रविवार, 12 अगस्त 2012

इस शहर में बेवफा बहुत, शादी के बाद बना रहे हैं दूसरों से संबंध

 

गुड़गांव.साइबर सिटी में एक्सट्रा मेरिटल अफेयर के मामले दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। पिछले दो सालों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। खास बात यह है कि ऐसे मामले पॉश इलाकों और साक्षर लोगों में अधिक देखे जा रहे हैं। कोई भी सख्त धारा न होने की वजह से ऐसे मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।

बढ़ने लगे प्रति माह केसेज :जिला प्रोटेक्शन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 2010 में साल भर में महिला उत्पीड़न के कुल 200 केस सामने आए थे जिनमें से महज छह केस ही एक्सट्रा मेरिटल के थे। पहले, दो महीने में एक केस एक्सट्रा मेरिटल अफेयर का होता था, वहीं अब इनकी संख्या प्रति महीने 25 तक पहुंच गई है। मगर, चालू वर्ष में अबतक 150 से अधिक केसेज आ चुके हैं।

क्या आती है दिक्कत :महिला प्रोटेक्शन ऑफिसर की लीगल एडवाइजर ज्योति यादव ने बताया कि इन केसेज को सुलझाने में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसके खिलाफ कोई सख्त धारा नहीं है। आम तौर पर महिला पुरुष के खिलाफ एक्सट्रा मेरिटल साबित नहीं कर पातीं, जिसके चलते महिलाओं को इंसाफ नहीं मिल पाता। यदि किसी केस में महिला द्वारा पुरुष के एक्सट्रा मेरिटल अफेयर को साबित कर भी दिया जाता है तो ऐसे में केवल 6 महीने की ही सजा का प्रावधान है। यदि ऐसे मामलों में सख्त कानून बनाया जाता है, तभी ऐसे मामलों में कमी आ सकती है।

अधिकतर मामलों में पुरुष होते हैं दोषी :पिछले 12 सालों से लघु सचिवालय में घरेलू हिंसा के मामले देख रही एडवोकेट ऊषा शर्मा बताती हैं कि इन दिनों एक्सट्रा मेरिटल अफेयर के केसेज बढ़ गए हैं। महीने में जितने भी केस आते हैं उनमें 70 प्रतिशत केसेज एक्सट्रा मेरिटल अफेयर्स के ही होते हैं। अभी तक के मामलों में 60 प्रतिशत पुरुष दोषी पाए गए हैं, जबकि10 प्रतिशत मामलों में महिलाएं दोषी पाई गई हैं। कुछ केसेज में तो काउंसलिंग के द्वारा दोनों पक्षों को समझा लिया जाता है। लेकिन कई मामलों में पुरुष मानने को तैयार नहीं होते, जिसकी वजह से महिलाओं को काफी दिक्कतें आती हैं। इसके लिए सख्त कानून का होना बेहद जरूरी है।

पहले जहां एक से दो केसेज ऐसे आते थे वहीं इस साल ऐसे मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इन केसेज को सुलझाने में दिक्कत यह आती है कि इनमें सख्त धारा का प्रावधान नहीं है। जो धारा है उसमें भी केवल 6 महीने की सजा हो सकती है। -मीना कुमारी, महिला प्रोटेक्शन ऑफिसर, गुड़गांव

समाज में बदलता ट्रेंड व बदलती जरूरतें इसके लिए जिम्मेदार हैं। साइबर सिटी में अधिकतर दंपती कामकाजी हैं। दोनों के ऑफिस का समय अलग-अलग होने की वजह से पति-पत्नी एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते। इसकी वजह से उनका भावनात्मक लगाव अपने सहकर्मी या किसी नजदीकी दोस्त के साथ होने लगता है, जो एक्सट्रा मेरिटल अफेयर का रूप ले लेता है। -डॉ. वाणी जैन, मनोविशेषज्ञ, गुड़गांव

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