केन्द्र ने ठुकराया अकाल राहत पैकेज
जयपुर। केन्द्रीय गृह व वित्त मंत्रालय ने प्रदेश के मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य सरकार के 7 हजार करोड़ रूपए के राहत पैकेज देने के प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है। इन मंत्रालयों
की ओर से राजस्थान के हालात पर गठित कमेटियों ने कहा है कि अब राज्य को यह पैकेज देने की कोई आवश्यता नहीं है। यहां पर्याप्त बारिश हो चुकी है और कुछ जिले जो बारिश से अछूते थे, वहां भी अब स्थितियां ठीक है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 27 जुलाई को केंद्रीय गृह व वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेज कर प्रदेश में सूखे से निपटने के लिए 7424 करोड़ रूपए का अकाल राहत पैकेज मांगा था।
मंत्रालय का तर्क था कि 5 अगस्त तक अगर प्रदेश में बारिश नहीं होती है तो पैकेज दे दिया जाएगा लेकिन प्रदेश में 6 अगस्त से झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया। मंत्रालयों का मानना है कि जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, करौली, धौलपुर, दौसा जिलों में जरूरत से ज्यादा बारिश है, तो जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर व बाड़मेर में भी अकाल राहत पैकेज की जरूरत नहीं है।
जयपुर। केन्द्रीय गृह व वित्त मंत्रालय ने प्रदेश के मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य सरकार के 7 हजार करोड़ रूपए के राहत पैकेज देने के प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है। इन मंत्रालयों
की ओर से राजस्थान के हालात पर गठित कमेटियों ने कहा है कि अब राज्य को यह पैकेज देने की कोई आवश्यता नहीं है। यहां पर्याप्त बारिश हो चुकी है और कुछ जिले जो बारिश से अछूते थे, वहां भी अब स्थितियां ठीक है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 27 जुलाई को केंद्रीय गृह व वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेज कर प्रदेश में सूखे से निपटने के लिए 7424 करोड़ रूपए का अकाल राहत पैकेज मांगा था।
मंत्रालय का तर्क था कि 5 अगस्त तक अगर प्रदेश में बारिश नहीं होती है तो पैकेज दे दिया जाएगा लेकिन प्रदेश में 6 अगस्त से झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया। मंत्रालयों का मानना है कि जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, करौली, धौलपुर, दौसा जिलों में जरूरत से ज्यादा बारिश है, तो जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर व बाड़मेर में भी अकाल राहत पैकेज की जरूरत नहीं है।
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