2003 को सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित कर केंद्र सरकार
को भेज दिया गया है और इसके पश्चात लगातार संसद और संसद के बाहर
राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचित में शामिल किए जाने के
संबंध में अनुरोध किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यानपूर्वक
सुनकर श्री सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे केंद्र सरकार से राजस्थानी
भाषा को मान्यता दिलवाने का हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि
भोजपुरी और राजस्थानी भाषा को मान्यता प्रदान करने के संबंध में केंद्र
स्तर पर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किए जाने की कार्यवाही जारी है।
प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा अध्यक्ष शेखावत के अलावा संघर्ष समिति के
संस्थापक एवं अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य संगठक लक्ष्मणदान कविया, प्रदेश
पाटवी के.सी.मालू, टी.के.जैन, प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ सहित
कई प्रतिनिधिगण शामिल थे।
समिति पदाधिकारियों ने बताया कि आंदोलन के अगले चरण में महाराष्ट्र
में बसे राजस्थानी नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल केन्द्रीय गृहमंत्री
सुशील कुमार शिन्दे से मुलकात करेगा और देश-दुनिया में बसे प्रवासी
राजस्थानियों का एक प्रतिनिधि मंडल यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से
मुलाकात कर राजस्थानी मान्यता की अपील करेगा।
फोटो केप्शन:-राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री दीपेन्द्र सिंह शेखावत के
नेतृत्व में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए प्रतिनिधि मंडल के
सदस्य नई दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्यमंत्राी श्री जितेन्द्र सिंह से
उनके नार्थ ब्लाक स्थित कार्यालय में बुधवार को सायं भेंट करते हुए।
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