हर गरीब परिवार को मिलेगा मोबाइल
नई दिल्ली। केंद्र की यूपीए सरकार 2014 के आम चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। जनता को लुभाने के लिए सरकार जनक्ल्याणकारी नीतियां बना रही है। इसी के तहत सरकार 7, 000 करोड़ रूपए की ऎसी योजना को अंतिम रूप देने में जुटी है जिसमें गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले प्रत्येक बीपीएल परिवार को एक मोबाइल दिया जाएगा।
पीएमओ के सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 15 अगस्त को "हर हाथ में फोन" योजना की घोषणा कर सकते हैं। इसमें ने केवल करीब 60 लाख बीपीएल परिवारों को मोबाइल फोन दिया जाएगा बल्कि 200 मिनट का फ्री लोकल टॉक टाइम भी दिया जाएगा।
योजना बनाने वाले सरकार के वरिष्ठ प्रबंधक इसे यूपीए-2 की सशक्तीकरण योजना के तौर पर पेश करना चाहते हैं। इस योजना से लाभान्वित होने वालों से सरकार संपर्क में तो रह ही सकेगी साथ ही इससे यूपीए को बड़ी जनसंख्या से सीधे संपर्क में रहने का अवसर भी मिलेगा जो चुनाव में अहम भूमिका अदा करती है।
इस योजना के लिए टेलिकॉम विभाग की यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लीगेशन फंड्स से पैसा जुटाया जा सकता है। एक अखबार के अनुसार इस योजना पर आने वाला 50 प्रतिशत खर्च उस बोली लगाने वाली कंपनी से वसूला जाएगा जो यह सेवा मुहैया कराएगी तथा शेष राशि यूएसओ फंड से ली जाएगी।
अनुमानों के अनुसार इस योजना पर 100 रूपए प्रति सेलफोन का खर्च आएगा। सरकार बोली के जरिए सर्विस शुल्क की भी सब्सिडी के तौर पर पूर्ति करने की संभावना तलाश रही है।
नई दिल्ली। केंद्र की यूपीए सरकार 2014 के आम चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। जनता को लुभाने के लिए सरकार जनक्ल्याणकारी नीतियां बना रही है। इसी के तहत सरकार 7, 000 करोड़ रूपए की ऎसी योजना को अंतिम रूप देने में जुटी है जिसमें गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले प्रत्येक बीपीएल परिवार को एक मोबाइल दिया जाएगा।
पीएमओ के सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 15 अगस्त को "हर हाथ में फोन" योजना की घोषणा कर सकते हैं। इसमें ने केवल करीब 60 लाख बीपीएल परिवारों को मोबाइल फोन दिया जाएगा बल्कि 200 मिनट का फ्री लोकल टॉक टाइम भी दिया जाएगा।
योजना बनाने वाले सरकार के वरिष्ठ प्रबंधक इसे यूपीए-2 की सशक्तीकरण योजना के तौर पर पेश करना चाहते हैं। इस योजना से लाभान्वित होने वालों से सरकार संपर्क में तो रह ही सकेगी साथ ही इससे यूपीए को बड़ी जनसंख्या से सीधे संपर्क में रहने का अवसर भी मिलेगा जो चुनाव में अहम भूमिका अदा करती है।
इस योजना के लिए टेलिकॉम विभाग की यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लीगेशन फंड्स से पैसा जुटाया जा सकता है। एक अखबार के अनुसार इस योजना पर आने वाला 50 प्रतिशत खर्च उस बोली लगाने वाली कंपनी से वसूला जाएगा जो यह सेवा मुहैया कराएगी तथा शेष राशि यूएसओ फंड से ली जाएगी।
अनुमानों के अनुसार इस योजना पर 100 रूपए प्रति सेलफोन का खर्च आएगा। सरकार बोली के जरिए सर्विस शुल्क की भी सब्सिडी के तौर पर पूर्ति करने की संभावना तलाश रही है।
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