सोमवार, 13 अगस्त 2012

क्या सोनिया को सिर्फ राहुल से प्यार है

क्या सोनिया को सिर्फ राहुल से प्यार है
नई दिल्ली। काला धन वापस लाने की मांग कर रहे योग गुरू बाबा रामदेव और उनके हजारों समर्थकों को हिरासत में लेना दिल्ली पुलिस को अब भारी पड़ रहा है। पुलिस की तरफ से रिहाई का ऎलान किए जाने के बाद भी अम्बेडकर स्टेडियम की अस्थाई जेल छोड़ने को बाबा और समर्थक तैयार नहीं है। शाम करीब छह बजे गिरफ्तारी देने स्टेडियम में पहुंचे रामदेव समर्थक भीतर ही जमे हुए हैं।

उधर, अम्बेडकर स्टेडियम में भी बाबा के तेवर कमजोर पड़ते नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने केन्द्रीय सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि स्टेडियम में यहां 50 हजार लोग भूखे प्यासे बैठे हैं किसी को इनकी चिंता नहीं है। उन्होंने सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या सोनिया को केवल अपने राहुल ही प्यार है या देशभक्त से भी प्यार है। रामदेव ने कहा कि जब तक समर्थकों को खाना-पिना नहीं मिलता तब तक वे खुद अनशन नहीं तोड़ेंगे।

उन्होंने दिल्ली और आसपास के लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि एक दिन जेल में रहो। अम्बेडकर स्टेडियम में आओ। जेल में जाना आंदोलनकारियों के लिए गौरव की बात है। यह आजादी की तीसरी लड़ाई है जो आर्थिक और सामाजिक सम्मान के लिए लड़ी जा रही है। अंधेरे के बीच समर्थकों को सम्बोधित करते हुए रामदेव ने कहा कि एरयकंडीशन में सोने वाली सरकार कम से कम स्टेडियम में लाइटें तो जलवा दे।

जेल में ही रहने को अड़े समर्थक

योग गुरू बाबा रामदेव को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में तो ले लिया लेकिन उन्हें बवाना के राजीव गांधी स्टेडियम में बनी अस्थाई जेल ले जाने में सफल नहीं हो पाई। आखिरकार बाद में दिल्ली गेट के समीप ही बाबा रामदेव और उनके समर्थकों को रखा गया। स्टेडियम पहुंचने के बाद दिल्ली पुलिस ने रामदेव को कहा कि गिरफ्तारी सिर्फ सांकेतिक थी इसलिए समर्थक जा सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने दो घंटे के भीतर स्टेडियम खाली कर देने की चेतावनी भी दी है। लेकिन बाबा और समर्थक स्टेडियम से बाहर जाने को तैयार नहीं है।

यूं चला घटनाक्रम

रामलीला मैदान से बाबा को करीब 1.45 बजे हिरासत में लिया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस उन्हें डीटीसी की एक बस में बैठाकर बवाना जेल के लिए रवाना हुई। लेकिन समर्थकों के बस के आगे जुट गए। धीमे-धीमे बस ने कुछ दूरी तय भी की लेकिन दिल्ली गेट तक पहुंचते-पहुंचते दिल्ली के प्रमुख मार्गों का ट्रेफिक जाम हो गया। बाबा के समर्थकों के हुजूम के आगे पुलिस को झुकना पड़ा। ऎसे में खुद रामदेव ने दिल्ली पुलिस को सुझाव दिया कि समीप ही अम्बेडकर स्टेडियम या कोटला मैदान में वे गिरफ्तारी देने को तैयार हैं। बाद में दिल्ली पुलिस ने अम्बेडकर स्टेडियम खुलकाकर उसे अस्थाई जेल का रूप दिया और हिरासत में लेने के करीब छह घंटे बाद बाबा रामदेव और उनके समर्थकों ने गिरफ्तारी दी। उधर, खबर यह भी है कि रामदेव को बाद में हरिद्वार ले जाया जा सकता है।

बाबा बस की छत पर ही डटे

बीते पांच घंटे से बाबा को जेल तक पहुंचा पाने में असफल रही पुलिस उन्हें छत से नीचे उतारने की कोशिश की पर वे नहीं माने। बाबा ने नीचे उतरने से पहले शर्तें रखी है कि या तो पुलिस समर्थकों के लिए भी बसों की व्यवस्था करे अथवा बवाना जेल कि बजाय समीप ही कोटला मैदान को जेल का रूप देकर सभी को वहां रखा जाए। बाबा ने आरोप लगाया कि सरकार ही चाहती है कि सड़क पर समर्थक जमे रहें नहीं तो वह गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त पुलिस लगाती। बाबा ने कहा है कि जब तक उनके समर्थकों के लिए भी समीप ही जेल की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक वे बस पर ही रहेंगे तथा उनके भी समर्थक डटे रहेंगे। आखिरकार पुलिस को झुकना पड़ा।

दिल्ली पुलिस हैरान-परेशान

काली पट्टी बांधकर बाबा और उनके समर्थक संसद के बाहर धरने के लिए सोमवार दोपहर करीब 1 बजे रामलीला मैदान से निकलेे। रंजीत सिंह फ्लाई ओवर पर बाबा का काफिला रोक दिया गया। बाबा जिस खुली जीप में सवार थे उस पर एसपी राजा राम चढ़ गए। उन्होंने बाबा का हाथ पकड़ लिया। इस पर बाबा ने कहा कि कांग्रेस का हाथ तो हमारे साथ नहीं है अब ये भी हमारा हाथ पकड़ रहे हैं।

योग गुरू ने कहा कि दिल्ली पुलिस केन्द्र के अधीन है। दिल्ली पुलिस केन्द्र के इशारे पर काम कर रही है। बाबा के काफिले को रोकने के लिए रंजीत सिंह फ्लाई ओवर पर बैरीकेट्स लगाए गए थे। यहां भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात थे। पुलिस के जवान लाठियों और हथियारों से लैस थे। आंसू गैस का भी इंतजाम किया गया था। समर्थकों की गिरफ्तारी के लिए 90 बसों की व्यवस्था की गई थी।

पुलिस कानून को अपने हाथ में न लें

बाबा ने कहा कि उनका धरना शांतिपूर्वक चलेगा। समर्थक कोई हिंसा नहीं करेंगे। वे किसी निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। वे कानून को अपने हाथ में नहीं लेंगे। अगर कोई असामाजिक तत्व कानून व्यवस्था बिगाड़ता है तो उसकी जिम्मेदारी पुलिस पर होगी। बाबा ने कहा कि आंदोलन की ताकत सरकार नहीं होती है। आंदोलन की ताकत देश की जनता होती है। उन्होंने कहा कि लड़ाई खत्म नहीं हुई है बड़ी लड़ाई की शुरूआत हो रहा है।

गूंगी बहरी हो गई है सरकार
बाबा ने कहा कि 13 तारीख से इस यूपीए सरकार की तेरहवीं शुरू हो गई है। योग गुरू ने कहा कि संसद में भी ईमानदार लोग हैं लेकिन जो लोग देश बचाने के लिए साथ नहीं है। जो लोग देश को लूटने में लगे हैं उनका सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार होगा। अब बैठने का वक्त बीत गया है। जिस सरकार ने देश की पुकार नहीं सुनी। गरीब और भूखी जनता की आवाज नहीं सुनी। हमने उनकी आवाज को उठाने की कोशिश की लेकिन सरकार ने हमारी आवाज भी नहीं सुनी। इसलिए उस गूंगी बहरी सरकार को आवाज सुनाने के लिए संसद के बाहर धरना दिया जाएगा।

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